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'कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी', शहीदों को अस्मिता थिएटर की श्रद्धांजलि

थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने शहीदी पार्क में शहीदों की कुर्बानी को याद किया. उन्होंने कहा कि 23 साल की उम्र में जिस देश के लिए भगत सिंह फांसी पर लटके थे, उस देश को आगे बढ़ाना हम सभी का फर्ज बनता है.

शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी
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Published : Mar 23, 2019, 2:12 PM IST

नई दिल्ली: शहीदी दिवस पर आज पूरा देश उन वीर सपूतों को याद कर रहा है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी. 23 मार्च 1931 को आज के दिन ही अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाया था. आईटीओ स्थित शहीद पार्क में दिल्ली के सुप्रसिद्ध अस्मिता थिएटर ग्रुप ने इस मौके पर शहीदों को अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी.

Asmita Theater Group paid tribute to martyrs delhi
शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी


शनिवार को थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने शहीदी पार्क में शहीदों की कुर्बानी को याद किया. उन्होंने कहा कि 23 साल की उम्र में जिस देश के लिए भगत सिंह फांसी पर लटके थे, उस देश को आगे बढ़ाना हम सभी का फर्ज बनता है. शहीद-ए-आजम के जन्म से लेकर फांसी पर लटकने तक के संघर्ष को यहां नुक्कड़-नाटक के माध्यम से दिखाया गया.


ग्रुप के कलाकार आशीष कहते हैं कि आज100 कलाकारों की उनकी टीम 'पगड़ी संभाल जट्टा' के माध्यम से शहादतों को याद कर रही है. दूसरों को सीख देने के सवाल पर आशीष कहते हैं कि आज वह और उनके साथी अपने लिए आए हैं. वह कहते हैं कि शहीद भगत सिंह और उनके साथियों की कुर्बानी इतनी छोटी नहीं थी कि उनको महज एक दिन याद करके भुला दिया जाए.

Asmita Theater Group paid tribute to martyrs delhi
शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी


रोहित बताते हैं कि वो जब से नाटक कर रहे हैं तब से बहुत बदल गए हैं. एक ऐसे देश में जहां 23 साल के लोग देश को बचाने के लिए फांसी पर लटक सकते हैं, उस देश की संस्कृति को बचाए रखना सबका फर्ज है. इसमें सब अपने अपने तरीके से योगदान दे सकते हैं और उनका योगदान है कि अब वो देश के एक जिम्मेदार नागरिक बन गए हैं. उधर आरती कहती हैं कि हमें अपने शहीदों की कुर्बानी को याद रखना चाहिए.

शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी


बता देंकि शहीद दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी आज ही के दिन से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रही है. आज ही के दिन से स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव 'मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा अभियान' की शुरुआत कर रहे हैं.

नई दिल्ली: शहीदी दिवस पर आज पूरा देश उन वीर सपूतों को याद कर रहा है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दी थी. 23 मार्च 1931 को आज के दिन ही अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाया था. आईटीओ स्थित शहीद पार्क में दिल्ली के सुप्रसिद्ध अस्मिता थिएटर ग्रुप ने इस मौके पर शहीदों को अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी.

Asmita Theater Group paid tribute to martyrs delhi
शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी


शनिवार को थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने शहीदी पार्क में शहीदों की कुर्बानी को याद किया. उन्होंने कहा कि 23 साल की उम्र में जिस देश के लिए भगत सिंह फांसी पर लटके थे, उस देश को आगे बढ़ाना हम सभी का फर्ज बनता है. शहीद-ए-आजम के जन्म से लेकर फांसी पर लटकने तक के संघर्ष को यहां नुक्कड़-नाटक के माध्यम से दिखाया गया.


ग्रुप के कलाकार आशीष कहते हैं कि आज100 कलाकारों की उनकी टीम 'पगड़ी संभाल जट्टा' के माध्यम से शहादतों को याद कर रही है. दूसरों को सीख देने के सवाल पर आशीष कहते हैं कि आज वह और उनके साथी अपने लिए आए हैं. वह कहते हैं कि शहीद भगत सिंह और उनके साथियों की कुर्बानी इतनी छोटी नहीं थी कि उनको महज एक दिन याद करके भुला दिया जाए.

Asmita Theater Group paid tribute to martyrs delhi
शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी


रोहित बताते हैं कि वो जब से नाटक कर रहे हैं तब से बहुत बदल गए हैं. एक ऐसे देश में जहां 23 साल के लोग देश को बचाने के लिए फांसी पर लटक सकते हैं, उस देश की संस्कृति को बचाए रखना सबका फर्ज है. इसमें सब अपने अपने तरीके से योगदान दे सकते हैं और उनका योगदान है कि अब वो देश के एक जिम्मेदार नागरिक बन गए हैं. उधर आरती कहती हैं कि हमें अपने शहीदों की कुर्बानी को याद रखना चाहिए.

शहीदों को अस्मिता थिएटर ग्रुप ने दी श्रद्धांजलि, बोले- कुछ तो हम भी याद करें कुर्बानी


बता देंकि शहीद दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में जगह-जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी आज ही के दिन से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रही है. आज ही के दिन से स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव 'मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा अभियान' की शुरुआत कर रहे हैं.

Intro:नई दिल्ली:
शहीदी दिवस पर आज पूरा देश देश के उन वीर सपूतों को याद कर रहा है जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों तक की कुर्बानी दी दी थी. 23 मार्च 1931 को ही अंग्रेजों ने भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को फांसी पर लटकाया था. आईटीओ स्थित शहीद पार्क में दिल्ली के सुप्रसिद्ध अस्मिता थिएटर ग्रुप ने इस मौके पर शहीदों को अपने अंदाज में श्रद्धांजलि दी.


Body:शनिवार को थिएटर ग्रुप के कलाकारों ने शहीदी पार्क में शहीदों की कुर्बानी को याद किया. इन्होंने यहां कहा कि 23 साल की उम्र में जिस देश के लिए भगत सिंह फांसी पर लटके थे, उस देश को आगे बढ़ना हम सभी का फर्ज बनता है. शहीद-ए-आजम के जन्म से लेकर फांसी पर लटकने तक के संघर्ष को यहां नुक्कड़-नाटक के माध्यम से दिखाया गया.

ग्रुप के कलाकार आशीष कहते हैं कि आज 100 कलाकारों की उनकी टीम 'पगड़ी संभाल जट्टा' के माध्यम से शहादतों को याद कर रही है. दूसरों को सीख देने के सवाल पर आशीष कहते हैं कि आज वह और उनके साथी अपने लिए आए हैं. वह कहते हैं कि शहीद भगत सिंह और उनके साथियों की कुर्बानी इतनी छोटी नहीं थी कि उनको महज एक दिन याद करके भुला दिया जाए.

रोहित बताते हैं कि वो जब से नाटक कर रहे हैं तब से बहुत बदल गए हैं. एक ऐसे देश में जहां 23 साल के लोग देश को बचाने के लिए फांसी पर लटक सकते हैं, उस देश की संस्कृति को बचाए रखना सबका फर्ज है. इसमें सब अपने अपने तरीके से योगदान दे सकते हैं और उनका योगदान है कि अब वो देश के एक जिम्मेदार नागरिक बन गए हैं. उधर आरती कहती हैं कि हमें अपने शहीदों की कुर्बानी को याद रखना चाहिए.

बता दे कि शहीद दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में जगह जगह कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है. दिल्ली की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी आज ही के दिन से अपना चुनाव प्रचार शुरू कर रही है. आज ही के दिन से स्वराज इंडिया के राष्ट्रीय अध्यक्ष योगेंद्र यादव 'मेरा देश, मेरा वोट, मेरा मुद्दा अभियान' की शुरुआत कर रहे हैं.


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