नई दिल्ली :देश की राजधानी दिल्ली इन दिनों प्रदूषण की मार झेल रही है दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण को लेकर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का उच्च स्तरीय बैठकों का दौर लगातार जारी है . जिसमें संबंधित विभाग के सभी बड़े अफसर अधिकारी और आम आदमी पार्टी के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय, मंत्री आतिशी, सौरभ भारद्वाज समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के द्वारा बुलाई गई बैठक को लेकर भाजपा के नेताओं ने AAP पार्टी और दिल्ली सरकार पर निशाना साधा है. दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा और प्रवक्ता हरीश खुराना ने ग्रैप सिस्टम को लेकर भी अरविंद केजरीवाल सरकार को जमकर खड़ी खोटी सुनाई है.
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वीरेंद्र सचदेवा ने कहा है कि दिल्ली के अरविंद केजरीवाल प्रचार से वापस आ गए हैं और उन्हें अब दिल्ली के प्रदूषण की याद आ रही है. दिल्लीवासियों की उन्हें अब फिक्र हो रही है, लेकिन सिर्फ मीटिंग और बैठक करने से कुछ नहीं होगा. जब तक आपके पास कोई ठोस उपाय नहीं है. प्रदूषण को लेकर जो प्रयास किए जाने चाहिए पिछले 9 सालों में आपने कुछ कार्य नहीं किया. दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण का कारण पंजाब है. जहां पर आपकी सरकार है और जब वहां पर आम आदमी पार्टी की सरकार नहीं थी तो हर रोज दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पंजाब को जिम्मेदार ठहराते थे. आज वहां पर उनकी सरकार है तो इस वजह से पूरे मामले पर चुप्पी साधे रहना चाहते हैं और दोष हरियाणा पर डालते है. मैं बताना चाहता हूं कि पंजाब में बीते रविवार को केवल 3230 पराली जलाने के सामने आए हैं. दिल्ली में प्रदूषण का मुख्य कारण खराब सड़क हैं और दूसरा सबसे बड़ा मुख्य कारण पंजाब में जल रही पराली है.
हरीश खुराना ने भी दिल्ली सरकार के ग्रैप सिस्टम पर सवाल खड़े किए
दिल्ली बीजेपी के नेता हरीश खुराना ने भी दिल्ली सरकार के ग्रैप सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि पंजाब में बीते रविवार को पराली जलाने के 3230 मामले सामने आए हैं. पिछले 8 दिनों में पंजाब में पराली जलाने के मामले अधिक आए हैं. इसके साथ ही पिछले महीने 17000 मामले सामने आए थे.
हरियाणा में सिर्फ दो हजार पराली जलाने के सामने आए
दिल्ली के मुख्यमंत्री पंजाब की तुलना हरियाणा से करते तो मैं उन्हें बताना चाहता हूं कि हरियाणा में बीते रविवार को सिर्फ 150 मामले पराली जलाने के मामले सामने आए हैं. पंजाब में 3230 मामले सामने आए हैं. अगर 1 महीने की बात करें तो 17000 मामले पंजाब में पराली जलाने के सामने आए हैं ,जबकि हरियाणा में सिर्फ दो हजार रहा है. अक्टूबर नवंबर महीने में दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ता है. क्योंकि पंजाब में पराली जलाई जाती है और वहां पर उनकी सरकार है इसलिए वो खामोश है और सारा दोष अन्य राज्यों पर डालते हैं. मुख्यमंत्री को समझना चाहिए और पराली की समस्या और दिल्ली के प्रदूषण पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है .
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