नई दिल्ली: एशिया की सबसे उम्रदराज चिंपांजी रीटा की मंगलवार को दिल्ली के चिड़ियाघर में मौत हो गई. बता दें कि लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज करा चुकी चिंपांजी रीटा पिछले कई दिनों से बीमार चल रही थी और वन्य चिकित्सकों के विशेषज्ञों की निगरानी में उसका इलाज किया जा रहा था.
चिड़ियाघर प्रशासन ने चिंपांजी की मौत को दुर्भाग्य बताते हुए कहा कि 2 अक्टूबर को वाइल्डलाइफ अनावरण के कार्यक्रम को रद्द किया गाया है और उस दिन रीटा के मौत का शोक मनाया जाएगा.
27 जुलाई से आहार लेना बंद कर दी थी
बता दें कि 18 जुलाई से रीटा को चिड़ियाघर प्रशासन द्वारा विटामिन, मिनरल, लिवर टॉनिक और आयरन के सिरप दिए जा रहे थे. वहीं 27 जुलाई 2019 से रीटा ने अपना दैनिक आहार लेना पूरी तरह से बंद कर दिया और उसकी जगह पर उसे लिक्विड डाइट पर रखा गया था.
चिड़ियाघर प्रशासन का दावा है कि रीटा की देखभाल में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी गई थी. उसके इलाज के लिए दिल्ली के पशु चिकित्सक तो लगे थे, इसके साथ ही बरेली और अन्य राज्यों के भी पशु विशेषज्ञों की टीम लगातार उसकी सेहत पर नजर बनाए हुए थी.
इसके अलावा पंजाब के चतबीड़ में स्थित एमसी जूलॉजिकल पार्क के वेटरनरी ऑफिसर, भोपाल के वन विहार नेशनल पार्क के वेटरनरी ऑफिसर, जबलपुर के स्कूल ऑफ वाइल्डलाइफ फॉरेंसिक एंड हेल्थ के वेटरनरी एक्सपोर्ट और लखनऊ के नवाब वालिद अली शाह जूलॉजिकल गार्डन के सीनियर वेटरनरी ऑफिसर भी कई बार रीटा का निरीक्षण कर चुके थे. उन्हीं की सलाह के अनुसार उसे दवाइयां और खाना दिया जा रहा था.
दोपहर में दम तोड़ दी
इसके अलावा प्रशासन की ओर से रीटा के मनोरंजन के लिए टीवी भी उसके बाड़े में लगाई गई थी. साथ ही उसे किसी तरह की परेशानी ना हो उसको देखते हुए गद्दे और बेड भी दिए गए थे. प्रशासन का कहना है कि इतनी सभी सुविधाएं मुहैया कराने के बाद भी रीटा अपनी बीमारी से नहीं लड़ सकी और 1 अक्टूबर को दोपहर में उसने दम तोड़ दिया.
चिड़ियाघर की शान
रीटा की मौत का कारण मल्टीपल ऑर्गन फेलियर बताया जा रहा है. इसके बाद भी जांच के लिए सैंपल भेज दिया गया है और कन्फर्म रिपोट आने के बाद ही सही कारणों का पता चलेगा. चिड़ियाघर प्रशासन ने अपने चिड़ियाघर की शान कही जाने वाली सबसे उम्रदराज चिंपांजी के मृत्यु पर गहरा शोक जाहिर किया है. उन्होंने कहा कि रीटा उनके वन्यजीवों के परिवारों की सबसे वरिष्ठ सदस्य थी.
बता दें कि अश्रुपूरित आंखों से चिड़ियाघर प्रशासन ने रीटा को विदाई दी. साथ ही फूल चढ़ाकर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की. चिड़ियाघर के अधिकारियों और कर्मचारियों ने कहा की रीटा हमेशा उनके जेहन में जिंदा रहेगी.
रीटा को 1964 में दिल्ली लाया गया था
बता दें कि रीटा का जन्म 15 दिसंबर 1960 में एम्स्टर्डम के चिड़ियाघर में हुआ था और वहां से उसे 27 फरवरी 1964 में दिल्ली लाया गया था. इसके बाद 16 जनवरी 1990 में रीटा को पंजाब के चितबीर में स्थित महेंद्र चौधरी जूलॉजिकल पार्क में शिफ्ट कर दिया गया था. जिसके बाद 7 नवंबर 2006 को उसे वापस दिल्ली के चिड़ियाघर में लाया गया था.