नई दिल्ली: दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. दिल्ली वक्फ बोर्ड की भर्ती में अनियमितता के मामले में निचली अदालत से खान को मिली जमानत को भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) ने दिल्ली हाईकाेर्ट में चुनौती दी है. एसीबी ने कोर्ट से उनकी जमानत को रद्द करने की मांग की है. एसीबी की याचिका पर हाईकोर्ट ने खान को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है. मामले में अगली सुनवाई नौ दिसंबर को होगी.
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28 सितंबर को राउज एवेन्यू कोर्ट के विशेष न्यायाधीश विकास ढुल ने जमानत याचिका काे स्वीकार करते हुए एक लाख रुपए के निजी मुचलके और इतनी ही राशि के जमानत पर अमानतुल्लाह को जमानत पर रिहा करने का आदेश दिया था. हालांकि, एसीबी ने यह कहते हुए जमानत याचिका का विरोध किया था कि विधायक के खिलाफ पहले 12 प्राथमिकी थी और अब 25 प्राथमिकी हो चुकी है. वह लगातार अपराध में संलिप्त रहे हैं और अभी तक किसी मामले में उन्हें आरोप मुक्त नही किया गया है.
वहीं, विधायक ने दलील दी कि एसीबी ने उनके मुवक्किल पर कई आरोप लगाए हैं लेकिन कोई भी साक्ष्य नहीं पेश कर सकी है. इस मामले में एसीबी ने 16 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को गिरफ्तार किया था. उनके सहयोगियों के पास से एसीबी ने दो अवैध हथियार, कारतूस व 24 लाख रुपए नकद बरामद किया था. एसीबी का आरोप है कि वक्फ संपत्तियों में सुविधा देने के बदले खान ने अपने सहयोगियों की मदद से करोड़ों रुपये की वसूली की.
यह है मामला
ACB ने दिल्ली वक्फ बोर्ड (Delhi Waqf Board) के कामकाज में कथित वित्तीय हेराफेरी और अन्य अनियमितताओं से संबंधित एक मामले में 16 सितंबर को अमानतुल्लाह खान को तलब किया था. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. बोर्ड में कथित गड़बड़ी के संबंध में पहले भी प्राथमिकी दर्ज की जा चुकी है.
प्राथमिकी के अनुसार, खान ने सभी मानदंडों और सरकारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करते हुए 32 लोगों को अवैध रूप से भर्ती किया और भ्रष्ट और पक्षपातपूर्ण गतिविधियों में शामिल रहे. तीसरा मामला एसीबी अधिकारियों के कामकाज में बाधा डालने से संबंधित है. पुलिस ने कहा कि इसमें शामिल लोगों की पहचान की जा रही है.
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