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स्कूलों में 75 फीसदी अटेंडेंस जरूरी, नहीं तो वार्षिक परीक्षा में नहीं बैठ पाएंगे 9वीं और 11वीं के छात्र - 9वीं और 11वीं के लिए 75 फीसदी अटेंडेंस जरूरी

अटेंडेंस को लेकर दिल्ली शिक्षा निदेशालय सख्त है. निदेशालय ने एक परिपत्र जारी किया है, जिसमें छात्रों की हाजरी दाखिला लेने और सत्र खत्म होने तक के दौरान सभी वर्किंग डे काउंट किए जाएंगे. इसलिए अब से 9वीं और 11वीं के छात्रों को 75 फीसदी उपस्थिति अनिवार्य रूप से पूरी करनी होगी.

Education attendence
दिल्ली शिक्षा निदेशालय का सर्कुलर
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Published : Sep 3, 2022, 8:22 AM IST

नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi government schools) में पढ़ने वाले 9वीं और 11वीं के छात्र ध्यान दें. अगर हाजरी लगाने में कोताही बरती तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है. दरअसल, दिल्ली की शिक्षा निदेशालय छात्रों की हाजरी को लेकर सख्त हो गया है. शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने कहा है की अगर स्कूल में छात्र की हाजरी 75 फीसदी से कम रहती है तो 9वीं और 11वीं के छात्र परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं होंगे. इसलिए 9वीं और 11वीं के छात्रों को 75 फीसदी हाजरी पूरी करनी अनिवार्य (75 Percent attendance Mandatory) है.

इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने एक परिपत्र भी जारी कर दिया है. निदेशालय ने अपने परिपत्र में कहा है की छात्र की हाजरी दाखिला लेने और सत्र खत्म होने तक के दौरान सभी वर्किंग्स डे काउंट किए जाएंगे. निदेशालय ने कहा है की हाजरी का प्रतिशत मिड टर्म एग्जाम के दौरान काउंट की जाएगी. अगर इस दौरान कुल हाजरी में 10 फीसद हाजरी कम रहती है तो छात्र को अभिभावक की सहमति से परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. लेकिन छात्र को यह सुनिश्चित करना होगा की वह भविष्य में अपनी हाजरी को पूरी करेगा.

वहीं वार्षिक परीक्षा में अगर छात्र की कुल हाजरी में 15 फीसदी हाजरी कम रहती है तो छात्र के अभिभावक को स्कूल प्रमुख को यह बताना होगा की किन कारणों के चलते छात्र की हाजरी कम रही. इस दौरान जिला के उप शिक्षा निदेशक को कम हाजरी को लेकर जानकारी दी जाएगी. जिसमें उनसे अनुरोध किया जाएगा की छात्र को परीक्षा में बैठने के लिए मौका दें. बताते चलें की अभिभावक को जनवरी माह में हाजरी संबंधित पत्र स्कूल प्रमुख को देना होगा. वहीं वार्षिक परीक्षा से पहले अगर छात्र की कुल हाजरी 60 फीसदी से कम रहती है तो उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा. इसे लेकर शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया है की वो हाजरी से संबंधित जानकारी सभी अभिभावकों के साथ साझा करें.

हाजरी के साथ छात्र के संग अच्छे रिश्ते स्थापित करे प्रिंसिपल

शिक्षा निदेशक ने कहा है की कोविड के दौरान छात्र घर पर रहे, उनकी पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है. लेकिन अब पूरी क्षमता के साथ स्कूल शुरू हो गए हैं और छात्र स्कूल आ रहे हैं. लेकिन स्कूलों में देखने को मिल रहा है की हाजरी के प्रति छात्र सजग नहीं हैं, जबकि हाजरी होनी बेहद जरूरी है. निदेशक ने सभी स्कूल के प्रमुखों का कहा है की वो छात्र के साथ अच्छे संबंध स्थापित करें, जिससे छात्र स्कूल आए. क्लास रूम में सभी बच्चों का नाम लेकर हाजरी लगाई जाए. इस तरह का अभ्यास करने से अच्छा वातावरण बनेगा. स्कूल प्रमुख लाइव क्लास के साथ तरह तरह की एक्टिविटी का आयोजन करें. गीत, संगीत और डांस अन्य एक्टिविटी करने से छात्र का मनोबल बढ़ेगा. जिससे उनकी हाजरी भी पूरी होगी साथ की उनका सर्वांगीण विकास होगा.

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नई दिल्ली : दिल्ली के सरकारी स्कूलों (Delhi government schools) में पढ़ने वाले 9वीं और 11वीं के छात्र ध्यान दें. अगर हाजरी लगाने में कोताही बरती तो इसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ सकता है. दरअसल, दिल्ली की शिक्षा निदेशालय छात्रों की हाजरी को लेकर सख्त हो गया है. शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने कहा है की अगर स्कूल में छात्र की हाजरी 75 फीसदी से कम रहती है तो 9वीं और 11वीं के छात्र परीक्षा में बैठने के योग्य नहीं होंगे. इसलिए 9वीं और 11वीं के छात्रों को 75 फीसदी हाजरी पूरी करनी अनिवार्य (75 Percent attendance Mandatory) है.

इस संबंध में शिक्षा निदेशालय ने एक परिपत्र भी जारी कर दिया है. निदेशालय ने अपने परिपत्र में कहा है की छात्र की हाजरी दाखिला लेने और सत्र खत्म होने तक के दौरान सभी वर्किंग्स डे काउंट किए जाएंगे. निदेशालय ने कहा है की हाजरी का प्रतिशत मिड टर्म एग्जाम के दौरान काउंट की जाएगी. अगर इस दौरान कुल हाजरी में 10 फीसद हाजरी कम रहती है तो छात्र को अभिभावक की सहमति से परीक्षा में बैठने दिया जाएगा. लेकिन छात्र को यह सुनिश्चित करना होगा की वह भविष्य में अपनी हाजरी को पूरी करेगा.

वहीं वार्षिक परीक्षा में अगर छात्र की कुल हाजरी में 15 फीसदी हाजरी कम रहती है तो छात्र के अभिभावक को स्कूल प्रमुख को यह बताना होगा की किन कारणों के चलते छात्र की हाजरी कम रही. इस दौरान जिला के उप शिक्षा निदेशक को कम हाजरी को लेकर जानकारी दी जाएगी. जिसमें उनसे अनुरोध किया जाएगा की छात्र को परीक्षा में बैठने के लिए मौका दें. बताते चलें की अभिभावक को जनवरी माह में हाजरी संबंधित पत्र स्कूल प्रमुख को देना होगा. वहीं वार्षिक परीक्षा से पहले अगर छात्र की कुल हाजरी 60 फीसदी से कम रहती है तो उन्हें परीक्षा में बैठने नहीं दिया जाएगा. इसे लेकर शिक्षा निदेशक हिमांशु गुप्ता ने सभी सरकारी स्कूलों के प्रमुखों को निर्देश दिया है की वो हाजरी से संबंधित जानकारी सभी अभिभावकों के साथ साझा करें.

हाजरी के साथ छात्र के संग अच्छे रिश्ते स्थापित करे प्रिंसिपल

शिक्षा निदेशक ने कहा है की कोविड के दौरान छात्र घर पर रहे, उनकी पढ़ाई को काफी नुकसान हुआ है. लेकिन अब पूरी क्षमता के साथ स्कूल शुरू हो गए हैं और छात्र स्कूल आ रहे हैं. लेकिन स्कूलों में देखने को मिल रहा है की हाजरी के प्रति छात्र सजग नहीं हैं, जबकि हाजरी होनी बेहद जरूरी है. निदेशक ने सभी स्कूल के प्रमुखों का कहा है की वो छात्र के साथ अच्छे संबंध स्थापित करें, जिससे छात्र स्कूल आए. क्लास रूम में सभी बच्चों का नाम लेकर हाजरी लगाई जाए. इस तरह का अभ्यास करने से अच्छा वातावरण बनेगा. स्कूल प्रमुख लाइव क्लास के साथ तरह तरह की एक्टिविटी का आयोजन करें. गीत, संगीत और डांस अन्य एक्टिविटी करने से छात्र का मनोबल बढ़ेगा. जिससे उनकी हाजरी भी पूरी होगी साथ की उनका सर्वांगीण विकास होगा.

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