नई दिल्लीः दिल्ली की साकेत कोर्ट ने आज तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल होने वाले एक विदेशी नागरिक को बरी कर दिया है. चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट गुरमोहिना कौर ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में जो आरोप लगाए हैं, उसके पक्ष में कोई दस्तावेज नहीं हैं.
सुनवाई के दौरान विदेशी नागरिक नुरबेक डोसमुकांतबेट उलु की ओर से वरिष्ठ वकील रेबेका जॉन ने कहा कि आरोपी के खिलाफ दायर चार्जशीट में उसकी भूमिका के बारे में कोई जिक्र नहीं किया गया है. उन्होंने कहा कि चार्जशीट में आरोपी के बारे में वैसा कुछ भी नहीं बताया गया है, जिससे कि उसके खिलाफ आरोप साबित किया जा सके.
रेबेका जॉन ने कहा कि गृह मंत्रालय की वेबसाइट पर आरोपियों को तबलीगी जमात समेत किसी धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने से रोकने का कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया था. इस बात के कोई साक्ष्य नहीं है जिसमें ये कहा जा सके कि आरोपी ने लॉकडाउइन के दिशानिर्देशों का उल्लंघन किया.
वीजा नियमों के उल्लंघन का आरोप
आरोपी की दलीलों का विरोध करते हुए दिल्ली पुलिस ने कहा कि चार्जशीट में जो दस्तावेज सौंपे गए हैं, वो आरोपी के खिलाफ पुख्ता साक्ष्य हैं. जो विदेशी भारत आए वे टूरिस्ट वीजा पर आए और यहां आकर तबलीगी जमात के कार्यक्रम में बिना किसी अनुमति के शामिल हुए. आरोपी ने वीजा नियमों का उल्लंघन किया है. आरोपी ने सोशल डिस्टेंसिंग समेत दूसरे एहतियातों का पालन नहीं किया. उन्होंने कहा कि लाजपत नगर के एसीपी की ओर से धारा 144 लगाए जाने का उल्लंघन किया गया.
3 देशों के 53 नागरिक बरी
पिछले 24 जुलाई को साकेत कोर्ट ने तीन देशों के 53 नागरिकों को बरी कर दिया था. मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट अर्चना बेनीवाल ने इंडोनेशिया के 40, किर्गिजस्तान के 12 और दक्षिण अफ्रीका के एक नागरिक को पांच-पांच हजार रुपये के जुर्माने पर बरी किया था.