नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विभांशु सुधीर ने थाना लोनी बॉर्डर के प्रभारी निरीक्षक समेत 35 पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया है. पुलिसवालों पर आरोप है कि उन्होंने महंत मोनू शर्मा और उनकी पत्नी दीपा के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कर दोनों को जेल भेज दिया था. चीफ ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट के आदेश में साफ कहा गया है कि संबंधित थानाध्यक्ष को आदेशित किया जाता है कि वर्तमान मामले में विपक्षीगण के विरुद्ध समुचित धाराओं के अंतर्गत नियम अनुसार मुकदमा दर्ज कर विवेचना करना सुनिश्चित करें.
जान से मारने की धमकीः दीपा के मुताबिक, उसका पति महंत मोनू शर्मा मंदिर का महंत है. वह परिवार सहित मंदिर में रहती है. मंदिर में जो भी चढ़ावा आता उससे गरीब और असहाय लोगों के लिए दवाइयां, पढ़ाई आदि में खर्च किया जाता है. साथ ही गरीब लोगों की लड़कियों की शादी भी कराई जाती है. आरोपी पक्ष इससे शायद नाखुश थे. आए दिन हमें मंदिर में आकर दो लाख रुपए रंगदारी की मांग करते हैं. और रंगदारी नहीं देने पर जान से मारने की धमकी देते रहते हैं.
झूठा केस में भेजा जेलः दीपा के मुताबिक, 6 जुलाई 2022 को मंदिर में एक गरीब कन्या का शादी समारोह था. इस दौरान तीनों लोगों ने मंदिर में आकर मारपीट की. उसका आरोप है कि तीनों विधायक के गुर्गे हैं. इसलिए पुलिस ने उन पर कार्यवाई ना कर उल्टा हम पर झूठा केस दर्ज कर जेल भेज दिया.