नई दिल्ली: पुलिस कमिश्नर अमूल्य पटनायक ने पड़ोसी राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की. ये बैठक लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दिल्ली एनसीआर में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बुलाई गई थी.
बेहतर तालमेल पर हुई चर्चा
इसमें तय किया गया कि चुनाव के दौरान किस तरह से बेहतर तालमेल के साथ काम करना है और कैसे चुनावी माहौल में अपराधियों पर लगाम कसी जाएगी. इसके अलावा अवैध हथियार, शराब एवं धन-बल को लेकर भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मुख्य मुद्दा आगामी लोकसभा
पुलिस मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव के दौरान पड़ोसी राज्यों के साथ बेहतर तालमेल के लिए पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक की अध्यक्षता में शुक्रवार को एक बैठक पुलिस मुख्यालय में आयोजित की गई. इसका मुख्य मुद्दा आने वाले लोकसभा चुनाव रहे.
शांतिपूर्ण हो लोकसभा चुनाव
इसमें हरियाणा, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, राजस्थान, बिहार, हिमाचल प्रदेश और चंडीगढ़ के पुलिस अधिकारियों ने हिस्सा लिया. इस बैठक में विस्तार से चर्चा हुई कि किस तरह से लोकसभा चुनाव को शांतिपूर्वक ढंग से निपटाया जाए और कैसे आपसी तालमेल को बेहतर बनाया जाए.
आपस में साझा करेंगे इनपुट
इस बैठक में पुलिस अधिकारियों की तरफ से ये कहा गया कि वो आने वाले समय में एक-दूसरे राज्य की पुलिस के साथ खुफिया जानकारी साझा करेंगे. ये जानकारी आतंकी संगठनों या बदमाशों को लेकर हो सकती है. इसके अलावा अपने-अपने राज्य के बॉर्डर वाले इलाके में जांच करने और गश्त करने को लेकर भी सहमति बनी.
पुलिस अधिकारियों की तरफ से कहा गया कि वे चुनाव में अवैध शराब, हथियार एवं धन-बल के इस्तेमाल को लेकर पूरी सख्ती से काम करेंगे.
सत्यापन-जागरूकता जरूरी
किराएदार का सत्यापन, गेस्ट हाउस में जांच और साइबर कैफे मालिकों को जागरूक करने का काम तेजी से किया जाएगा. इसके साथ ही पुरानी कार बेचने वाले डीलरों को भी जागरूक किया जाएगा ताकि आतंकी घटनाओं या अन्य अपराध के लिए उनसे ली गई गाड़ी का इस्तेमाल न हो सके. चुनाव के समय में अपराधिक प्रवृत्ति के लोग इस तरह गाड़ियों का इस्तेमाल करते रहे हैं.
क्षेत्र को अपराध मुक्त करें
बैठक में इस बात पर जोर दिया गया कि अपराधियों पर लगातार नजर रखी जाए. इस बैठक में शामिल होने वाले पुलिस अधिकारियों को कमिश्नर अमूल्य पटनायक की तरफ से कहा गया कि वे अपने अपने क्षेत्र को अपराध मुक्त बनाने में आपसी तालमेल के साथ काम करें.
उन्होंने खासतौर से ऐसे पुलिस अधिकारियों को हथियार तस्करों पर काम करने के लिए कहा जिनके इलाके में इन्हें बनाया जाता है.