नई दिल्ली: जी20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले दिल्ली को 400 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात मिली है. दिल्ली की जनता की सुविधा को ध्यान में रखकर केंद्र सरकार ने फेम-2 योजना के तहत ये नई इलेक्ट्रिक बसें उपलब्ध कराई हैं. इससे पहले भी इसी योजना के अंतर्गत दिल्ली को 300 इलेक्ट्रिक बसें मिली थी. प्रदेश भाजपा के नेताओं ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए केंद्र द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है.
वहीं, सांसद मनोज तिवारी ने कहा कि आज दिल्ली पूरी तरह से परेशान है. खासकर परिवहन विभाग लचर स्थिति में है. डीटीसी की बसों की जर्जर स्थिति से प्रदेश की जनता वाकीफ है. केजरीवाल ने 11000 बसें देकर अच्छी परिवहन व्यस्था देने का वायदा किया था, लेकिन वह क्रेडिट चोर बन गए. वह सिर्फ अपने शीश महल से निकलकर लोकार्पण करते हैं और फिर बेशर्मी की सारी हदें पार कर एक नया झूठ परोसने की कोशिश करते हैं. तिवारी ने कहा कि बसों के ऊपर भारत सरकार लिखा होता है लेकिन केजरीवाल जबरन उसको अपना कहते हैं, जो इलेक्ट्रॉनिक बसे आज दिल्ली में उतरी हैं उनका सारा पैसा MHI ने दिया है.
बीजेपी सांसद ने कहा कि केजरीवाल बसों को लेकर 3600 करोड़ रुपए की बात कर रहे हैं, जिसमें भ्रष्टाचार की बू आ रही है. यह जानकारी दिल्ली की आंखे खोलने वाली है. जहां हमारी सरकार नहीं है वहां भी हमने बसों का सौगात दी है चाहे वह बंगलोर, कोलकाता या फिर अन्य शहर हो. मोदी सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती. आज दिल्ली में अगर भाजपा की सरकार होती तो 8000 इलेक्ट्रॉनिक बसें दिल्ली की सड़कों पर चला रही होती.
2025 तक दिल्ली की 80 प्रतिशत बस होंगी इलेक्ट्रिक: अरविंद केजरीवाल
सुनीता केजरीवाल वोटर आईडी कार्ड केस: दिल्ली भाजपा के मंत्री हरीश खुराना ने न्यायालय के उस आदेश का स्वागत किया है जिसमें तीस हजारी कोर्ट ने केजरीवाल की पत्नी को दो अलग-अलग चुनावी क्षेत्रों के वोटर आईडी कार्ड रखने के जुर्म में एक समन जारी किया है. उन्हें 18 नवंबर को कोर्ट को पेश होने की बात कही है. खुराना ने कहा कि यह शिकायत 30 अप्रैल 2019 को कोर्ट में दाखिल की थी.
सुनीता केजरीवाल की वोटर आईडी कार्ड दो जगहों चांदनी चौक, दिल्ली और साहिबाबाद, गाजियाबाद चुनावी क्षेत्रों से हैं, जो गैरकानूनी है. खुराना ने कहा कि सेक्शन 17 आर.पी एक्ट 1950 के अनुसार एक वोटर एक से अधिक चुनावी क्षेत्रों में रजिस्टर्ड नहीं हो सकता. अगर कोई ऐसी गलती किया तो उसे एक साल जेल की सजा हो सकती है.