नई दिल्ली: राजधानी में जिस तरह से कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं. ऐसे में अफरा-तफरी का माहौल बन गया है. इसी बीच दिल्ली बीजेपी के नवनियुक्त अध्यक्ष आदेश गुप्ता तथा विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने मंगलवार को उपराज्यपाल से मुलाकात की. इन बीजेपी नेताओं ने दिल्ली में स्वास्थ्य सेवाएं सुधारने और बेड बढ़ाने के लिए दिल्ली सरकार को निर्देशित करने के संदर्भ में एक पत्र भी दिया.
उपराज्यपाल को दिए गए पत्र में बीजेपी के दोनों नेताओं ने कहा कि दिल्ली में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है. अब तक 29 हजार से ज्यादा लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं. जिनमें कई स्वास्थ्य और पुलिसकर्मी शामिल हैं. दिल्ली में बीते 24 घंटे में कोरोना के 1,007 केस सामने आ चुके हैं. विशेषज्ञ अंदेशा जता रहे हैं कि जून के अंत तक कोरोना संक्रमितों की संख्या दिल्ली में एक लाख तक पहुंच जाएगी. 31 जुलाई तक यह संख्या 5.5 लाख तक पहुंच सकती है. अगर ऐसा हुआ तो पहले से ही चरमराई दिल्ली की स्वास्थ्य सेवाएं पूरी तरह ध्वस्त हो जाएंगी.
स्वास्थ्य सेवा को सुधारने की जरूरत
ऐसे में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की जरूरत है. तभी कोरोना से लड़ाई संभव है. बीजेपी नेताओं ने उपराज्यपाल से अनुरोध किया कि दिल्ली की जनता की भलाई को देखते हुए दिल्ली सरकार को स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर करने के संबंध में निर्देशित करें. इसके लिए बीजेपी भी अपना पूरा सहयोग देने के लिए तैयार है.
उपराज्यपाल का जताया आभार
दिल्ली सरकार द्वारा दिल्ली के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों में दिल्ली के लोगों का ही इलाज करने के आदेश को जिस तरह उपराज्यपाल ने पलटा तो इस पर बीजेपी नेताओं ने आभार जताया. हालांकि उन्होंने उपराज्यपाल के संज्ञान में यह भी लाया कि दिल्ली के अस्पतालों में दिल्लीवालों को ही इलाज नहीं मिल रहा है. ऐसे में बाहरी राज्य वालों के इलाज का तो सवाल ही नहीं उठता. सभी लोग भली भांति परिचित हैं कि कोरोना जैसी बीमारी के इलाज के लिए कोई भी दिल्ली आने की जहमत नहीं करेगा. दिल्ली सरकार सिर्फ जनता को मूर्ख बनाने का काम कर रही है.
सरकार दे रही झूठा आश्वासन
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में बीजेपी नेताओं ने यह भी जिक्र किया हैं कि कोरोना काल में जहां दिल्ली सरकार को अपनी व्यवस्थाओं को सुधारने पर जोर देना चाहिए था. वहीं वह सिर्फ दूसरों पर उंगली उठा रहे हैं. दिल्ली सरकार अपनी विफलताओं को छुपाने के लिए कभी केंद्र सरकार के प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों को गलत बता रही है तो कभी प्राइवेट अस्पतालों को दोषी बताती है. दिल्ली के लोगों ने दिल्ली सरकार से ऐसी कल्पना नहीं की थी. दिल्ली सरकार अस्पतालों में बेड, कोरोना टेस्ट, मौत के आंकड़ों, एक्टिव मामलों को लेकर लगातार झूठ बोलकर दिल्ली के लोगों को झूठा आश्वासन दे रही है.