नई दिल्ली: दिल्ली के सबसे बड़े व्यापारिक संगठनों में से एक कैट(CAIT) ने राजधानी में व्यापारियों की समस्याओं को लेकर रोडमैप तैयार किया है. जिसको लेकर जल्दी ही कैट, दिल्ली के उपराज्यपाल और अन्य केंद्रीय मंत्रियों से मुलाकात कर समस्याओं के समाधान का प्रयास करेगा. कैट के मास्टर प्लान 2041 के तहत दिल्ली में व्यापार के नए अवसर उत्पन्न हो उसको लेकर भी केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी के साथ नए सिरे से प्लानिंग कर काम किया जाएगा.
कैट ने एक प्रेस रिलीज जारी कर कहा है कि कुछ दिन पहले दिल्ली के भागीरथ पैलेस में लगी आग से 250 से अधिक दुकानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए कैट, दिल्ली इलेक्ट्रिकल ट्रेडर्स एसोसिएशन के साथ मिलकर एक समग्र योजना बनाकर उसकी भरपाई करने का काम करेगा. पूरे विषय को लेकर कैट दिल्ली के उपराज्यपाल वी के सक्सेना, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीथारमन एवं अन्य केंद्रीय मंत्रियों के सामने इस विषय को उठाकर समस्या के समाधान का प्रयास करेगा.
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कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल और दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष विपिन आहूजा ने बताया कि कैट(CAIT) ने दिल्ली की अपनी निकट भविष्य की योजनाओं के के तहत व्यापार को सीलिंग से बचाने के लिए एक एमनेस्टी स्कीम दिये जाने पर व्यापक योजना, नगर निगम द्वारा दिल्ली में प्राथमिकता के आधार पार्किंग स्थल बनाना, पुरानी दिल्ली के बाजारों को पार्किंग और कन्वर्जन शुल्क से मुक्त कराना, हाल ही में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी द्वारा डबल एफ़एआर देने पर समग्र नीति बनवाना, निगम द्वारा व्यापारियों से अनेक प्रकार के लिए जाने वाले करों की समीक्षा के लिए व्यापारियों के साथ एक संयुक्त उच्च समिति बनवाना, दिल्ली के बाजारों में सार्वजनिक सुविधाएं, सफाई एवं स्वच्छता की व्यवस्था करवाना, दिल्ली रेंट एक्ट को नए सिरे से परिभाषित कर पुरानी किरायेदारी को संरक्षण दिलवाना आदि को प्रमुखता से उठाने का निर्णय लिया है.
प्रवीन खंडेलवाल ने आगे कहा कि मास्टर प्लान 2041 में दिल्ली में व्यापार के बड़े अवसर उपलब्ध कराए जाने तथा मास्टर प्लान से संबंधित व्यापारियों की समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए कैट, केंद्र सरकार से बातचीत करेगा. 20 वर्गमीटर की दुकानों को 50 वर्गमीटर करने तथा दिल्ली सरकार द्वारा तुरंत 371 सड़कों को पारित करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाने पर भी जोर देगा. इसके अलावा व्यापारियों से जुड़े अन्य विषयों पर भी व्यापारिक संगठनों से बातचीत कर मुद्दे तय किए जाएंगे.
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