नई दिल्ली: AAP और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भाजपा ने दो सवाल पूछे. जब एलजी के घर के अंदर आप नेताओं का धरना संविधानिक तो भाजपा नेताओं का धरना कैसे गैर संवैधानिक है? AAP नेता एक ही विषय पर दो अलग-अलग आरोप लगाते हैं. इनमें आपसी सहमति नहीं है. ढाई हजार करोड़ के घोटाले की जांच हो और कमेटी सात दिन में अपनी रिपोर्ट पेश करे. निगम के पार्षद दोषी पाए जाने पर मेयर जयप्रकाश इस्तीफा देंगे, पार्षदों के दोषी ना पाए जाने पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इस्तीफा दें.
अरविंद केजरवाल अपनी पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दें
दिल्ली भाजपा उपाध्यक्ष राजीव बब्बर और नॉर्थएमसीडी मेयर जयप्रकाश ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान स्पष्ट तौर पर कहा कि AAP के द्वारा जो ढाई हजार करोड़ के घोटाले के आरोप लगाए जा रहे हैं वह झूठे हैं. इस पूरे मामले पर AAP नेताओं में खुद सहमति नहीं है. 24 घंटे पहले एक नेता बोलता है कि ₹2500 करोड़ माफ कर दिए. वहीं दूसरा नेता 24 घंटे बाद बोलता है कि ढाई हजार करोड़ का घोटाला हुआ है. पहले यह लोग तय कर लें कि मामला क्या है .7 दिन में जो कमेटी इस पूरे मामले की जांच के लिए बनाई गई है. वह अपनी रिपोर्ट दें. यदि भाजपा के पार्षद दोषी पाए जाते हैं तो मेयर जयप्रकाश इस्तीफा देंगे.अन्यथा झूठे आरोप लगाने को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरवाल अपनी पूरी कैबिनेट के साथ इस्तीफा दें.
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कुल मिलाकर देखा जाए तो दिल्ली BJP के द्वारा की गई आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में AAP द्वारा लगाए जा रहे ढाई हजार करोड़ रुपए के घोटाले को पूर्णता झूठा बताया गया है. साथ ही साथ नॉर्थएमसीडी मेयर जयप्रकाश और दिल्ली BJP उपाध्यक्ष राजीव बब्बर द्वारा दिल्ली सरकार को चुनौती दी गई है कि 7 दिनों में इस पूरे मामले को लेकर जांच पूरी करें और तथ्यों के साथ रिपोर्ट सबके सामने रखें.यदि कोई भी पार्षद दोषी पाया गया तो मेयर जयप्रकाश इस्तीफा देंगे. अन्यथा दोषी ना पाए जाने पर दिल्ली के मुख्यमंत्री कैबिनेट के साथ दे इस्तीफा.