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आगामी विधानसभा चुनाव अपने दम पर लड़ेगी AAP!, UCC पर भी विपक्ष से अलग रुख

केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश को लेकर AAP और कांग्रेस के बीच विवाद जारी है. जहां विपक्ष एकजुट होकर चुनाव लड़ने की बात कर रहा है, वहीं AAP की अलग ही मंशा नजर आ रही है. कांग्रेस से नाराज AAP विपक्षी दल से अलग खुद के दम पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है.

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Published : Jun 29, 2023, 5:51 PM IST

Updated : Jun 29, 2023, 6:25 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) में तकरार चल रही है. इसी बीच आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है. AAP के इस दांव से माना जा रहा है कि पार्टी इस साल अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पहले की तरह अपने दम पर लड़ेगी.

विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का प्लान तैयार: विपक्षी एकता दल में शामिल सभी नेता अगले साल होने वाले आम चुनाव में बीजेपी को हराने के एजेंडे पर साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले इस साल छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. विपक्षी दल के नेता एक साथ मिलकर इन राज्यों में भी बीजेपी का मुकाबला करने का प्लान तैयार कर रहे हैं. वहीं, AAP के महासचिव और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक पहले की तरह चुनावी राज्यों के लिए प्लान बनाया है. उस प्लान के अनुसार विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति को अमल में लाने की बात कर रहे हैं.

अन्य राज्यों में आप का प्रदर्शन
अन्य राज्यों में आप का प्रदर्शन

चुनावी राज्यों में AAP का प्रचार अभियान होगा और तेज: आम आदमी पार्टी के राजस्थान के प्रभारी और दिल्ली के विधायक विनय मिश्रा का कहना है कि पार्टी चुनाव प्रचार की तैयारी में जुटी है. आने वाले दिनों में कई बड़े नेताओं के दौरे और सभाएं होंगी. हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि सबकुछ कांग्रेस की तरफ से होना है.

AAP नेता ने कहा कि कई पार्टियां अलग-अलग राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं. केरल में वामपंथी और कांग्रेस प्रतिद्वंदी है. इन सभी विरोधाभास के बावजूद अगर सही मायने में हमें भाजपा के खिलाफ लड़ना है, अगर एक आना है तो कई मुद्दों पर हमें मतभेद खत्म करने होंगे और यह बात कांग्रेस को सोचना चाहिए.

अध्यादेश पर अभी तक कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं: अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस का साथ न मिलने पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. विपक्षी दल आपके पास प्यार मांगने आए हैं और आप कहते हैं कि आपके पास यह नहीं है, तो यह आपके मोहब्बत की दुकान पर सवाल खड़ा करता है.

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा था कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करती ही. दूसरी तरफ से समझौते की उम्मीद भी लगाए हैं. माकन शुरू से ही आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ की खिलाफत करते रहे हैं. गत माह पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनकी मुलाकात हुई थी तो उन्होंने विस्तार से दलीलें रखी, जिसके बाद से ही अध्यादेश के मसले पर आम आदमी पार्टी को अभी तक कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला है.

अगली बैठक में नहीं शामिल हो सकती है AAP: विपक्षी दलों की बैठक 14 जुलाई को होगी. अभी तक बैठक का स्थान शिमला ही है, लेकिन इसे बदलकर बेंगलुरु किया जा सकता है. फिलहाल स्थान को लेकर आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. इस बैठक की मेजबानी कांग्रेस करेगी, इसलिए अभी तक AAP ने इसमें शामिल होने को लेकर सहमति नहीं जताई है.

इसे भी पढ़ें: LG Vs Kejriwal: एलजी ने कहा- दिल्ली को मुफ्त की आदत, केजरीवाल बोले- आप बाहरी, लोगों का अपमान न करें

इसे भी पढ़ें: NCCSA Meeting: महिला अधिकारियों की मांग को CM ने दी स्वीकृति, जानें किन मुद्दों पर नहीं बनी सहमति

नई दिल्ली: दिल्ली में केंद्र सरकार के लाए गए अध्यादेश को लेकर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) में तकरार चल रही है. इसी बीच आम आदमी पार्टी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) के मुद्दे पर केंद्र सरकार का समर्थन किया है. AAP के इस दांव से माना जा रहा है कि पार्टी इस साल अलग-अलग राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव पहले की तरह अपने दम पर लड़ेगी.

विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने का प्लान तैयार: विपक्षी एकता दल में शामिल सभी नेता अगले साल होने वाले आम चुनाव में बीजेपी को हराने के एजेंडे पर साथ मिलकर काम करने की बात कर रहे हैं, लेकिन इससे पहले इस साल छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश, राजस्थान समेत अन्य राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं. विपक्षी दल के नेता एक साथ मिलकर इन राज्यों में भी बीजेपी का मुकाबला करने का प्लान तैयार कर रहे हैं. वहीं, AAP के महासचिव और राज्यसभा सदस्य संदीप पाठक पहले की तरह चुनावी राज्यों के लिए प्लान बनाया है. उस प्लान के अनुसार विधानसभा चुनाव लड़ने की रणनीति को अमल में लाने की बात कर रहे हैं.

अन्य राज्यों में आप का प्रदर्शन
अन्य राज्यों में आप का प्रदर्शन

चुनावी राज्यों में AAP का प्रचार अभियान होगा और तेज: आम आदमी पार्टी के राजस्थान के प्रभारी और दिल्ली के विधायक विनय मिश्रा का कहना है कि पार्टी चुनाव प्रचार की तैयारी में जुटी है. आने वाले दिनों में कई बड़े नेताओं के दौरे और सभाएं होंगी. हम सभी सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. उन्होंने कहा कि सबकुछ कांग्रेस की तरफ से होना है.

AAP नेता ने कहा कि कई पार्टियां अलग-अलग राज्यों में एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती है. उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और कांग्रेस एक दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ती हैं. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस और वामपंथी एक दूसरे के खिलाफ लड़ते हैं. केरल में वामपंथी और कांग्रेस प्रतिद्वंदी है. इन सभी विरोधाभास के बावजूद अगर सही मायने में हमें भाजपा के खिलाफ लड़ना है, अगर एक आना है तो कई मुद्दों पर हमें मतभेद खत्म करने होंगे और यह बात कांग्रेस को सोचना चाहिए.

अध्यादेश पर अभी तक कांग्रेस का रुख स्पष्ट नहीं: अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस का साथ न मिलने पर AAP नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि कांग्रेस को बड़ा दिल दिखाना चाहिए. विपक्षी दल आपके पास प्यार मांगने आए हैं और आप कहते हैं कि आपके पास यह नहीं है, तो यह आपके मोहब्बत की दुकान पर सवाल खड़ा करता है.

वहीं, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा था कि आम आदमी पार्टी कांग्रेस के नेताओं के लिए अपशब्द का इस्तेमाल करती ही. दूसरी तरफ से समझौते की उम्मीद भी लगाए हैं. माकन शुरू से ही आम आदमी पार्टी के साथ गठजोड़ की खिलाफत करते रहे हैं. गत माह पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से उनकी मुलाकात हुई थी तो उन्होंने विस्तार से दलीलें रखी, जिसके बाद से ही अध्यादेश के मसले पर आम आदमी पार्टी को अभी तक कांग्रेस का समर्थन नहीं मिला है.

अगली बैठक में नहीं शामिल हो सकती है AAP: विपक्षी दलों की बैठक 14 जुलाई को होगी. अभी तक बैठक का स्थान शिमला ही है, लेकिन इसे बदलकर बेंगलुरु किया जा सकता है. फिलहाल स्थान को लेकर आखिरी फैसला नहीं लिया गया है. इस बैठक की मेजबानी कांग्रेस करेगी, इसलिए अभी तक AAP ने इसमें शामिल होने को लेकर सहमति नहीं जताई है.

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Last Updated : Jun 29, 2023, 6:25 PM IST
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