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2015 के बाद दिल्ली के बाजारों से एफसीआई ने नहीं की खरीद: राघव चड्ढा

आप नेता राघव चड्ढा ने कहा है कि 2015 के बाद दिल्ली के बाजारों से एफसीआई ने कोई भी खरीद नहीं की है, जो साबित करता है कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी है.

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Published : Oct 9, 2020, 12:58 AM IST

Updated : Oct 9, 2020, 1:05 AM IST

aap leader raghav chadha attacked on central government over msp
राघव चड्ढा किसान

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से विधायक राघव चड्ढा ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में दिल्ली के एक भी किसान से एमएसपी पर फसल की उपज नहीं खरीदी है, जो साबित करता है कि वह किसान विरोधी है.

राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार को घेरा

आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि हमारे अधिकारियों, मंडी अध्यक्ष और हमारे मंत्रियों ने लगातार केंद्र को पत्र लिखे हैं. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों से फसल की उपज एमएसपी पर खरीदें. लेकिन पिछले 5 वर्षों में किसी भी संस्था ने हमारे किसानों की मदद नहीं की है, जिससे किसानों को अपनी उपज कम कीमत में बेचनी पड़ रही है.


'किसानों के साथ हो रहा है धोखा'

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के किसान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असंवेदनशीलता और झूठे वादों के कारण निजी व्यापारियों की दया पर निर्भर है. राघव चड्ढा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ हफ्ते पहले देश के किसानों से कहा था कि रिफॉर्म बिल किसानों और मंडियों के खिलाफ नहीं है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा मिलता रहेगा और मंडिया भी अपना कामकाज करती रहेंगी. लेकिन दिल्ली के किसानों को तो एमएसपी का कोई फायदा ही नहीं मिला.

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली का गरीब किसान जो दिन-रात कड़ी मेहनत करता है, ताकि हमारी थाली में अनाज पहुंच सके, उसके साथ यह धोखा है. केंद्र सरकार ने दिल्ली के किसानों को बिचौलियों के हाथों में लूटने के लिए छोड़ दिया है और दिल्ली के किसान एमएसपी से कम भाव पर अपना अनाज बेचने को मजबूर हैं.

'एफसीआई का है कर्तव्य'

राघव चड्ढा ने कहा कि अब यह साफ हो चुका है कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी सरकार है और इसे एक सामान्य किसान से कोई लेना देना नहीं है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह एफसीआई का कर्तव्य है कि वह दिल्ली के किसानों की मदद करें, लेकिन अब उनका रवैया सबके सामने है. आम किसान मंडियों में अपनी उपज को कम कीमतों पर बेचने को मजबूर हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रहा.

अनाज

न्यूनतम समर्थन मूल्य

(खुला बाजार)

बिक्री भाव नुकसान
गेहूं1925 1700 225
सरसो 4450 3450 1000
बाजरा 2150 1350 800
ज्वार 2620 1800 820
मक्का 1850 1250 600

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और राजेंद्र नगर विधानसभा सीट से विधायक राघव चड्ढा ने एक बार फिर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि बीजेपी सरकार ने पिछले 5 वर्षों में दिल्ली के एक भी किसान से एमएसपी पर फसल की उपज नहीं खरीदी है, जो साबित करता है कि वह किसान विरोधी है.

राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार को घेरा

आम आदमी पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए राघव चड्ढा ने कहा कि हमारे अधिकारियों, मंडी अध्यक्ष और हमारे मंत्रियों ने लगातार केंद्र को पत्र लिखे हैं. यह केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है कि वह किसानों से फसल की उपज एमएसपी पर खरीदें. लेकिन पिछले 5 वर्षों में किसी भी संस्था ने हमारे किसानों की मदद नहीं की है, जिससे किसानों को अपनी उपज कम कीमत में बेचनी पड़ रही है.


'किसानों के साथ हो रहा है धोखा'

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली के किसान भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की असंवेदनशीलता और झूठे वादों के कारण निजी व्यापारियों की दया पर निर्भर है. राघव चड्ढा ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कुछ हफ्ते पहले देश के किसानों से कहा था कि रिफॉर्म बिल किसानों और मंडियों के खिलाफ नहीं है. किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य का फायदा मिलता रहेगा और मंडिया भी अपना कामकाज करती रहेंगी. लेकिन दिल्ली के किसानों को तो एमएसपी का कोई फायदा ही नहीं मिला.

राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली का गरीब किसान जो दिन-रात कड़ी मेहनत करता है, ताकि हमारी थाली में अनाज पहुंच सके, उसके साथ यह धोखा है. केंद्र सरकार ने दिल्ली के किसानों को बिचौलियों के हाथों में लूटने के लिए छोड़ दिया है और दिल्ली के किसान एमएसपी से कम भाव पर अपना अनाज बेचने को मजबूर हैं.

'एफसीआई का है कर्तव्य'

राघव चड्ढा ने कहा कि अब यह साफ हो चुका है कि बीजेपी सरकार किसान विरोधी सरकार है और इसे एक सामान्य किसान से कोई लेना देना नहीं है. मैं आपको बताना चाहता हूं कि यह एफसीआई का कर्तव्य है कि वह दिल्ली के किसानों की मदद करें, लेकिन अब उनका रवैया सबके सामने है. आम किसान मंडियों में अपनी उपज को कम कीमतों पर बेचने को मजबूर हैं, लेकिन केंद्र सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रहा.

अनाज

न्यूनतम समर्थन मूल्य

(खुला बाजार)

बिक्री भाव नुकसान
गेहूं1925 1700 225
सरसो 4450 3450 1000
बाजरा 2150 1350 800
ज्वार 2620 1800 820
मक्का 1850 1250 600
Last Updated : Oct 9, 2020, 1:05 AM IST
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