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तिहाड़ में सुकेश की सेवा करते थे 82 जेलकर्मी, सब जांच के घेरे में - Economic Offenses Wing of Delhi Police

एलजी विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने पिछले महीने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को दिल्ली कारागार विभाग के 82 जेलकर्मियों के खिलाफ जांच की मंजूरी दी थी. इन जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर उस वक्त रोहिणी जेल नंबर 10 में बंद अपराधी सुकेश चंद्रशेखर को जेल से भी ठगी का धंधा चलाने और अन्य सुविधाएं देने के आरोप हैं.

सुकेश चंद्रशेखर
सुकेश चंद्रशेखर
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Published : Nov 1, 2022, 4:22 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) के दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर लगाए गए सनसनीखेज आरोप के मद्देनजर इसकी जांच को लेकर उपराज्यपाल सचिवालय क्या फैसला लेता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि, इससे पहले सुकेश की मदद के बदले जेल के 82 कर्मचारियों पर रिश्वत लेने की शिकायत पर उपराज्यपाल ने मामले की जांच तत्काल आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी थी.

जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर की मदद करने वाले जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामले की जांच 19 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है. इस मामले में आठ जेल अधिकारी पहले से गिरफ्तार किए जा चुके हैं. एलजी विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने पिछले महीने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को दिल्ली कारागार विभाग के 82 जेलकर्मियों के खिलाफ जांच की मंजूरी दी थी. इन जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर उस वक्त रोहिणी जेल नंबर 10 में बंद अपराधी सुकेश चंद्रशेखर को जेल से भी ठगी का धंधा चलाने व अन्य सुविधाएं देने के आरोप हैं.

ये भी पढ़ें : सुकेश ने एलजी को पत्र लिख किया दावा- सतेंद्र जैन को दिए 10 करोड़, AAP को 50 करोड़


दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सुकेश चंद्रशेखर द्वारा एक्सटॉर्शन मामले में पिछले साल गिरफ्तार सात जेल अधिकारियों और अन्य 82 कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति मांगी थी. जेल के इन 82 कर्मियों पर सुकेश से करोड़ों रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है.

दिल्ली पुलिस की तरफ से जनवरी में इन पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति तिहाड़ प्रशासन से मांगी गई थी, जिसे उपराज्यपाल के पास भेज दिया गया था. अब उपराज्यपाल ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी है. इन लोगों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला चलाया जा सकता है.

एलजी द्वारा इन जेलकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश पर तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने कहा कि हमसे जो भी सहयोग संभव होगा, हम करेंगे. जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने कारोबारी की पत्नी से 200 करोड़ रुपए की उगाही प्रकरण को लेकर मकोका का मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने दावा किया है कि जेल के अन्य कर्मचारी भी सुकेश की मदद कर रहे थे. उसके गलत कामों की अनदेखी करने के लिए उन्हें सुकेश की तरफ से मोटी रकम मिल रही थी.

बता दें, जेल में बंद रहने के दौरान सुकेश चंद्रशेखर ने फोर्टिस ग्रुप के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपए की उगाही की थी. अदिति सिंह के पति को जेल से बाहर निकलवाने के नाम पर उसने ये उगाही की थी. पूरे प्रकरण के दौरान जेल कर्मचारियों की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिल रहा था. उसने यह खुलासा किया था कि जेल के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को उसने 30 करोड़ से ज्यादा की रिश्वत दी है.

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नई दिल्ली: दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर (Sukesh Chandrashekhar) के दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन पर लगाए गए सनसनीखेज आरोप के मद्देनजर इसकी जांच को लेकर उपराज्यपाल सचिवालय क्या फैसला लेता है, इस पर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. हालांकि, इससे पहले सुकेश की मदद के बदले जेल के 82 कर्मचारियों पर रिश्वत लेने की शिकायत पर उपराज्यपाल ने मामले की जांच तत्काल आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी थी.

जेल में बंद सुकेश चंद्रशेखर की मदद करने वाले जेल अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ मामले की जांच 19 अक्टूबर को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी गई है. इस मामले में आठ जेल अधिकारी पहले से गिरफ्तार किए जा चुके हैं. एलजी विनय कुमार सक्सेना (LG Vinay Kumar Saxena) ने पिछले महीने दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) को दिल्ली कारागार विभाग के 82 जेलकर्मियों के खिलाफ जांच की मंजूरी दी थी. इन जेल अधिकारियों और कर्मचारियों पर उस वक्त रोहिणी जेल नंबर 10 में बंद अपराधी सुकेश चंद्रशेखर को जेल से भी ठगी का धंधा चलाने व अन्य सुविधाएं देने के आरोप हैं.

ये भी पढ़ें : सुकेश ने एलजी को पत्र लिख किया दावा- सतेंद्र जैन को दिए 10 करोड़, AAP को 50 करोड़


दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने सुकेश चंद्रशेखर द्वारा एक्सटॉर्शन मामले में पिछले साल गिरफ्तार सात जेल अधिकारियों और अन्य 82 कर्मचारियों पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति मांगी थी. जेल के इन 82 कर्मियों पर सुकेश से करोड़ों रुपए की रिश्वत लेने का आरोप है.

दिल्ली पुलिस की तरफ से जनवरी में इन पर भ्रष्टाचार का मामला चलाने की अनुमति तिहाड़ प्रशासन से मांगी गई थी, जिसे उपराज्यपाल के पास भेज दिया गया था. अब उपराज्यपाल ने सभी आरोपियों के खिलाफ मामले की जांच आर्थिक अपराध शाखा को सौंप दी है. इन लोगों के खिलाफ भी भ्रष्टाचार का मामला चलाया जा सकता है.

एलजी द्वारा इन जेलकर्मियों के खिलाफ जांच शुरू करने के आदेश पर तिहाड़ जेल के डीजी संदीप गोयल ने कहा कि हमसे जो भी सहयोग संभव होगा, हम करेंगे. जानकारी के अनुसार आर्थिक अपराध शाखा ने कारोबारी की पत्नी से 200 करोड़ रुपए की उगाही प्रकरण को लेकर मकोका का मामला दर्ज कराया है. पुलिस ने दावा किया है कि जेल के अन्य कर्मचारी भी सुकेश की मदद कर रहे थे. उसके गलत कामों की अनदेखी करने के लिए उन्हें सुकेश की तरफ से मोटी रकम मिल रही थी.

बता दें, जेल में बंद रहने के दौरान सुकेश चंद्रशेखर ने फोर्टिस ग्रुप के पूर्व प्रमोटर शिवेंद्र सिंह की पत्नी अदिति सिंह से 200 करोड़ रुपए की उगाही की थी. अदिति सिंह के पति को जेल से बाहर निकलवाने के नाम पर उसने ये उगाही की थी. पूरे प्रकरण के दौरान जेल कर्मचारियों की तरफ से उसे पूरा सहयोग मिल रहा था. उसने यह खुलासा किया था कि जेल के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को उसने 30 करोड़ से ज्यादा की रिश्वत दी है.

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