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अलका लांबा ने कांग्रेस को किया सावधान! जानिए क्या कहा

आगामी लोकसभा चुनाव के नतीजों को लेकर एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि हो सकता अगर नतीजों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी और महागठबंधन पूर्ण बहुमत पाने की स्थिति में नही रहा तो संभव है कि महागठबंधन का कोई घटक दल एनडीए के पाले में चला जाए. इसको लेकर दिल्ली में आप नेता अलका लांबा ने कांग्रेस को सावधान रहने को कहा है.

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Published : Apr 7, 2019, 5:09 AM IST

अलका लांबा की कांग्रेस को चेतावनी

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने बयान दिया है कि, आगामी लोकसभा में किसी को बहुमत न मिलने की स्थिति में समय आने पर महागठबंधन के कुछ घटक दल बीजेपी को अपना समर्थन दे सकते हैं लेकिन शर्त ये होगी कि, पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी का कोई और नेता हो.

Alka Lamba Tweet
अलका लांबा का ट्विट

अलका लांबा ने किया है ट्विट
रांकपा प्रमुख शरद पवार के इस बयान पर आप की नेता अलका लांबा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस को सावधान रहने की सलाह दी है. आपको बता दें कि फिलहाल दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कवायद चल रही है. संभावना जताई जा रही है कि बहुत जल्द सात सीटों पर तीन-तीन-एक फार्मूले पर गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो जाए.

क्या हैं शरद के बयान के मायने
इस बयान के कई मायने निकाले जा सकते हैं. क्या खुद रांकपा ऐसा करेगी या फिर कोई और. फिलहाल महागठबंधन में सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, और दक्षिण भारत से तेलुगु देशम पार्टी शामिल है. आपको बता दें कि टीडीपी पहले एनडीए का ही घटक दल था लेकिन पिछले साल आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा वाले मसले पर उसने अपना साथ छोड़ दिया था.

क्या कहना चाहते हैं शरद?
बहुत संभावना है कि वे ही दोबारा एनडीए के पाले में चले जाएं. हालांकि जिस तरीके की तकरार दोनों पार्टियों के बीच देखने को मिली थी उससे ऐसी संभावना कम ही बनती है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि आखिर शरद पवार के बयान के मायने क्या हैं.

नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने बयान दिया है कि, आगामी लोकसभा में किसी को बहुमत न मिलने की स्थिति में समय आने पर महागठबंधन के कुछ घटक दल बीजेपी को अपना समर्थन दे सकते हैं लेकिन शर्त ये होगी कि, पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी का कोई और नेता हो.

Alka Lamba Tweet
अलका लांबा का ट्विट

अलका लांबा ने किया है ट्विट
रांकपा प्रमुख शरद पवार के इस बयान पर आप की नेता अलका लांबा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस को सावधान रहने की सलाह दी है. आपको बता दें कि फिलहाल दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कवायद चल रही है. संभावना जताई जा रही है कि बहुत जल्द सात सीटों पर तीन-तीन-एक फार्मूले पर गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो जाए.

क्या हैं शरद के बयान के मायने
इस बयान के कई मायने निकाले जा सकते हैं. क्या खुद रांकपा ऐसा करेगी या फिर कोई और. फिलहाल महागठबंधन में सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, और दक्षिण भारत से तेलुगु देशम पार्टी शामिल है. आपको बता दें कि टीडीपी पहले एनडीए का ही घटक दल था लेकिन पिछले साल आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा वाले मसले पर उसने अपना साथ छोड़ दिया था.

क्या कहना चाहते हैं शरद?
बहुत संभावना है कि वे ही दोबारा एनडीए के पाले में चले जाएं. हालांकि जिस तरीके की तकरार दोनों पार्टियों के बीच देखने को मिली थी उससे ऐसी संभावना कम ही बनती है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि आखिर शरद पवार के बयान के मायने क्या हैं.

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अलका लांबा ने कांग्रेस को किया सावधान! जानिए क्या कहा



नई दिल्ली: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के सुप्रीमो शरद पवार ने बयान दिया है कि, आगामी लोकसभा में किसी को बहुमत न मिलने की स्थिति में समय आने पर महागठबंधन के कुछ घटक दल बीजेपी को अपना समर्थन दे सकते हैं लेकिन शर्त ये होगी कि, पीएम नरेंद्र मोदी के अलावा बीजेपी का कोई और नेता हो.



अलका लांबा ने किया है ट्विट

रांकपा प्रमुख शरद पवार के इस बयान पर आप की नेता अलका लांबा ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस को सावधान रहने की सलाह दी है. आपको बता दें कि फिलहाल दिल्ली में आप और कांग्रेस के बीच गठबंधन की कवायद चल रही है. संभावना जताई जा रही है कि बहुत जल्द सात सीटों पर तीन-तीन-एक फार्मूले पर गठबंधन का औपचारिक ऐलान हो जाए.



क्या हैं शरद के बयान के मायने

इस बयान के कई मायने निकाले जा सकते हैं. क्या खुद रांकपा ऐसा करेगी या फिर कोई और. फिलहाल महागठबंधन में सपा, बसपा, तृणमूल कांग्रेस, राजद, और दक्षिण भारत से तेलुगु देशम पार्टी शामिल है. आपको बता दें कि टीडीपी पहले एनडीए का ही घटक दल था लेकिन पिछले साल आंध्र को विशेष राज्य का दर्जा वाले मसले पर उसने अपना साथ छोड़ दिया था.



क्या कहना चाहते हैं शरद?

बहुत संभावना है कि वे ही दोबारा एनडीए के पाले में चले जाएं. हालांकि जिस तरीके की तकरार दोनों पार्टियों के बीच देखने को मिली थी उससे ऐसी संभावना कम ही बनती है.

राजनीतिक गलियारों में चर्चा होने लगी है कि आखिर शरद पवार के बयान के मायने क्या हैं.


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