नई दिल्ली: देश के चर्चित कॉलेज में से एक जवाहर लाल नेहरू विश्व विद्यालय (जेएनयू) जो एक बार फिर विवादों में है. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के कैंपस के अंदर जगह-जगह दीवारों पर ब्राह्मण और वैश्य समुदाय के खिलाफ जातिसूचक शब्द लिखे गए. जिसको लेकर चौतरफा विरोध देखने को मिल रहा है. घटना के बाद से छात्रों में गुस्सा है.
सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म्स पर जेएनयू ट्रेंडिंग में पहुंच गया है. जेएनयू को टैग कर लोग अपनी बात लिख रहे हैं और जेएनयू के वीसी से मामले में एक्शन लेने की मांग कर रहे हैं.
विरोध को देखते हुए डीन ने लिया एक्शन
सोशल मीडिया पर जेएनयू प्रशासन को लोगों का गुस्सा झेलना पड़ रहा है. शुक्रवार को एक आपातकाल बैठक बुलाई गई, जिसमे डीन के साथ एसआईएस के चेयरपर्सन मौजूद रहे. मीटिंग में फैसला लिया गया कि एसआईएस-1 और एसआईएस-2 की बिल्डिंग 5 दिसंबर से बंद कर दी जाएगी.
यहां पर जो रीडिंग रूम्स हैं एसआईएस-2 के ग्राउंड फ्लोर पर शिफ्ट किया जाएगा. यह आदेश डीन ने जारी किया है.
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कुलपति ने किया जायजा
जेएनयू की कुलपति प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुडी पंडित ने शुक्रवार को SIS-I और SIS-II का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने साथ ही साथ छात्रों, कर्मचारियों और संकाय सदस्यों के साथ बातचीत की और उन्हें सतर्क रहने के लिए कहा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. कुलपति ने जेएनयू समुदाय से परिसर में समावेश, समानता और सद्भाव के जेएनयू लोकाचार को बनाए रखने की अपील की है.
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