नई दिल्ली: राजधानी में बुधवार को चेहल्लुम जुलूस निकाल गया. यह जुलूस मुहर्रम के 40वें दिन निकाला जाता है. इस दौरान जुलूस में शामिल हुए अल्ताफ ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन की शहादत की याद में हर साल चेहल्लुम मनाया जाता है. वे पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब के पोते थे. जुलूस उत्तरी दिल्ली में चितली कबर से कर्बला तक निकाला गया.
उन्होंने बताया कि जुलूस में करीब डेढ़ लाख लोगों ने हिस्सा लिया. अब अगला जुलूस 17 दिन बाद निकाला जाएगा. यह जुलूस उत्तरी दिल्ली में चितली कबर, मटिया महल, जामा मस्जिद, हौज काजी, अजमेरी गेट, पहाड़गंज ब्रिज, चेम्सफोर्ड रोड और नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से होते हुए दरगाह शाह-ए-मर्दन और बाद में कर्बला पहुंचा. जुलूस को लेकर ट्रैफिक पुलिस और पुलिस की तरफ से सुरक्षा इंतजाम किए गए थे और इसके निर्धारत मार्ग से वाहनों को डायवर्ट किया गया था.
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बताया जाता है कि हजरत इमाम हुसैन अपने लश्कर के साथ कर्बला में लड़ रहे थे. तब मोहर्रम महीने की 10 तारीख को वे यजीदियों से लड़ते-लड़ते शहीद हो गए थे. इमाम हुसैन हजरत मोहम्मद, सल्लल्लाहो ताला अलेही वसल्लम के नवासे थे, जिनकी कुर्बानी के ठीक 40 दिन के बाद चेहल्लुम मनाया जाता है. इस दिन मुस्लिम समुदाय के लोग इमामबाड़ा या फिर मजार पर इकट्ठा होकर हजरत इमाम हुसैन की शहादत की कहानियां सुनते हैं और अपने आप को गमजदा महसूस करते हैं. इसके साथ हजरत इमाम हुसैन की याद में लोग फतिहा का इंतजाम करते है.
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