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अनलॉक होते ही प्रदूषित होने लगी यमुना, पानी में अमोनिया के झाग - यमुना नदी जल प्रदूषण

दिल्ली के अनलॉक होते ही यमुना नदी का जल प्रदूषण एक बार फिर बढ़ गया है. रविवार को पानी में अमोनिया बढ़ने के कारण नदी में झाग देखने को मिला. ऐसे में दिल्ली में पानी की सप्लाई भी बाधित हो सकती है और लोगों को पानी की किल्लत का सामना करना पड़ सकता है.

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अनलॉक होते ही प्रदूषित होने लगी यमुना
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Published : Jun 27, 2021, 2:27 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में सरकार के तमाम दावों के बाद भी यमुना में प्रदूषण कम नहीं हुआ है. यमुना में आज भी अमोनिया का स्तर बढ़ा हुआ है. जिसकी वजह से यमुना में झाग देखने को मिला. ऐसे में दिल्ली के पानी की सप्लाई पर भी इसका असर पड़ सकता है.

पानी की सप्लाई पर पड़ता सकता है असर

यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली में पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ता है और पानी की सप्लाई में कटौती करनी पड़ती है. अब दिल्ली में लोग पहले ही पानी की किल्लत का सामना कर रहे है. ऐसे में दिल्ली की पानी की सप्लाई पर इसका कितना असर पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी.

य़मुना में अमोनिया के झाग

दिल्ली-हरियाणा एक दूसरे पर लगाते हैं आरोप

यमुना में झाग निकलने की घटना कोई नई नहीं है. बार-बार नदी में प्रदूषण स्तर बढ़ा है, लेकिन तमाम वादों के बाद भी सरकार इस पर नियंत्रण नहीं कर पाई है. दिल्ली सरकार इस प्रदूषण के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.

सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही लड़ाई

यमुना प्रदूषण को लेकर दिल्ली हरियाणा का विवाद सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच चुका है. दिल्ली जल बोर्ड ने प्रदूषण के लिये हरियाणा को जिम्मेदार ठहराते हुए याचिका दायर की है. जिसमें 14 जून को ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा राज्य के सिंचाई और जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी किया है. दिल्ली जल बोर्ड का कहना है हरियाणा सरकार द्वारा प्रदूषकों के निर्वहन पर तत्काल रोक न लगाने के कारण पानी के अमोनिया के स्तर में खतरनाक स्थिति पैदा हो रही है.

पानी में अमोनिया कि वजह औद्योगिक और घरेलू कूड़ा

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शेखर मंडे के अनुसार पानी में अमोनिया के बढ़ने की वजह औद्योगिक और घरेलू कूड़ा है. इसके अलावा रोजाना यमुना में लाखों लीटर नाले का पानी प्रवाहित किया जाता है. इससे यमुना का पानी प्रदूषित होता जा रहा है.

लॉकडाउन के दौरान साफ था पानी

लॉकडाउन के दौरान यमुना खुद को साफ कर लेती है. साल 2020 में लगे लॉकडाउन के दौरान भी कई वीडियो सामने आए थे, जिसमें नदी का पानी साफ और पारदर्शी हो गया था. इस साल भी लॉकडाउन के दौरान जब उद्योग बंद थे तो पानी साफ था, लेकिन अब अनलॉक के बाद उद्योग फिर शुरु हो गए हैं और नदी में प्रदूषण भी दिखने लगा है.

नई दिल्ली: दिल्ली में सरकार के तमाम दावों के बाद भी यमुना में प्रदूषण कम नहीं हुआ है. यमुना में आज भी अमोनिया का स्तर बढ़ा हुआ है. जिसकी वजह से यमुना में झाग देखने को मिला. ऐसे में दिल्ली के पानी की सप्लाई पर भी इसका असर पड़ सकता है.

पानी की सप्लाई पर पड़ता सकता है असर

यमुना के पानी में अमोनिया की मात्रा बढ़ने से दिल्ली में पानी की सप्लाई पर भी असर पड़ता है और पानी की सप्लाई में कटौती करनी पड़ती है. अब दिल्ली में लोग पहले ही पानी की किल्लत का सामना कर रहे है. ऐसे में दिल्ली की पानी की सप्लाई पर इसका कितना असर पड़ता है, यह देखने वाली बात होगी.

य़मुना में अमोनिया के झाग

दिल्ली-हरियाणा एक दूसरे पर लगाते हैं आरोप

यमुना में झाग निकलने की घटना कोई नई नहीं है. बार-बार नदी में प्रदूषण स्तर बढ़ा है, लेकिन तमाम वादों के बाद भी सरकार इस पर नियंत्रण नहीं कर पाई है. दिल्ली सरकार इस प्रदूषण के लिए हरियाणा सरकार को जिम्मेदार ठहरा रही है.

सुप्रीम कोर्ट में भी चल रही लड़ाई

यमुना प्रदूषण को लेकर दिल्ली हरियाणा का विवाद सुप्रीम कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच चुका है. दिल्ली जल बोर्ड ने प्रदूषण के लिये हरियाणा को जिम्मेदार ठहराते हुए याचिका दायर की है. जिसमें 14 जून को ही सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा राज्य के सिंचाई और जल संसाधन विभाग को नोटिस जारी किया है. दिल्ली जल बोर्ड का कहना है हरियाणा सरकार द्वारा प्रदूषकों के निर्वहन पर तत्काल रोक न लगाने के कारण पानी के अमोनिया के स्तर में खतरनाक स्थिति पैदा हो रही है.

पानी में अमोनिया कि वजह औद्योगिक और घरेलू कूड़ा

वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शेखर मंडे के अनुसार पानी में अमोनिया के बढ़ने की वजह औद्योगिक और घरेलू कूड़ा है. इसके अलावा रोजाना यमुना में लाखों लीटर नाले का पानी प्रवाहित किया जाता है. इससे यमुना का पानी प्रदूषित होता जा रहा है.

लॉकडाउन के दौरान साफ था पानी

लॉकडाउन के दौरान यमुना खुद को साफ कर लेती है. साल 2020 में लगे लॉकडाउन के दौरान भी कई वीडियो सामने आए थे, जिसमें नदी का पानी साफ और पारदर्शी हो गया था. इस साल भी लॉकडाउन के दौरान जब उद्योग बंद थे तो पानी साफ था, लेकिन अब अनलॉक के बाद उद्योग फिर शुरु हो गए हैं और नदी में प्रदूषण भी दिखने लगा है.

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