नई दिल्ली: राजधानी में चंद महीनों में 200 फीसदी मुनाफे का झांसा देकर लोगों से करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी संजीव उपाध्याय कई महीनों से फरार चल रहा था, जिसे आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर तीन दिन के रिमांड पर लेकर पुलिस टीम पूछताछ कर रही है. इस मामले में एक अन्य आरोपी को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है.
डबल कमाई का झांसा
संयुक्त आयुक्त ओपी मिश्रा ने बताया कि संजीव उपाध्याय और अरुण अग्निहोत्री ग्रेट इंडिया एक्सपो नाम से कंपनी चलाते हैं. उन्होंने लोगों से कंपनी में रुपये लगाने के लिए कहा और कुछ ही समय में रकम को डबल करने का झांसा दिया. उनके झांसे में आकर बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई जमा करा दी. काफी रकम एकत्रित होने के बाद उन्होंने लोगों को रुपये लौटाना बंद कर दिया. अपना दफ्तर और मोबाइल बंद कर वह फरार हो गए. पुलिस के अनुसार, 130 से अधिक शिकायतकर्ताओं ने आर्थिक अपराध शाखा को शिकायत की थी. जिस पर अगस्त 2020 में आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.
पुलिस के दबाव में किया सरेंडर
छानबीन के दौरान आरोपियों के बैंक खाते खंगाले गए. इससे पता चला कि सेल्फ चेक के माध्यम से संजीव उपाध्याय ने करोड़ों रुपये निकाले हैं. आरबीआई की तरफ से इस बात की पुष्टि की गई कि इस कंपनी को नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी की तर्ज पर काम करने की अनुमति नहीं थी. उन्होंने अवैध तरीके से लोगों से पैसे एकत्रित किए हैं. इनमें से एक आरोपी अरुण अग्निहोत्री को आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया था और वह न्यायिक हिरासत में चल रहा है, लेकिन दूसरा आरोपी संजीव उपाध्याय जांच में शामिल नहीं हो रहा था. वह दिल्ली से फरार हो चुका था. पुलिस टीम लगातार उसकी तलाश में दबिश दे रही थी. पुलिस के दबाव के चलते संजीव उपाध्याय ने सरेंडर कर दिया. उसे आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार कर लिया है और 3 दिन की रिमांड पर लिया है.
पांच करोड़ से ज्यादा की ठगी को दिया अंजाम
पूछताछ में आरोपी ने बताया कि वह और अरुण दोस्त हैं और राजधानी कॉलेज में साथ पढ़ते थे. वह रूस और उज्बेकिस्तान में छोटी-छोटी प्रदर्शनी आयोजित करते थे, जिनमें 20 से 25 स्टाल होते थे. वह इनमें से कुछ स्टॉल पर सजावट का सामान बेचते थे, जबकि अन्य स्टाल को किराए पर देते थे. उन्होंने लोगों को दिखाया कि वह बड़ा कारोबार करते हैं और इसमें मोटा मुनाफा है. उन्होंने लोगों को बताया कि उनके द्वारा जमा करवाई गई रकम को 18 से 24 महीने के भीतर डबल किया जाएगा. अभी तक की जांच से पता चला है कि लोगों ने पांच करोड़ रुपये से ज्यादा की राशि उनके पास जमा कराई थी.