नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में सरस्वती पूजा के मौके पर लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा की धून बजाई गई. इससे पहले छात्रों ने साबरमती हॉल में मां सरस्वती की मूर्ति स्थापित कर भव्य पंडाल भी लगवाया. इस दौरान हनुमान चालीसा के साथ अन्य देवी गीतों के साथ छात्रों ने धूमधाम से सरस्वती पूजा मनाई. इस पूरे आयोजन की जेएनयू प्रशासन ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से एक 30 सेकेंड की एक वीडियो भी जारी की.
वीडियो पर लोगों की प्रतिक्रियाएं भी आने लगी, जिसमें कई यूजर ने नाराजगी जताई. इसमें से एक यूजर ने लिखा कि, 'जेएनयू में सरस्वती पूजा मनाई जा रही है, लेकिन जब पीएम मोदी पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाने की बात हुई तो बिजली काट दी गई थी. क्या यह सही था.' वहीं दूसरे यूजर ने कहा कि, 'आप बिजली काट देते हैं, इंटरनेट बंद कर देते हैं और एबीवीपी के गुंडे छात्रों पर हमला कर देते हैं. जेएनयू साबरमती हमले में शामिल एबीवीपी के गुंडों की गिरफ्तारी न होने का मुद्दा क्यों नहीं उठाते.'
कहा जा रहा है कि बीबीसी डॉक्यूमेंट्री की बिना अनुमति स्क्रीनिंग किए जाने और दो छात्रों के गुटों में हुई झड़प के मामले में सीसीटीवी फुटेड खंगाले जा रहे हैं. डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग में शामिल छात्रों पर जेएनयू प्रशासन अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. जेएनयू के चीफ प्राक्टर प्रो. रजनीश कुमार मिश्रा ने बताया कि प्रशासन इसकी अभी प्राथमिक जांच कर रहा है, इसलिए कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा. उन्होंने कहा कि जेएनयू प्रशासन ने पहले ही छात्रों को एक एडवाइजरी जारी कर कार्यक्रम को रद्द करने के लिए कहा था, जिसके बावजूद इसकी स्क्रीनिंग करने का प्रयास किया गया.