नई दिल्ली: राजधानी में ब्लैक फंगस के मामले बढ़ते जा रहे हैं. जिस पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि दिल्ली के लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए जो कदम सरकार को उठाने होंगे, दिल्ली सरकार वह सभी कदम उठाएगी. यदि जरूरत पड़ी तो ब्लैक फंगस को महामारी घोषित की जाएगी.
84 मामलों की हुई है शिनाख्त
अरविंद केजरीवाल ने बताया कि ब्लैक फंगस की बढ़ती समस्या को देखते हुए दिल्ली सरकार ने डॉक्टरों की एक टीम बनाई है. जिनके पास लोगों को ब्लैक फंगस की समस्या होने पर अप्लाई करना होगा. यह टीम यह निर्णय लेगी कि लोगों को किस प्रकार से इंजेक्शन देना है. डॉक्टरों की टीम के पास बुधवार शाम तक 84 एप्लीकेशन आई है. दिल्ली के अलग-अलग हॉस्पिटल से वैसे सुनने में आ रहा है कि दिल्ली में 200 से ज्यादा ब्लैक फंगस के मामले हैं. लेकिन कल तक जो एप्लीकेशन डॉक्टरों की टीम के पास आई है उनकी संख्या 84 है.
'घोषित करेंगे महामारी'
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जरूरत पड़ी तो ब्लैक फंगस को हम दिल्ली में महामारी घोषित करेंगे. जो भी कदम उठाने की जरूरत है, दिल्ली सरकार लोगों के स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए वह कदम उठाएगी. कोरोना के थर्ड वेव की तैयारियां दिल्ली सरकार ने शुरू कर दी है. इसे लेकर दिल्ली के सभी अधिकारियों के साथ मीटिंग की गई थी. जो समस्याएं सेकेंड वेब के दौरान दिल्ली वासियों के सामने आई वह समस्याएं अब सामने नहीं आनी चाहिए. मीटिंग में कई सारे बातों पर चर्चाएं हुई.
हमने एक टीम बनाई है अधिकारियों की जो सारे चीजों की लिस्ट बनाएगी जो हमें करने की जरूरत है. जैसे कोरोना की तीसरी लहर के दौरान हमें कितने ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ेगी. इस बार कोरोना की पीक के दौरान 28000 मामले सामने आए थे. तो क्या हमें 35000 या 40000 ऑक्सीजन बेड की जरूरत पड़ेगी. कितने आईसीयू की तैयारी करनी पड़ेगी. अभी के समय हमारे पास लगभग 7000 आईसीयू बेड है. तो क्या हमें 10000 आईसीयू बेड चाहिए. इन 10000 में कितने आईसीयू बेड बच्चों के लिए होने चाहिए.
सीएम ने कहा कि इस बार ऑक्सीजन की सबसे ज्यादा किल्लत सामने आई. हमारे पास ऑक्सीजन के टैंकर नहीं थे. मीटिंग में इस बात पर भी चर्चा हुई कि क्या दिल्ली सरकार अपने खुद की ऑक्सीजन टैंकर की खरीद करें. दिल्ली सरकार अपनी खुद की ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर विचार कर रही है. दिल्ली के ऑक्सीजन की खपत लगभग ढाई सौ मीट्रिक टन है.
ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर विचार
उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार ढाई सौ मेट्रिक टन क्षमता वाले ऑक्सीजन प्लांट लगाने पर विचार कर रही है, ताकि कोरोना की पीक के दौरान ऑक्सीजन की समस्या सामने ना आए. इन सब बातों पर बुधवार को हुई मीटिंग के दौरान चर्चा की गई और अगले हफ्ते तक कमेटी एक विस्तृत गाइडलाइन तैयार कर लेगी. फिर जो गाइडलाइन तैयार होगी उसके ऊपर और काम होगा.
बच्चों के लिए बनाई है कमेटी
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि ऐसी उम्मीद लगाई जा रही है कि कोरोना की तीसर लहर के दौरान बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे. एक कमेटी हमने बच्चों के डॉक्टर की बनाई है. वह लोग हमें बताएंगे कि हमें किस प्रकार की तैयारियां करनी है. अगर कोई बच्चा बीमार होता है और वह आईसीयू में भर्ती होता है. ऐसे में अगर उसके साथ माता-पिता नहीं रहेंगे तो फिर बच्चे को संभालेगा कौन. बच्चों के इलाज के लिए हमें बहुत सारे बदलाव करने पड़ेंगे और यह कमेटी उसी दिशा में काम करेगी.
'वैक्सीनशन ही है बचाव'
अध्यक्ष मिशन से जुड़े सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि केंद्र सरकार से हम लगातार वैक्सीन मांग रहे हैं और मैं उम्मीद करता हूं कि जल्द से जल्दी केंद्र सरकार हमें वैक्सीन उपलब्ध कराएगी. दिल्ली में 1 से 2 दिन की वैक्सीन बची है. बड़े लोगों की वैक्सीन की कमी है और छोटे बच्चों की वैक्सीन तो अभी आई ही नहीं है. अगर दिल्ली में हमारा वैक्सीनेशन पूरा हो जाता है, तो हमें उम्मीद है कि कोरोना की तीसरी लहर में हमे थोड़ी राहत मिलेगी.