नई दिल्लीः विधानसभा में बीजेपी विधायकों ने मंगलवार को दिल्ली सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया और शोक प्रकट करने के मकसद से काले कपड़े और काली पगड़ी पहनकर पहुंचे. उनका कहना था कि केजरीवाल सरकार तानाशाहीपूर्ण और मनमाना रवैया अपनाते हुए गला घोंट रही है.
विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी का कहना था के नियमानुसार नियम-55 के अंतर्गत भ्रष्टाचार पर चर्चा को मंजूरी देने के बावजूद उन्हें सदन में बोलने की इजाजत नहीं दी गई. छह विधायकों को मार्शल द्वारा विधानसभा से बाहर निकाल दिया गया. इसके चलते वे और बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता वाकआउट कर गए. संविधान द्वारा प्रदत्त अधिकारों को छीनने के कारण बीजेपी के सभी विधायकों ने इसके बाद विधानसभा परिसर में बाबा साहेब अम्बेडकर की प्रतिमा के सामने धरना दिया.
यह भी पढ़ेंः केजरीवाल बोले- LG हमारे सिर पर आकर बैठ गए, उनके पास तो पावर तक नहीं है
नेता विपक्ष रामवीर सिंह विधूड़ी ने कहा कि बीजेपी के विधायकों ने नियम-55 के अंतर्गत विषय उठाने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के पास नोटिस भेजा था, जिसे मंजूर कर लिया गया. बीजेपी विधायक केजरीवाल सरकार के भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाना चाहते थे. केजरीवाल सरकार पूरी तरह भ्रष्टाचार में डूबी हुई है. शराब घोटाले में हजारों करोड़ रुपए AAP नेताओं की जेब में जाने के पर्याप्त सबूत सामने आ चुके हैं. क्लास रूम घोटाले में तो स्वयं केंद्रीय सतर्कता आयोग ने रिपोर्ट दी है.
जल बोर्ड घोटाले का आलम यह है कि 2016 के बाद न तो बैलेंस शीट बनी है और न ही ऑडिट हुआ है. डीटीसी की एक हजार बसों की खरीद में घोटाले का भेद खुलने के बाद स्वयं केजरीवाल सरकार को वर्क ऑर्डर कैंसिल करना पड़ा. बिजली सबसिडी घोटाला भी किसी से छिपा नहीं है, जिसमें प्राइवेट कंपनियों को हजारों करोड़ रुपये का अवैध लाभ पहुंचाया गया.
बीजेपी विधायक अभय वर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल स्वयं भ्रष्टाचार के पोषक बने हुए हैं क्योंकि उनके अपने मंत्री सत्येंद्र जैन लगभग आठ महीने से जेल में हैं, लेकिन केजरीवाल उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने के लिए तैयार नहीं हैं. केजरीवाल का मंत्रिमंडल अब भ्रष्टाचारियों की मित्रमंडली बन गई है.
उन्होंने कहा कि बीजेपी विधायकों ने नियमानुसार यह विषय उठाने के लिए अनुरोध किया था और इसे एजेंडा में भी शामिल कर लिया गया लेकिन स्पीकर ने विधानसभा में उठाने की अनुमति नहीं दी. बीजेपी विधायक मोहन सिंह बिष्ट, ओमप्रकाश शर्मा, जितेंद्र महाजन, अनिल वाजपेयी, अजय महावर और अभय वर्मा को मार्शल द्वारा बाहर निकलवा दिया गया. इसके विरोध में बिधूड़ी और विजेंद्र गुप्ता ने वाकआउट कर दिया.
केजरीवाल और उनके साथियों को पता है कि ये मामले विधानसभा में उठने के बाद उनके पास कोई जवाब नहीं होगा और सदन में उनकी किरकिरी होगी. इसीलिए उन्होंने लोकतंत्र की हत्या करते हुए सदन में यह विषय नहीं उठाने दिया. दुनिया में कहीं भी ऐसा उदाहरण नहीं मिलेगा जहां अनुमति देने के बाद सदन में किसी विषय पर न बोलने दिया गया हो.