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शीर्ष पद पर कैसा व्यवहार होना चाहिए, प्रणब दा ने किया साबित: श्याम जाजू

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Published : Sep 1, 2020, 7:12 AM IST

भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन हो गया. वे 84 वर्ष के थे. कुछ दिन पूर्व ही ब्रेन सर्जरी के लिए उन्हें दिल्ली के सैन्य अस्पताल में भर्ती कराया गया था. राष्ट्रपति के साथ कई दिग्गज नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. इसी क्रम में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने भी प्रणब मुखर्जी को ईटीवी भारत के जरिए याद किया.

bjp national vice president shyam jaju paid tribute to former president of india pranab mukherjee
पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्याम जाजू ने किया याद

नई दिल्ली: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हमारे बीच नहीं रहें. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने ईटीवी भारत के साथ उनसे जुड़े संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तो वे उनसे मिलने राष्ट्रपति भवन गए थे. श्याम जाजू ने कहा कि तब बीजेपी ने उन्हें उत्तराखंड का प्रभारी बनाया था. उस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में थी. वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने वे प्रणब मुखर्जी से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे गए थे.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्याम जाजू ने किया याद

सिफारिश को सहजता से सुना

श्याम जाजू ने कहा कि उत्तराखंड के राजनीतिक हालात को उन्होंने राष्ट्रपति के साथ साझा किया. उनसे निवेदन किया कि वे उत्तराखंड के राज्यपाल को आदेश दें कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. उस समय केंद्र में बीजेपी विपक्ष में थी. तब भी राष्ट्रपति महोदय ने बहुत ही सहज तरीके से उनकी सारी बातें सुनी, विनम्रता से कहा कि जो भी संविधान प्रदत अधिकार उन्हें मिला है वे जरूर उसका पालन करते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल को आदेश जारी करेंगे. इतने सहज थे प्रणब मुखर्जी.

'शीर्ष पद पर कैसा व्यवहार होना चाहिए, प्रणब दा ने साबित किया'

राष्ट्रपति पद पर रहते हुए कैसा व्यवहार होना चाहिए. प्रणब मुखर्जी ने उसे साबित किया है. श्याम जाजू कहते हैं कि जब भी उनसे मुलाकात होती है, उनसे कुछ बातें साझा करता तो उसे वह अपने ज्ञान के माध्यम से समृद्ध करते. देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन काल में सभी महत्वपूर्ण पदों पर रहे इन पदों पर रहते हुए आदमी इतना विनम्र हो सकता है यह उन्होंने साबित किया.

उनका कार्यकाल सदैव रहेगा याद

श्याम जाजू कहते हैं, उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को सदैव याद रखा जाएगा. अपनी विनम्रता, धार्मिकता, ग्रामीण पृष्ठभूमि को सदैव सहज दिखने वाले प्रणब मुखर्जी ने कभी छिपाया नहीं. दुर्गा पूजा में वे अपने पैतृक गांव में जाकर परिवार के साथ वहां पूजा-पाठ करना उनके धार्मिक प्रवृत्ति को बताता था.

लोकतंत्र में किसी संस्था का बहिष्कार नहीं

नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में जब वे मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे. देशभर में अलग तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी. लेकिन उन्होंने इसकी कोई परवाह नहीं की. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र देश है. किसी भी संस्था का बहिष्कार नहीं किया जा सकता और बहुत ही सहज तरीके से आरएसएस के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वे हिस्सा लेने पहुंचे. प्रणब मुखर्जी का चहेता वर्ग हर एक राजनीतिक दल में था. राष्ट्रपति रहते हुए स्कूल में जाकर बच्चों को पढ़ाना, उन्हें शिक्षा देना यह एक संदेश है कि वे जमीन से जुड़े हुए नेता थे.

नई दिल्ली: देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी हमारे बीच नहीं रहें. बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू ने ईटीवी भारत के साथ उनसे जुड़े संस्मरण को साझा करते हुए कहा कि जब प्रणब मुखर्जी राष्ट्रपति थे, तो वे उनसे मिलने राष्ट्रपति भवन गए थे. श्याम जाजू ने कहा कि तब बीजेपी ने उन्हें उत्तराखंड का प्रभारी बनाया था. उस दौरान उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार अल्पमत में थी. वहां पर राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने वे प्रणब मुखर्जी से मिलने राष्ट्रपति भवन पहुंचे गए थे.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को श्याम जाजू ने किया याद

सिफारिश को सहजता से सुना

श्याम जाजू ने कहा कि उत्तराखंड के राजनीतिक हालात को उन्होंने राष्ट्रपति के साथ साझा किया. उनसे निवेदन किया कि वे उत्तराखंड के राज्यपाल को आदेश दें कि राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाया जाए. उस समय केंद्र में बीजेपी विपक्ष में थी. तब भी राष्ट्रपति महोदय ने बहुत ही सहज तरीके से उनकी सारी बातें सुनी, विनम्रता से कहा कि जो भी संविधान प्रदत अधिकार उन्हें मिला है वे जरूर उसका पालन करते हुए उत्तराखंड के राज्यपाल को आदेश जारी करेंगे. इतने सहज थे प्रणब मुखर्जी.

'शीर्ष पद पर कैसा व्यवहार होना चाहिए, प्रणब दा ने साबित किया'

राष्ट्रपति पद पर रहते हुए कैसा व्यवहार होना चाहिए. प्रणब मुखर्जी ने उसे साबित किया है. श्याम जाजू कहते हैं कि जब भी उनसे मुलाकात होती है, उनसे कुछ बातें साझा करता तो उसे वह अपने ज्ञान के माध्यम से समृद्ध करते. देश के राष्ट्रपति रहे प्रणब मुखर्जी ने अपने जीवन काल में सभी महत्वपूर्ण पदों पर रहे इन पदों पर रहते हुए आदमी इतना विनम्र हो सकता है यह उन्होंने साबित किया.

उनका कार्यकाल सदैव रहेगा याद

श्याम जाजू कहते हैं, उनके राष्ट्रपति पद के कार्यकाल को सदैव याद रखा जाएगा. अपनी विनम्रता, धार्मिकता, ग्रामीण पृष्ठभूमि को सदैव सहज दिखने वाले प्रणब मुखर्जी ने कभी छिपाया नहीं. दुर्गा पूजा में वे अपने पैतृक गांव में जाकर परिवार के साथ वहां पूजा-पाठ करना उनके धार्मिक प्रवृत्ति को बताता था.

लोकतंत्र में किसी संस्था का बहिष्कार नहीं

नागपुर में आरएसएस के कार्यक्रम में जब वे मुख्य अतिथि के तौर पर पहुंचे थे. देशभर में अलग तरह की चर्चाएं शुरू हो गई थी. लेकिन उन्होंने इसकी कोई परवाह नहीं की. उन्होंने कहा कि भारत लोकतंत्र देश है. किसी भी संस्था का बहिष्कार नहीं किया जा सकता और बहुत ही सहज तरीके से आरएसएस के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में वे हिस्सा लेने पहुंचे. प्रणब मुखर्जी का चहेता वर्ग हर एक राजनीतिक दल में था. राष्ट्रपति रहते हुए स्कूल में जाकर बच्चों को पढ़ाना, उन्हें शिक्षा देना यह एक संदेश है कि वे जमीन से जुड़े हुए नेता थे.

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