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जेएनयू के कुलपति बोले- भारतीय भाषाओं में होनी चाहिए पढ़ाई

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि भारतीय भाषाओं में पढ़ाई होने से शोध कार्य में इजाफा होगा. स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन भारतीय भाषाओं में होनी चाहिए.

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Published : Feb 17, 2021, 2:22 PM IST

Chancellor of Jawaharlal Nehru University
जेएनयू के कुलपति

नई दिल्ली: देश को आजादी मिले 74 वर्ष हो गया है लेकिन आज भी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन अंग्रेजी भाषा ही है. स्कूल और विश्वविद्यालय में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन भारतीय भाषाओं में होनी चाहिए. यह बात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने 'इंडियन सोशल वर्क' वर्चुअल बुक लॉन्च के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में पढ़ाई होने से आत्मनिर्भर भारत और शोध कार्य में और इजाफा होगा.

'भारतीय भाषा में होनी चाहिए पठन-पाठन'

वहीं बुक लॉन्च के दौरान प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन भारतीय भाषा होगी तो इसका हर क्षेत्र में फर्क देखने को मिलेगा. इस मौके पर उन्होंने मशहूर वैज्ञानिक प्रोफेसर जगदीश चंद्र बोस का उदाहरण दिया और कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में हुई. जिसका फल स्वरूप पठन से लेकर उनके अविष्कारों में देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर प्रयासरत है और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भारतीय भाषाओं में पठन-पाठन काफी सहायक साबित होगा.

ये भी पढ़ें:-नास्‍कॉम टेक्‍नॉलॉजी एंड लीडरशिप फोरम में बोले मोदी- कोरोना में IT इंडस्ट्री में दो फीसदी ग्रोथ हुई

बता दें की नई शिक्षा नीति 2020 के तहत जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में कई विषयों में मातृभाषा और क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाई कराने की योजना बनाई जा रही है.

नई दिल्ली: देश को आजादी मिले 74 वर्ष हो गया है लेकिन आज भी स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन अंग्रेजी भाषा ही है. स्कूल और विश्वविद्यालय में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन भारतीय भाषाओं में होनी चाहिए. यह बात जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने 'इंडियन सोशल वर्क' वर्चुअल बुक लॉन्च के दौरान कही. उन्होंने कहा कि भारतीय भाषाओं में पढ़ाई होने से आत्मनिर्भर भारत और शोध कार्य में और इजाफा होगा.

'भारतीय भाषा में होनी चाहिए पठन-पाठन'

वहीं बुक लॉन्च के दौरान प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार ने कहा कि स्कूलों और विश्वविद्यालयों में मीडियम ऑफ इंस्ट्रक्शन भारतीय भाषा होगी तो इसका हर क्षेत्र में फर्क देखने को मिलेगा. इस मौके पर उन्होंने मशहूर वैज्ञानिक प्रोफेसर जगदीश चंद्र बोस का उदाहरण दिया और कहा कि उनकी प्रारंभिक शिक्षा मातृभाषा में हुई. जिसका फल स्वरूप पठन से लेकर उनके अविष्कारों में देखने को मिलता है. उन्होंने कहा कि सरकार आत्मनिर्भर भारत बनाने की ओर प्रयासरत है और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भारतीय भाषाओं में पठन-पाठन काफी सहायक साबित होगा.

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