नई दिल्लीः कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (confederation of all india traders) ने जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council meeting) से पूर्व आज केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Union Finance Minister Nirmala Sitharaman) को पत्र लिखा है. CAIT ने सभी राज्यों के वित्तमंत्रियों को पत्र भेजा है. पत्र में जीएसटीआर रिटर्न दाखिल (GSTR return filing) करने की तारीख को 31 अगस्त तक आगे बढ़ाने की मांग की है. साथ ही जीएसटी अधिनियम (GST Act), नियमों के तहत लगने वाले विलंब शुल्क और ब्याज को इस अवधि के लिए समाप्त करने की मांग की गई है.
महामारी से जुड़े चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी कम करने की मांग
कैट (CAIT) ने यह भी आग्रह किया है कि कोविड महामारी (Covid epidemic) और ब्लैक फंगस (Black fungus) के इलाज के लिए आवश्यक सभी चिकित्सा और शल्य चिकित्सा उपकरणों पर जीएसटी की दर को भी काफी कम किया जाए. कैट ने व्यापारियों के लिए वित्तीय पैकेज और बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से लिए गए ऋण पर छह महीने की मोहलत की भी मांग की है.
'फिर वित्तीय संकट का सामना करना पड़ेगा'
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने सीतारमण को भेजे पत्र में कहा कि वर्तमान में कोरोना ने देश के घरेलू व्यापार को काफी हद तक तबाह कर दिया है. ऐसे समय में जब व्यापारी पिछले वर्ष के लॉकडाउन से उबार ही रहे थे कि कोरोना की दूसरी आ गई और दोबारा लॉकडाउन का सामना करना पड़ा है. जिससे लॉकडाउन खुलने के बाद व्यापारियों को एक बार फिर वित्तीय संकट (Financial Crisis) का सामना करना पड़ेगा.
कैट ने वित्त मंत्री को 22 मई, 2021 को भेजे एक विस्तृत ज्ञापन में जीएसटी कर प्रणाली को आसान बनाने का आग्रह किया था. लेकिन शुक्रवार को जीएसटी काउंसिल की बैठक (GST Council meeting) बैठक के मद्देनजर कैट ने कुछ बेहद जरूरी विषय उठाये हैं.
'व्यापारियों के लिए वित्तीय पैकेज की आवश्यकता'
प्रवीन खंडेलवाल (Praveen Khandelwal) ने व्यापारियों के लिए वित्तीय पैकेज (trader financial package) की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा कि केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर व्यापारियों को वित्तीय सहायता देने का प्रारूप तैयार करें. CAIT ने वित्तमंत्री से अनुरोध किया है कि वह (GST Council) के अन्य सदस्यों के साथ बातचीत कर व्यापारियों को वित्तीय पैकेज देने की घोषणा करें.
मोरोटोरियम घोषित करने की मांग
कैट ने केंद्रीय वित्तमंत्री से आग्रह किया है कि सरकार बैंकों को निर्देश जारी करें कि ईएमआई, ब्याज आदि के भुगतान के लिए छह महीने की अवधि का एक मोरेटोरियम (CAIT Moratorium Demand) घोषित हो. चूंकि व्यापारी सरकार के मानद कर संग्रहकर्ता हैं, इसलिए हमें केंद्र और राज्य सरकारों से ऐसी वित्तीय सुविधाओं की मांग करने का पूर्ण अधिकार है. गौरतलब है कि पिछले साल लॉकडाउन के दौरान व्यापारियों को किसी भी पैकेज के तहत राहत नहीं दी गई थी.