नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में रविवार को 250 वार्ड पर दिल्ली नगर निगम चुनाव (Delhi Municipal Corporation Election) के लिए मतदान संपन्न हो गया. सुबह के वक्त जिस तरह की रफ्तार दिखी, इससे ऐसा प्रतीत हुआ कि पिछली बार की तुलना में इस चुनाव में रिकॉर्ड स्तर पर मतदान होगा, लेकिन दोपहर तक रफ्तार धीमी हो गई और शाम को फिर तेजी से मतदान हुआ.
हालांकि, अब 250 वार्ड पर जितने उम्मीदवार खड़े थे, अब उन्हें 7 दिसंबर का इंतजार है, जब एमसीडी चुनाव के परिणाम आएंगे. एमसीडी में 50 फीसदी मतदान के बाद पार्टियों का क्या कहना है आइए जानते हैं...
दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने कहा कि रविवार को दिल्ली में हुए मतदान से स्पष्ट है कि जनता ने अरविंद केजरीवाल सरकार के घोटालों एवं झूठे प्रचार के विरुद्ध मतदान किया है. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी स्पष्ट बहुमत के साथ चौथी बार एमसीडी में वापसी कर रही है. भारतीय जनता पार्टी एक संगठन आधारित पार्टी है और हमारे कार्यकर्ताओं ने पूर्ण लगन के साथ पहले चुनाव प्रचार किया और मतदान के लिए लोगों को घर-घर जाकर उत्साहित किया. दोपहर तक दिल्ली में मतदान कम होने की चर्चा थी, लेकिन दोपहर बाद हमारे कार्यकर्ताओं द्वारा हर घर दस्तक देने से मतदान में आपेक्षित तेजी आई. कुछ वोट कटने की शिकायतें जरूर रही हैं, पर कुल मिलाकर दिल्ली राज्य चुनाव आयोग ने अच्छी व्यवस्था के साथ चुनाव कराया.
आप कार्यालय में सन्नाटाः आम आदमी पार्टी कार्यालय में सोमवार को किसी बड़े नेता की उपस्थिति दर्ज नहीं की गई. यहां सिर्फ पार्टी का काम संभाल रहे लोग ही मौजूद थे. हालांकि, पार्टी की नेता सारिका चौधरी ने कहा कि भाजपा ने कई जगहों पर पुलिस की मिलीभगत से मतदान स्लो कराने का काम किया. दिल्ली के लोगों ने भाजपा के खिलाफ मतदान किया है. 7 दिसंबर को हमारे हक में फैसला आएगा.
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कांग्रेस में भी सन्नाटाः आप पार्टी की तरह ही कांग्रेस कार्यालय में भी किसी बड़े नेता की उपस्थिति दर्ज नहीं की गई. यहां भी पार्टी के लिए काम करने वाले कर्मचारी ही दिखे. कांग्रेस नेताओं से भी जब उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो किसी भी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
वहीं, कांग्रेस नेता अनुज ने कहा कि कांग्रेस इस चुनाव में बहुत सकारात्मक परिणाम की उम्मीद लगा रही है. दिल्ली की जनता ने इन दोनों पार्टियों आप और बीजेपी के कुशासन को झेला है. अब वापस कांग्रेस की वही पुरानी शीला दीक्षित वाली काम करने वाली सरकार चाहती है.