नई दिल्ली: दिल्ली दंगे को लेकर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की ओर से दाखिल तीसरी पूरक चार्जशीट पर वकील महमूद प्राचा ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस का ये कहना सरासर गलत है कि मुस्लिम दंगाइयों ने गैर मुस्लिम समुदाय और पुलिस को टारगेट किया और सीसीटीवी कैमरों को नुकसान पहुंचाया.
वीडियो फुटेज सीसीटीवी कैमरे में नहीं हार्ड डिस्क में होते हैं
महमूद प्राचा ने कहा कि वीडियो फुटेज सीसीटीवी कैमरे में नहीं होते बल्कि उससे जुड़े हार्ड डिस्क में होते हैं. उन्होंने कहा कि जब PWD का पूरा वीडियो फुटेज सामने आएगा तो कहानी दूसरी होगी. उन्होंने कहा कि ये मामला दिल्ली पुलिस की अक्षमता को दर्शाती है. ये वीडियो पूरे तरीके से दिल्ली पुलिस के अधिकारियों को बचाने के लिए किया गया है. अगर ये वीडियो पूरा दिखाएंगे तो दिल्ली पुलिस और आरएसएस के लोग दिखेंगे.
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सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई
पिछले 25 फरवरी को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने तीसरी पूरक चार्जशीट दाखिल किया था. चार्जशीट में बताया गया है कि दंगों के लिए कैसे साजिश रची गई. दंगों की साजिश रचने वालों ने एक साजिश के तहत दंगों के दौरान कई इलाकों के सीसीटीवी कैमरे तोड़े थे. सीसीटीवी तोड़ने वालों की पहचान की गई है. इन दंगों में साजिश रचने के मामले में दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अब तक 18 लोगों को आरोपी बनाया है.