नई दिल्ली: बीते 18 जुलाई को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान घोषणा की थी कि केंद्र सरकार अनऑथराइज्ड कॉलोनियों को ऑथोराइज़्ड करने के दिल्ली सरकार के प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए तैयार हो गई है.
इसके लिए केंद्र की तरफ से 15 दिनों में जो रिपोर्ट मांगी गई थी, उसे केजरीवाल सरकार ने 7 दिनों में ही सौंप दिया. लेकिन भाजपा ने केजरीवाल की मंशा पर ही सवाल उठा दिया.
'केजरीवाल जनता को कर रहे हैं गुमराह'
इस मुद्दे पर अरविंद केजरीवाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अगले दिन ही मनोज तिवारी ने कहा कि केजरीवाल इस मुद्दे पर दिल्ली की जनता को गुमराह कर रहे हैं. सिर्फ मनोज तिवारी ही नहीं, दिल्ली भाजपा के दो और बड़े नेता भी इस मुद्दे पर केजरीवाल के खिलाफ मैदान में उतर गए. एक तरफ पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विजय गोयल ने जंतर मंतर पर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन किया. वहीं विजेंद्र गुप्ता ने भी इस मुद्दे पर नए आरोपों के साथ केजरीवाल के खिलाफ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दिया.
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'झूठा श्रेय ले रहे हैं केजरीवाल'
भाजपा नेताओं के इन आरोपों का जवाब देने के लिए सामने आए गोपाल राय ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उल्टा भाजपा को ही कटघरे में खड़ा कर दिया कि जो नेता प्रदर्शन कर रहे हैं, वे यह बताएं कि उन्होंने अनऑथराइज्ड कॉलोनी में रहने वाले लोगों के विकास के लिए क्या कार्य किया है. इधर भाजपा इस पक्ष के साथ डटी हुई है कि इन्हें ऑथोराइज़्ड करने के प्रयास में पूरा योगदान केंद्र सरकार का है और अरविंद केजरीवाल झूठा श्रेय ले रहे हैं.
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'महिलाओं को रजिस्ट्री शुल्क में मुक्ति दी जाए'
वहीं मनोज तिवारी ने इसे लेकर अब अरविंद केजरीवाल को पत्र में लिखा कि जब ये कॉलोनियां ऑथोराइज्ड हों, तो इनकी रजिस्ट्री में महिलाओं को रजिस्ट्री शुल्क में से मुक्ति दी जाए. मनोज तिवारी इस पत्र में भी इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल पर झूठा श्रेय लेने का आरोप लगाना नहीं भूले हैं.
दिल्ली के चुनावी इतिहास में जब भी मुद्दों की बात होती है, इनमें अनऑथराइज्ड कॉलोनियां पहले पायदान पर होती हैं. इस बार चुनाव से ऐन पहले दशकों से चला आ रहा यह मुद्दा समाप्त होता दिख तो रहा है, लेकिन इसके लिए श्रेय की होड़ इसके सियासी प्रभाव को कम नहीं करती नहीं दिख रही.