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ऑल इंडिया लॉयर्स युनियन ने की श्रम कानूनों को निलंबित करने की आलोचना

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Published : May 12, 2020, 8:28 PM IST

Updated : May 27, 2020, 9:39 AM IST

ऑल इंडिया लॉयर्स युनियन ने श्रम कानूनों को निलंबित करने के फैसले की आलोचना की है और राज्य सरकारों से श्रमविरोधी फैसलों को वापस लेने की मांग की है.

All India Lawyers Union criticized suspension of labor laws
श्रम कानून

नई दिल्लीः ऑल इंडिया लॉयर्स युनियन ने उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सरकारों की ओर से सभी श्रम कानूनों को निलंबित करने के फैसले की आलोचना की है. ऑल इंडिया लॉयर्स युनियन के अखिल भारतीय महासचिव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पीवी सुरेंद्रनाथ ने केंद्र और राज्य सरकारों के श्रमविरोधी फैसलों को वापस लेने की मांग की है.

काम के घंटे 8 से 12 किए गए

वकील पीवी सुरेंद्रनाथ ने एक बयान जारी कर कहा है कि गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की राज्य सरकारों की ओर से कारखाना अधिनियम में बिना संशोधन किए श्रमिकों के काम के घंटे आठ से बारह कर दिए हैं. इन सरकारों ने श्रम कानूनों की अवमानना की है.

फैसले को संविधान का उल्लंघन बताया

ऑल इंडिया लायर्स युनियन ने कहा है कि इन सरकारों का कदम संविधान की धारा 21 में जीने के अधिकार का उल्लंघन करती है. युनियन ने कहा है कि कॉरपोरेट जगत और सेवायोजकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए और श्रमिकों को पीछे धकेलने की कार्रवाई की जा रही है.

नई दिल्लीः ऑल इंडिया लॉयर्स युनियन ने उत्तरप्रदेश और मध्यप्रदेश सरकारों की ओर से सभी श्रम कानूनों को निलंबित करने के फैसले की आलोचना की है. ऑल इंडिया लॉयर्स युनियन के अखिल भारतीय महासचिव और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील पीवी सुरेंद्रनाथ ने केंद्र और राज्य सरकारों के श्रमविरोधी फैसलों को वापस लेने की मांग की है.

काम के घंटे 8 से 12 किए गए

वकील पीवी सुरेंद्रनाथ ने एक बयान जारी कर कहा है कि गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब की राज्य सरकारों की ओर से कारखाना अधिनियम में बिना संशोधन किए श्रमिकों के काम के घंटे आठ से बारह कर दिए हैं. इन सरकारों ने श्रम कानूनों की अवमानना की है.

फैसले को संविधान का उल्लंघन बताया

ऑल इंडिया लायर्स युनियन ने कहा है कि इन सरकारों का कदम संविधान की धारा 21 में जीने के अधिकार का उल्लंघन करती है. युनियन ने कहा है कि कॉरपोरेट जगत और सेवायोजकों को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए और श्रमिकों को पीछे धकेलने की कार्रवाई की जा रही है.

Last Updated : May 27, 2020, 9:39 AM IST
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