नई दिल्लीः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने 10वीं की बोर्ड परीक्षाओं को कोरोना महामारी के चलते रद्द कर दिया है. वहीं दसवीं का परीक्षा परिणाम तैयार करने को लेकर मार्किंग पॉलिसी भी जारी की जा चुकी है. इस मार्किंग पॉलिसी में एवरेज ईयर के क्राइटेरिया के फेर में शिक्षक फंस चुके हैं. इसको लेकर शिक्षक संघ का कहना है कि जिन स्कूलों का परीक्षा परिणाम इस वर्ष ही सुधरा है, वह अब एवरेज ईयर के अनुसार बच्चों के अंक को कैसे एडजस्ट करें यह उनके सामने बहुत बड़ी चुनौती है.
एवरेज ईयर का सीबीएसई का क्या है क्राइटेरिया
बता दें कि दसवीं का परीक्षा परिणाम तैयार करने के लिए सीबीएसई द्वारा जारी की गई मार्किंग पॉलिसी में एक क्राइटेरिया एवरेज ईयर का भी है. एवरेज ईयर के तहत किसी भी स्कूल के पिछले 3 सालों में से एक एवरेज ईयर सीबीएसई द्वारा चयनित कर दिया जाएगा, जिसके आधार पर इस वर्ष का परीक्षा परिणाम तैयार करना होगा. साथ ही स्पष्ट किया गया है कि किसी भी स्कूल का रिजल्ट एवरेज ईयर के रिजल्ट से ज्यादा नहीं आ सकता.
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एवरेज ईयर का क्राइटेरिया शिक्षकों के लिए बना सिरदर्द
वहीं इस एवरेज ईयर के फेर में अब शिक्षक फंसते नजर आ रहे हैं. इसको लेकर संतराम, सेक्रेटरी, डिस्ट्रिक्ट वेस्ट ए, जीएसटीए का कहना है कि स्कूल अपने परीक्षा परिणाम को बेहतर बनाने के लिए कई प्रयास कर रहे हैं, ऐसे में बहुत से ऐसे स्कूल भी हैं जिनका परीक्षा परिणाम इसी साल सुधरा है. ऐसे में एवरेज ईयर का क्राइटेरिया उनके लिए सरदर्द बन गया है.
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उनका कहना है कि अंक बढ़ाकर आगे ले जाना तो आसान होता है, लेकिन पिछले सालों में आए परीक्षा परिणाम के अनुसार इस साल के अंकों को कम करके एडजस्ट करना काफी चुनौती भरा होगा. ऐसे में वह चाहते हैं कि सीबीएसई एक बार फिर इस क्राइटेरिया पर विचार करें या इसका कोई और विकल्प दे.
7 सदस्य समिति तैयार करेगी परीक्षा परिणाम
बता दें कि सीबीएसई ने दसवीं के परीक्षा परिणाम को लेकर कई अहम निर्देश दिए हैं, जिसके तहत 7 सदस्यीय समिति परीक्षा परिणाम तैयार करेगी तो वहीं छात्रों को प्री बोर्ड में मिले अंक के आधार पर अंक दिए जाएंगे. मालूम हो कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से दसवीं क्लास की परीक्षा इस वर्ष रद्द कर दी गई है.