नई दिल्ली: दिल्ली में शिक्षा की गुणवत्ता को और बेहतर बनाने और शिक्षकों के प्रोफेशनल डेवलपमेंट की दिशा में कदम उठाते हुए केजरीवाल सरकार के दिल्ली शिक्षक विश्वविद्यालय (डीटीयू) ने अमेरिकी संस्थान, रैंड कॉर्पोरेशन के साथ तीन साल के एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है. इस समझौता ज्ञापन पर शिक्षा मंत्री आतिशी की उपस्थिति में हस्ताक्षर किया गया. एमओयू अपनी तरह का अनूठा पार्टनरशिप है जो शिक्षक प्रशिक्षण और उनके प्रोफेशनल डेवलपमेंट के लिए उच्च गुणवत्ता वाले रिसर्च में रैंड की विशेषज्ञता के साथ-साथ डीटीयू के बुनियादी ढांचे का लाभ उठाएगा. इससे दिल्ली में शिक्षकों की जरूरतों को जानते हुए भविष्य में रिसर्च ऐक्टिविटीज के संचालन में भी मदद मिलेगी.
शिक्षा मंत्री आतिशी ने एमओयू के विषय में जानकारी साझा करते हुए कहा, "दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी और रैंड कॉरपोरेशन के बीच यह पार्टनरशिप दिल्ली के एजुकेशनल ईको-सिस्टम को और बेहतर बनाने के हमारे प्रयास में एक और महत्वपूर्ण कदम है. रैंड कॉरपोरेशन के सपोर्ट और स्पेशलाइजेशन के साथ हमारा लक्ष्य शिक्षकों को शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक रिसर्च के साथ सशक्त बनाना और उन्हें जरूरी कौशलों से लैस करना है. इस दिशा में यह पार्टनरशिप दिल्ली की शिक्षा प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी."
उन्होंने आगे कहा कि, "पिछले 8 सालों में केजरीवाल सरकार ने स्कूली शिक्षा के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित किए, लेकिन हमारा विजन केवल वर्ल्ड-क्लास स्कूल बनाने तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली में वर्ल्ड-क्लास उच्च शिक्षा संस्थान स्थापित करना भी है. आतिशी ने कहा कि यह पार्टनरशिप दिल्ली के शिक्षा क्षेत्र में एक मील का पत्थर साबित होगा, जो शिक्षा में प्रभावी नीतियों और प्रथाओं के विकास को बढ़ावा देगा."
इस मौके पर वरिष्ठ अर्थशास्त्री और सेंटर फॉर एशिया पैसिफिक पॉलिसी, रैंड कॉरपोरेशन के निदेशक डॉ. रफीक दोसानी ने कहा, "दिल्ली टीचर्स यूनिवर्सिटी और रैंड कॉरपोरेशन के बीच सहयोग दिल्ली में प्रगतिशील एजुकेशनल ईको-सिस्टम को बढ़ावा देगा, जहां देश के भविष्य को आकार देने के लिए शिक्षकों को स्किल्ड बनाया जाएगा.
बता दें कि, रैंड कॉर्पोरेशन अमेरिका स्थित एक नॉन-प्रॉफिट, नॉन-लीगल पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक है. रैंड कारपोरेशन द्वारा दिल्ली सरकार के शिक्षक विश्वविद्यालय के साथ हस्ताक्षर किए गए इस एमओयू का उद्देश्य रणनीतिक मुद्दों पर सपोर्ट करना, शिक्षण और अनुसंधान को नए स्तर पर लेकर जाना और प्रमुख पब्लिक पॉलिसी के मुद्दों पर चर्चा के लिए मंच तैयार करना है.