नई दिल्लीः केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने फीडबैक मामले में मनीष सिसोदिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया है. 2016 में बीजेपी ने फीडबैक यूनिट को मुद्दा बनाया था और कहा था कि आम आदमी पार्टी ने अवैध तरीके से जासूसी के लिए इंस्ट्रूमेंट खरीदे थे. बीजेपी ने इसका खूब विरोध किया था. अब इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद केजरीवाल ने कहा कि ये एफआईआर तो कूड़ा है.
दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता हरीश खुराना ने कहा कि आपको कूड़ा कहने भर से काम नहीं चलेगा. आपको जवाब देना होगा. अब सवाल ये पूछा जाएगा कि आपने फीडबैक यूनिट क्यों बनाया और इसके लिए उन्होंने एलजी से परमिशन क्यों नहीं ली? आपने स्कूपिंग यूनिट के लिए एक करोड़ कहां खर्च किए. खुराना का कहना है कि आपने 700 लोगों की जासूसी कराई, जिसमें काफी जज थे. इसमें मीडिया के लोग थे, पॉलिटिशियन, अफसर थे. अन्य लोग थे. इन सब लोगों के नाम आपको बताने होंगे और ये काम बिना आपकी अनुमति के नही हुए होंगे और इसलिए इसकी जांच की आंच आप तक जरूर पहुंचेगी. इस मामले में जल्द ही आपके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज होगी.
वहीं, बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा का कहना है कि केजरीवाल सरकार ने अपने विरोधियों की जासूसी कराने के लिए एक फीडबैक यूनिट बनाया. इस यूनिट पर करोड़ों रुपये दिल्ली के खजाने से लूटा गया और इसका एक ही मकसद था कि जो उनके विरोधी हैं, उन पर नजर रखी जाए. सिसोदिया ने कहा कि अरविंद केजरीवाल एक कट्टर बेईमान आदमी हैं और वे मनीष सिसोदिया से वो सब करवा रहे हैं. चाहे वो खजाना लुटवाना हो या शराब के नाम से पैसे इकट्ठे करवाना हो, चाहे स्कूल बस के नाम पर पैसे इकट्ठे करवाना हो या फिर स्कूल के कमरे के नाम पर पैसा इकट्ठा करना हो. सिरसा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को अब इस्तीफा देना चाहिए क्योंकि जासूसी कांड की सच्चाई अब सामने आ गयी है और जल्द केजरीवाल पर भी कार्रवाई होगी.
वहीं, दिल्ली प्रदेश बीजेपी के कार्यकारी अध्यक्ष वीरेन्द्र सचदेवा ने जासूसी कांड मामले में मनीष सिसोदिया पर दर्ज की गई एफआईआर का स्वागत करते हुए इसे दिल्ली की जनता की जीत बताया है. सचदेवा ने कहा कि भाजपा शुरू से कहती रही है कि फीडबैक यूनिट का इस्तेमाल केजरीवाल द्वारा सिर्फ अपने विरोधियों को समाप्त करने, बड़े औद्योगिक घरानों और मीडिया हाउसेज सहित न्यायपालिका को ब्लैकमेल करने के लिए किया गया था. इसलिए जांच एजेंसी को इस यूनिट के सरगना केजरीवाल के खिलाफ भी देशद्रोह का मुकादमा दर्ज कर जांच करनी चाहिए.
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सचदेवा ने केजरीवाल पर फीडबैक यूनिट के माध्यम से विदेशी ताकतों को सूचना देने का गंभीर आरोप लगाया और कहा कि यह बेहद ही संवेदनशील विषय है और यह देशद्रोह का मामला है. उन्होंने कहा कि यह भी जांच का विषय है कि फीडबैक यूनिट को विदेशी चंदा तो नहीं मिल रहा था. सचदेवा ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जवाब दें कि आखिर इस फीडबैक यूनिट को लाने की जरुरत क्या थी और सबसे हैरान करने वाली बात इसमें केजरीवाल ने सिर्फ अपनी पसंद के लोगों को ही शामिल क्यों किया? चाहे वह अपने स्पेशल एडवाइजर राकेश कुमार सिन्हा हों, आईआरएस सुकेश चन्द्र जैन, गोपाल मोहन जो सिर्फ आम आदमी पार्टी का कार्यकर्ता हैं. आखिर इन लोगों को किस आधार पर यूनिट में शामिल किया गया था. इसका भी जवाब केजरीवाल को देना पड़ेगा.