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दिल्ली नगर निगम चुनाव: आंगनवाड़ी कर्मी करेंगी AAP-BJP का बहिष्कार

दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन (Delhi State Anganwadi Workers and Helpers Union) ने एमसीडी चुनाव में बीजेपी और आप का बहिष्कार करने की घोषणा की है. यूनियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की कि आप और बीजेपी मजदूर विरोधी हैं.

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Published : Nov 10, 2022, 10:32 PM IST

नई दिल्लीः दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन (Delhi State Anganwadi Workers and Helpers Union) ने एमसीडी चुनाव में बीजेपी और आप का बहिष्कार करने की घोषणा की है. यूनियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की कि आप और बीजेपी मजदूर विरोधी हैं. इसलिए इस चुनाव में उनका बहिष्कार किया जाएगा और इन दोनों पार्टी के प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का उनके इलाके में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा.

दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की तरफ से अपनी मांगों को लेकर 38 दिनों तक चले लंबी हड़ताल को यूनियन ने ऐतिहासिक संघर्ष बताया और कहा कि इस हड़ताल को तोड़ने की नाकाम कोशिशों के बाद दिल्ली सरकार ने भाजपा से मिलीभगत करके उपराज्यपाल के जरिए दमनकारी एस्मा कानून लगा दिया था. एस्मा लागू होने के बाद उन्हें हड़ताल स्थगित करना पड़ा क्योंकि आंगनबाड़ी सरकारी कर्मचारी के दर्जे में आती ही नहीं है.

यूनियन ने कहा कि एस्मा जैसे कानून को लागू किए जाने का कोई औचित्य नहीं था. लेकिन उस दौरान दिल्ली सरकार ने तो महत्वपूर्ण सेवाओं के बाधित होने का बहाना बनाकर आंगनवाड़ी कर्मियों के जायज और बुनियादी मांगों को इस संघर्ष को कुचलने का काम किया. दूसरी तरफ से सरकार ने हड़ताल खत्म होने के बाद 884 महिला कर्मियों को गैरकानूनी तरीके से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हाई कोर्ट चली गई. जहां यह मामला अभी विचाराधीन है जबकि दूसरी तरफ बर्खास्त किए गए 884 महिला कर्मियों के स्थान पर किसी की भी नई भर्ती नहीं की गई है.

यूनियन के अध्यक्ष शिवानी कॉल ने मीडिया को बताया कि आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी दोनों ने ही उनकी मांगों को गंभीरता से नही लिया और दोनों ही पार्टियां सिर्फ वोट की राजनीति कर रही हैं. भले ही दिखावे के लिए एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रही हों, लेकिन जहां कहीं भी मजदूरों-कामगारों के दमन की बात आती है, इन दोनों ही पार्टियों की दोस्ती दिखती है. इसलिए इस नगर निगम चुनाव में दिल्ली की 22,000 आंगनबाड़ी कर्मी ही नहीं बल्कि उनके परिवार दोस्त संबंधी भी इन दोनों ही पार्टी का बहिष्कार करेंगे. साथ ही इलाके में जाकर लोगों को भी इस बारे में बताएंगे.

महिलाओं ने कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर खर्चे में 44 गुना बढ़ोतरी हुई. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने अपने विधायक के तनख्वाह में बढ़ोतरी कर दी. लेकिन उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की गई. यूनियन ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह चाहती तो उपराज्यपाल के जरिए न केवल 884 महिला कर्मियों को बर्खास्त होने से रोकती बल्कि एस्मा भी हटवा सकती थी.

ये भी पढ़ेंः पहले गारंटी पूरी करने से भागते थे, अब गारंटी देने से भाग रहे हैं केजरीवाल : बीजेपी सांसद रमेश बिधूड़ी

इन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी पार्टी के किसी नेताओं को वह अपने इलाके में घुसने नहीं देंगे. अलग-अलग इलाके में इन दोनों पार्टी के प्रत्याशियों का घेराव कर इनके बहिष्कार के लिए अभियान भी चलाएंगे. यूनियन ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और यह कहा कि कांग्रेस जो पहले से ही गर्त में पड़ी हुई पार्टी है, अब जनता के सामने तो उसका पर्दाफाश करने की भी जरूरत नहीं है.

नई दिल्लीः दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन (Delhi State Anganwadi Workers and Helpers Union) ने एमसीडी चुनाव में बीजेपी और आप का बहिष्कार करने की घोषणा की है. यूनियन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह घोषणा की कि आप और बीजेपी मजदूर विरोधी हैं. इसलिए इस चुनाव में उनका बहिष्कार किया जाएगा और इन दोनों पार्टी के प्रत्याशियों और कार्यकर्ताओं का उनके इलाके में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाएगा.

दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन की तरफ से अपनी मांगों को लेकर 38 दिनों तक चले लंबी हड़ताल को यूनियन ने ऐतिहासिक संघर्ष बताया और कहा कि इस हड़ताल को तोड़ने की नाकाम कोशिशों के बाद दिल्ली सरकार ने भाजपा से मिलीभगत करके उपराज्यपाल के जरिए दमनकारी एस्मा कानून लगा दिया था. एस्मा लागू होने के बाद उन्हें हड़ताल स्थगित करना पड़ा क्योंकि आंगनबाड़ी सरकारी कर्मचारी के दर्जे में आती ही नहीं है.

यूनियन ने कहा कि एस्मा जैसे कानून को लागू किए जाने का कोई औचित्य नहीं था. लेकिन उस दौरान दिल्ली सरकार ने तो महत्वपूर्ण सेवाओं के बाधित होने का बहाना बनाकर आंगनवाड़ी कर्मियों के जायज और बुनियादी मांगों को इस संघर्ष को कुचलने का काम किया. दूसरी तरफ से सरकार ने हड़ताल खत्म होने के बाद 884 महिला कर्मियों को गैरकानूनी तरीके से बर्खास्त कर दिया. इसके बाद दिल्ली स्टेट आंगनवाड़ी वर्कर्स एंड हेल्पर्स यूनियन हाई कोर्ट चली गई. जहां यह मामला अभी विचाराधीन है जबकि दूसरी तरफ बर्खास्त किए गए 884 महिला कर्मियों के स्थान पर किसी की भी नई भर्ती नहीं की गई है.

यूनियन के अध्यक्ष शिवानी कॉल ने मीडिया को बताया कि आम आदमी पार्टी हो या बीजेपी दोनों ने ही उनकी मांगों को गंभीरता से नही लिया और दोनों ही पार्टियां सिर्फ वोट की राजनीति कर रही हैं. भले ही दिखावे के लिए एक दूसरे पर कीचड़ उछाल रही हों, लेकिन जहां कहीं भी मजदूरों-कामगारों के दमन की बात आती है, इन दोनों ही पार्टियों की दोस्ती दिखती है. इसलिए इस नगर निगम चुनाव में दिल्ली की 22,000 आंगनबाड़ी कर्मी ही नहीं बल्कि उनके परिवार दोस्त संबंधी भी इन दोनों ही पार्टी का बहिष्कार करेंगे. साथ ही इलाके में जाकर लोगों को भी इस बारे में बताएंगे.

महिलाओं ने कहा कि पिछले 10 सालों में दिल्ली सरकार के विज्ञापनों पर खर्चे में 44 गुना बढ़ोतरी हुई. दूसरी तरफ दिल्ली सरकार ने अपने विधायक के तनख्वाह में बढ़ोतरी कर दी. लेकिन उनकी मांगों पर कोई सुनवाई नहीं की गई. यूनियन ने भाजपा पर भी निशाना साधते हुए कहा कि अगर वह चाहती तो उपराज्यपाल के जरिए न केवल 884 महिला कर्मियों को बर्खास्त होने से रोकती बल्कि एस्मा भी हटवा सकती थी.

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इन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी पार्टी के किसी नेताओं को वह अपने इलाके में घुसने नहीं देंगे. अलग-अलग इलाके में इन दोनों पार्टी के प्रत्याशियों का घेराव कर इनके बहिष्कार के लिए अभियान भी चलाएंगे. यूनियन ने कांग्रेस पर भी निशाना साधा और यह कहा कि कांग्रेस जो पहले से ही गर्त में पड़ी हुई पार्टी है, अब जनता के सामने तो उसका पर्दाफाश करने की भी जरूरत नहीं है.

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