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Delhi: जंगपुरा डॉक्टर हत्या केस: क्राइम ब्रांच ने हत्या के मास्टरमाइंड को भारत-नेपाल बॉर्डर से दबोचा

दिल्ली के जंगपुरा इलाके में एक डॉक्टर की हत्या कर दी गई थी. क्राइम ब्रांच ने मास्टरमाइंड को भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया.

जंगपुरा डॉक्टर हत्या केस
जंगपुरा डॉक्टर हत्या केस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Nov 2, 2024, 7:48 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के जंगपुरा एक्सटेंशन में हुई डॉक्टर योगेश चंद्रपाल की हत्या के मास्टरमाइंड को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया. क्राइम ब्रांच 1600 किलोमीटर तक पीछा कर आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की गिरफ़्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित था. क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय सेन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान विष्णुस्वरूप शाही उर्फ ​​शक्ति साईं के तौर पर हुई है.

डीसीपी ने बताया कि 10 मई की शाम जंगपुरा एक्सटेंशन में रहने वाले डॉ योगेश चंद्रपाल की हत्या कर दी गई थी. जांच में पता चला था कि आरोपियों ने घर में लूटपाट के इरादे से हत्या को अंजाम दिया. निजामुद्दीन थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच करने पर पता चला कि कई आरोपियों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. स्थानीय पुलिस ने जांच के दौरान, घर की नौकरानी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अपराध के पीछे मास्टरमाइंड विष्णुस्वरूप शाही और उसके चार साथियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था.

डीसीपी ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी विष्णुस्वरूप शाही को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया. विष्णुस्वरूप की तलाश के दौरान उसके कुछ पुराने मोबाइल नंबर मिले. सीडीआर का विश्लेषण करने पर कुछ नए सक्रिय मोबाइल नंबर भी मिले. 15 दिनों की कड़ी सीडीआर विश्लेषण के बाद पाया गया कि अपराध करने के बाद आरोपी ने लगभग 8 मोबाइल सेट और लगभग 20 सिम बदला.

क्राइम ब्रांच ने इसके बाद मैनुअल जानकारी विकसित की, इस दौरान प्रकाश में आया कि आरोपी वर्तमान में सुकेत घाटी, सुंदर नगर, हिमाचल प्रदेश में है, जो नेपाल भागने की कोशिश कर रहा है. टीम हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हुई लेकिन आरोपी देहरादून भाग गया. टीम फिर से देहरादून पहुंची और पाया कि वह भारत-नेपाल सीमा पर बनबसा के लिए बस में सवार हुआ. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पकड़ने के लिए 24 घंटे में करीब 1600 किलोमीटर का सफर तय कर बनबसा बॉर्डर से गिरफ़्तार कर लिया.

पूछताछ के दौरान पता चला कि मृतक के घरेलू सहायक (जो नेपाल का रहने वाला है) ने उसे डॉक्टर के घर में भारी मात्रा में नकदी और आभूषण होने की जानकारी दी थी, इसलिए उसने अपने साथी भीम जोरा जो नेपाल का रहने वाला है, के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को डकैती करने के लिए उकसाया. अपराध करने से पहले उसने घर की रेकी की और किसी को शक न हो, इसके लिए भीम जोरा की पत्नी को भी अपराध में शामिल किया. नौकरानी के कहने पर वे घर में घुसे और डकैती के दौरान उन्होंने घर के मालिक की हत्या कर दी. उसके बाद आभूषण और नकदी लूटकर नेपाल भाग गए.

आरोपी विष्णुस्वरूप शाही का प्रोफाइल: विष्णुस्वरूप शाही 5वीं कक्षा तक पढ़ा है. वह शादीशुदा है और नेपाल का रहने वाला है. वह पहली बार वर्ष 2002 में आजीविका की तलाश में भारत आया था और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में मजदूरी करने लगा था. बाद में उसने अफीम के अवैध व्यापार का काम शुरू किया और एनडीपीएस एक्ट के मामलों में दो बार गिरफ्तार हुआ. उसके बाद उसने अपने लालच को पूरा करने के लिए अपने साथी के साथ मिलकर नशीला पदार्थ (जहर खुरानी) देकर चोरी की वारदातें करनी शुरू कर दी.

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  3. जंगपुरा में 63 साल के डॉक्टर का मर्डर, घर में अकेले थे; हत्या की वजह भी आई सामने

नई दिल्ली: दिल्ली के जंगपुरा एक्सटेंशन में हुई डॉक्टर योगेश चंद्रपाल की हत्या के मास्टरमाइंड को दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने भारत-नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया. क्राइम ब्रांच 1600 किलोमीटर तक पीछा कर आरोपी को गिरफ्तार किया है. आरोपी की गिरफ़्तारी पर 50 हजार का इनाम घोषित था. क्राइम ब्रांच के डीसीपी संजय सेन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी की पहचान विष्णुस्वरूप शाही उर्फ ​​शक्ति साईं के तौर पर हुई है.

डीसीपी ने बताया कि 10 मई की शाम जंगपुरा एक्सटेंशन में रहने वाले डॉ योगेश चंद्रपाल की हत्या कर दी गई थी. जांच में पता चला था कि आरोपियों ने घर में लूटपाट के इरादे से हत्या को अंजाम दिया. निजामुद्दीन थाने में हत्या का मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई. आसपास के सीसीटीवी कैमरों की जांच करने पर पता चला कि कई आरोपियों ने मिलकर इस वारदात को अंजाम दिया. स्थानीय पुलिस ने जांच के दौरान, घर की नौकरानी सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया था, लेकिन अपराध के पीछे मास्टरमाइंड विष्णुस्वरूप शाही और उसके चार साथियों को गिरफ्तार नहीं किया जा सका था.

डीसीपी ने बताया कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए आरोपी विष्णुस्वरूप शाही को पकड़ने के लिए एक टीम का गठन किया गया. विष्णुस्वरूप की तलाश के दौरान उसके कुछ पुराने मोबाइल नंबर मिले. सीडीआर का विश्लेषण करने पर कुछ नए सक्रिय मोबाइल नंबर भी मिले. 15 दिनों की कड़ी सीडीआर विश्लेषण के बाद पाया गया कि अपराध करने के बाद आरोपी ने लगभग 8 मोबाइल सेट और लगभग 20 सिम बदला.

क्राइम ब्रांच ने इसके बाद मैनुअल जानकारी विकसित की, इस दौरान प्रकाश में आया कि आरोपी वर्तमान में सुकेत घाटी, सुंदर नगर, हिमाचल प्रदेश में है, जो नेपाल भागने की कोशिश कर रहा है. टीम हिमाचल प्रदेश के लिए रवाना हुई लेकिन आरोपी देहरादून भाग गया. टीम फिर से देहरादून पहुंची और पाया कि वह भारत-नेपाल सीमा पर बनबसा के लिए बस में सवार हुआ. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने आरोपी को पकड़ने के लिए 24 घंटे में करीब 1600 किलोमीटर का सफर तय कर बनबसा बॉर्डर से गिरफ़्तार कर लिया.

पूछताछ के दौरान पता चला कि मृतक के घरेलू सहायक (जो नेपाल का रहने वाला है) ने उसे डॉक्टर के घर में भारी मात्रा में नकदी और आभूषण होने की जानकारी दी थी, इसलिए उसने अपने साथी भीम जोरा जो नेपाल का रहने वाला है, के साथ मिलकर अन्य आरोपियों को डकैती करने के लिए उकसाया. अपराध करने से पहले उसने घर की रेकी की और किसी को शक न हो, इसके लिए भीम जोरा की पत्नी को भी अपराध में शामिल किया. नौकरानी के कहने पर वे घर में घुसे और डकैती के दौरान उन्होंने घर के मालिक की हत्या कर दी. उसके बाद आभूषण और नकदी लूटकर नेपाल भाग गए.

आरोपी विष्णुस्वरूप शाही का प्रोफाइल: विष्णुस्वरूप शाही 5वीं कक्षा तक पढ़ा है. वह शादीशुदा है और नेपाल का रहने वाला है. वह पहली बार वर्ष 2002 में आजीविका की तलाश में भारत आया था और हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में मजदूरी करने लगा था. बाद में उसने अफीम के अवैध व्यापार का काम शुरू किया और एनडीपीएस एक्ट के मामलों में दो बार गिरफ्तार हुआ. उसके बाद उसने अपने लालच को पूरा करने के लिए अपने साथी के साथ मिलकर नशीला पदार्थ (जहर खुरानी) देकर चोरी की वारदातें करनी शुरू कर दी.

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