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Centre Ordinance Row: संसद सत्र से पहले केजरीवाल के MP ने दिया स्पीकर को नोटिस, जानिए मामला - 20 जुलाई से संसद सत्र शुरू

संसद सत्र से पहले केंद्र सरकार के अध्यादेश को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के विरोध में आप सांसद सुशील कुमार रिंकू ने स्पीकर को नोटिस दिया है.

सांसद सुशील कुमार रिंकू
सांसद सुशील कुमार रिंकू
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Published : Jul 19, 2023, 9:21 PM IST

नई दिल्ली: 20 जुलाई से संसद सत्र शुरू हो रहा है. यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा, लेकिन इस सत्र के शुरू होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू ने स्पीकर को नोटिस दिया है. इस संबंध में नोटिस की एक कॉपी आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है. इस कॉपी को राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट कर पोस्ट किया है.

आप सांसद द्वारा नोटिस में लिखा गया कि संविधान के विरुद्ध कोई बिल सदन में नहीं लाया जा सकता है. दिल्ली के काले अध्यादेश को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के विरोध में आप सांसद ने नोटिस दिया. सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा में सांसद हैं. बता दें, संसद सत्र के दौरान केंद्र द्वारा सदन पटल पर 31 बिलों को रखा जाएगा. जिसमें यह अध्यादेश भी शामिल हैं. यही वजह है कि आप सांसद ने स्पीकर को नोटिस देकर इसका विरोध जताया है.

  • संविधान के विरुद्ध कोई बिल सदन में नही लाया जा सकता।
    दिल्ली के काले अध्यादेश को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के विरोध में AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने नोटिस दिया। pic.twitter.com/yXm6T80sM3

    — Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अध्यादेश पर क्यों मचा है बवाल: केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया है. जिसे कानून की शक्ल देने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में बिल का पास होना है. अगर यह दोनों सदन में पास हुआ तो दिल्ली में एलजी बॉस होगा. एलजी के पास अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार होंगे. जबकि, दिल्ली सरकार इसके खिलाफ है. केजरीवाल सरकार इस अध्यादेश को गलत ठहराते हुए इसे काला अध्यादेश करार दे चुकी है.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की जनता ने उन्हें वोट देकर चुना है. चुनी हुई सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार मिलना चाहिए. अब सदन में इस पर चर्चा होगी. लोकसभा में तो इसे आसानी से पास कर दिया जाएगा, क्योंकि भाजपा के पास यहां बहुमत है. लेकिन राज्यसभा में जब इस बिल को पेश किया जाएगा तो हंगामा होना तय है. बता दें, सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी से जालंधर से सांसद हैं. कुछ माह पहले हुए उपचुनाव में रिंकू ने जीत दर्ज की थी.

ये भी पढ़ें: केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में किया दिल्ली अध्यादेश का बचाव, कहा- गैरकानूनी तरीके से कब्जे में ली गईं संवेदनशील फाइलें

ये भी पढ़ें: Centre Ordinance Row: हमें केंद्र के अध्यादेश के खिलाफ कांग्रेस के समर्थन का इंतजार : केजरीवाल

नई दिल्ली: 20 जुलाई से संसद सत्र शुरू हो रहा है. यह सत्र 11 अगस्त तक चलेगा, लेकिन इस सत्र के शुरू होने से पहले ही आम आदमी पार्टी के लोकसभा सांसद सुशील कुमार रिंकू ने स्पीकर को नोटिस दिया है. इस संबंध में नोटिस की एक कॉपी आम आदमी पार्टी के ट्विटर हैंडल से शेयर की गई है. इस कॉपी को राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी ट्वीट कर पोस्ट किया है.

आप सांसद द्वारा नोटिस में लिखा गया कि संविधान के विरुद्ध कोई बिल सदन में नहीं लाया जा सकता है. दिल्ली के काले अध्यादेश को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के विरोध में आप सांसद ने नोटिस दिया. सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी के एकमात्र लोकसभा में सांसद हैं. बता दें, संसद सत्र के दौरान केंद्र द्वारा सदन पटल पर 31 बिलों को रखा जाएगा. जिसमें यह अध्यादेश भी शामिल हैं. यही वजह है कि आप सांसद ने स्पीकर को नोटिस देकर इसका विरोध जताया है.

  • संविधान के विरुद्ध कोई बिल सदन में नही लाया जा सकता।
    दिल्ली के काले अध्यादेश को लोकसभा में प्रस्तुत किए जाने के विरोध में AAP सांसद सुशील कुमार रिंकू ने नोटिस दिया। pic.twitter.com/yXm6T80sM3

    — Sanjay Singh AAP (@SanjayAzadSln) July 19, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

अध्यादेश पर क्यों मचा है बवाल: केंद्र सरकार द्वारा एक अध्यादेश लाया गया है. जिसे कानून की शक्ल देने के लिए लोकसभा और राज्यसभा में बिल का पास होना है. अगर यह दोनों सदन में पास हुआ तो दिल्ली में एलजी बॉस होगा. एलजी के पास अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के अधिकार होंगे. जबकि, दिल्ली सरकार इसके खिलाफ है. केजरीवाल सरकार इस अध्यादेश को गलत ठहराते हुए इसे काला अध्यादेश करार दे चुकी है.

आम आदमी पार्टी का कहना है कि दिल्ली की जनता ने उन्हें वोट देकर चुना है. चुनी हुई सरकार को ट्रांसफर पोस्टिंग का अधिकार मिलना चाहिए. अब सदन में इस पर चर्चा होगी. लोकसभा में तो इसे आसानी से पास कर दिया जाएगा, क्योंकि भाजपा के पास यहां बहुमत है. लेकिन राज्यसभा में जब इस बिल को पेश किया जाएगा तो हंगामा होना तय है. बता दें, सुशील कुमार रिंकू आम आदमी पार्टी से जालंधर से सांसद हैं. कुछ माह पहले हुए उपचुनाव में रिंकू ने जीत दर्ज की थी.

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