नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संवैधानिक पीठ ने लंबे समय से दिल्ली की राजनैतिक और प्रशासनिक व्यवस्था में चल रहे घमासान का गुरुवार को पटाक्षेप कर दिया. इसमें कोर्ट ने फैसला सुनाया कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार ही दिल्ली की असली बॉस है. वहीं, सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष चौधरी अनिल कुमार ने खुशी व्यक्त किया है.
उन्होंने बयान जारी करते हुए कहा कि यह लड़ाई लम्बे समय से केंद्र सरकार और दिल्ली के बीच चल रही थी कि आखिरकार दिल्ली में एलजी के पास ज्यादा पावर है या मुख्यमंत्री के पास? इसी उठापटक के बीच दिल्ली की जनता दो पाटों के बीच मानो पिस रही थी. किसी भी मामले की जिम्मेदारी लेनी होती तो दिल्ली के मुख्यमंत्री एलजी पर थोप देते थे और एलजी से सवाल पूछने पर वे मुख्यमंत्री की जवाबदेही कहकर अपना पल्ला झाड़ लिया करते थे. अब सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ऐसा नहीं होगा. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अपनी जिम्मेदारियों से मुंह नहीं मोड़ना होगा और उन्हें जनता के हितों में हिसाब देना होगा. अब कोई भी बहाना नही चल सकेगा.
वहीं अनिल कुमार ने भाजपा की केंद्र सरकार पर भी निशाना साधते हुए कहा कि उन्हें भी देश की जनता के द्वारा चुनी हुई सरकारों का सम्मान करना चाहिए. जबर्दस्ती सत्ता हथियाने के हथकंडे से बचना चाहिए. देश की सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर न्याय व्यवस्था पर भरोसा कायम किया है. यह दिखाता है कि आम लोग आज भी कानून पर विश्वास कर सकता है.
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