नई दिल्ली: सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने गठबंधन को लेकर चर्चा सामने रखी थी. अरविंद केजरीवाल ने खुले मंच से भी कहा कि हम उन्हें मना-मना कर थक गए कि गठबंधन कर लो.
हालांकि इन सबके बावजूद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित इस बात पर अड़ी रहीं कि गठबंधन नहीं होगा लेकिन पिछले कई दौर की मीटिंग और चर्चाओं के बाद कांग्रेस से संकेत आए कि वो सकारात्मकता के साथ आगे आ सकती है, लेकिन अब आम आदमी पार्टी ने इसमें रोड़े अटका दिए हैं.
गठबंधन को लेकर बीते दिन अरविंद केजरीवाल के आवास पर पार्टी के शीर्ष नेताओं की बैठक हुई, जिसमें अब तय किया गया है दिल्ली में आम आदमी पार्टी कांग्रेस से गठबंधन तभी करेगी, जब हरियाणा और चंडीगढ़ में भी कांग्रेस गठबंधन के लिए तैयार होती है. इसके साथ ही आम आदमी पार्टी की तरफ से यह भी फैसला किया गया है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन तभी होगा, जब वो पूर्ण राज्य के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का समर्थन करेगी.
पार्टी सूत्रों का कहना है कि शनिवार शाम अरविंद केजरीवाल ने गोपाल राय, संजय सिंह और मनीष सिसोदिया के साथ बैठक की, जिसमें तय हुआ कि आम आदमी पार्टी की तरफ से कांग्रेस से गठबंधन की बातचीत तभी होगी. जब कांग्रेस दिल्ली की सात सीटों के अलावा हरियाणा की 10 और चंडीगढ की एक सीट पर गठबंधन के लिए राजी होती है.
इधर कांग्रेस को भी अब इस शर्त के बाद पार्टी के भीतर एक राय बनाने में अड़चनें आ रही हैं. शनिवार को ही प्रदेश कांग्रेस प्रभारी पीसी चाको ने शीला दीक्षित के साथ-साथ हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा और प्रभारी अशोक तंवर से मुलाकात की थी. बताया जा रहा है कि दोनों ही नेताओं ने गठबंधन से मना कर दिया है.