नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने दिल्ली सरकार में मंत्री कैलाश गहलोत के इस्तीफे की मांग को लेकर सिविल लाइन स्थित उनके आवास के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. भारी संख्या में बीजेपी की महिला कार्यकर्ता और कई बड़े पदाधिकारी मंत्री के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं. दरअसल, बीजेपी नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के आरोपी पूर्व अधिकारी के साथ मंत्री की संलिप्तता का आरोप लगा रही है.
दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने मंगलवार को ही प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आह्वान कर दिया था कि कार्यकर्ता कैलाश गहलोत के इस्तीफे की मांग को लेकर प्रदर्शन करेंगे. दरअसल, दिल्ली सरकार के बाल विकास एवं कल्याण मंत्रालय के अधिकारी रहे प्रमोदय खाखा ने अपने ही दोस्त की एक नाबालिग बेटी के साथ दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया था. इसके बाद से ही भाजपा लगातार आम आदमी पार्टी पर हमलावर है, हालांकि आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और मामले में जांच चल रही है.
वहीं दूसरी तरफ दिल्ली भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि कैलाश गहलोत ने उस आरोपी को OSD नियुक्त किया था. इस पूरे मामले में दिल्ली के मंत्री गहलोत को इस्तीफा देना चाहिए. अगर उनमें नैतिकता बची है तो वह इस्तीफा जरूर देंगे. बात-बात पर इस्तीफा मांगने वाले अरविंद केजरीवाल आज अपने मंत्री का पक्ष क्यों ले रहे हैं? क्यों वह इस पूरे मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं?
सिविल लाइन स्थित मंत्री कैलाश गहलोत के आवास के बाहर प्रदर्शन कर रहे भाजपा के कार्यकर्ताओं का कहना है कि इस पूरे मामले में दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने उस व्यक्ति को आगे बढ़ाया और प्रमोशन दिया, जिसने महीनों तक एक बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. 13 अगस्त को इस व्यक्ति पर एफआईआर दर्ज हुई थी लेकिन दिल्ली सरकार और मुख्यमंत्री ने कोई कार्रवाई नहीं की. जब मामला मीडिया में आया तब उस आरोपी को बर्खास्त किया गया.
वीरेंद्र सचदेवा ने मंगलवार को दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल सिर्फ ड्रामा करती है, जबकि सबको पता है कि उस व्यक्ति को किसने ओएसडी बनाया था और दिल्ली सरकार के मंत्री कैलाश गहलोत को इस्तीफा दे देना चाहिए. केजरीवाल इस पूरे मामले पर क्यों चुप हैं? उन्होंने कहा कि कल जिस अधिकारी को सस्पेंड किया गया है, उस अधिकारी को विशेष रूप से OSD कैबिनेट मंत्री कैलाश गहलोत ने नियुक्त किया था. हैरानी की बात है कि अभी तक कोई भी जवाब कैलाश गहलोत की तरफ से नहीं आया है.
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