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रेलवे के सालों से अटके प्रोजेक्ट की बहाली, यात्रियों को मिलेगी बड़ी राहत

नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही दो नई लाइनें. नॉन-इंटरलॉकिंग का काम जारी है. अब तक रेलवे की 300 से ज्यादा गाड़ियां प्रभावित हुई हैं.

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Published : Jul 19, 2019, 8:53 PM IST

Updated : Jul 19, 2019, 11:24 PM IST

नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही 2 नई लाइनें etv bharat

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए एक अच्छी ख़बर है. नई दिल्ली स्टेशन तक आने वाली गाड़ियों को अब आउटर पर अटकना नहीं पड़ेगा. नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही दो नई लाइनों पर इन दिनों नॉन-इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई में ही इन्हें चालू भी कर दिया जाएगा.

इसलिए लटका रहा प्रोजेक्ट
दिल्ली मंडल का ये बहुत पुराना प्रोजेक्ट है. नई दिल्ली स्टेशन पर कुल 16 प्लेटफार्म हैं लेकिन जब तिलक ब्रिज साइड से यहां गाड़ियां आती हैं. तब उनके लिए बस चार लाइनें ही हैं. ऐसे में सालों पहले यह योजना बनी थी कि यहां दो लाइनें और बनाई जा सकती हैं.

नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही 2 नई लाइनें

अधिकारियों के मुताबिक अतिक्रमण और जमीनी विवाद के चलते कई सालों तक यह प्रोजेक्ट लटका रहा. इसमें रेलवे की लेटलतीफी को भी जिम्मेदार माना जाता है.

नई लाइनों को पुरानी लाइनों से कनेक्ट करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में इस काम के लिए 19 जुलाई से 21 जुलाई तक का समय तय किया गया है.

'दोनों दिशाओं में किया जा सकेगा इस्तेमाल'
इस दौरान रेलवे की 300 से ज्यादा गाड़ियां प्रभावित भी हुई हैं. हालांकि इसके बाद ये लाइनें इस्तेमाल करने के लायक हो जाएंगी और सीआरएस इंस्पेक्शन के बाद इनका इस्तेमाल भी शुरू भी हो जाएगा.
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार कहते हैं कि दिल्ली मंडल के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. वह बताते हैं कि लाइनों को दोनों दिशाओं में इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऐसे में ये नई दिल्ली स्टेशन के लिए और भी अधिक जरूरी हो जाती हैं क्योंकि यहां पर गाड़ियों का बहुत बोझ है.

यात्रियों को मिलेगा सीधा लाभ
दावा किया जा रहा है कि लाइनों के शुरू हो जाने के बाद रेल यात्रियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. अभी के समय में प्लेटफॉर्म पर जगह होने के बाद भी लाइन खाली नहीं होंने के चलते गाड़ियों को आउटर पर रोकना पड़ता था. जिसके चलते गाड़ियां लेट हो जाती हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के लोगों के लिए एक अच्छी ख़बर है. नई दिल्ली स्टेशन तक आने वाली गाड़ियों को अब आउटर पर अटकना नहीं पड़ेगा. नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही दो नई लाइनों पर इन दिनों नॉन-इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई में ही इन्हें चालू भी कर दिया जाएगा.

इसलिए लटका रहा प्रोजेक्ट
दिल्ली मंडल का ये बहुत पुराना प्रोजेक्ट है. नई दिल्ली स्टेशन पर कुल 16 प्लेटफार्म हैं लेकिन जब तिलक ब्रिज साइड से यहां गाड़ियां आती हैं. तब उनके लिए बस चार लाइनें ही हैं. ऐसे में सालों पहले यह योजना बनी थी कि यहां दो लाइनें और बनाई जा सकती हैं.

नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही 2 नई लाइनें

अधिकारियों के मुताबिक अतिक्रमण और जमीनी विवाद के चलते कई सालों तक यह प्रोजेक्ट लटका रहा. इसमें रेलवे की लेटलतीफी को भी जिम्मेदार माना जाता है.

नई लाइनों को पुरानी लाइनों से कनेक्ट करना बहुत महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में इस काम के लिए 19 जुलाई से 21 जुलाई तक का समय तय किया गया है.

'दोनों दिशाओं में किया जा सकेगा इस्तेमाल'
इस दौरान रेलवे की 300 से ज्यादा गाड़ियां प्रभावित भी हुई हैं. हालांकि इसके बाद ये लाइनें इस्तेमाल करने के लायक हो जाएंगी और सीआरएस इंस्पेक्शन के बाद इनका इस्तेमाल भी शुरू भी हो जाएगा.
उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार कहते हैं कि दिल्ली मंडल के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. वह बताते हैं कि लाइनों को दोनों दिशाओं में इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऐसे में ये नई दिल्ली स्टेशन के लिए और भी अधिक जरूरी हो जाती हैं क्योंकि यहां पर गाड़ियों का बहुत बोझ है.

यात्रियों को मिलेगा सीधा लाभ
दावा किया जा रहा है कि लाइनों के शुरू हो जाने के बाद रेल यात्रियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. अभी के समय में प्लेटफॉर्म पर जगह होने के बाद भी लाइन खाली नहीं होंने के चलते गाड़ियों को आउटर पर रोकना पड़ता था. जिसके चलते गाड़ियां लेट हो जाती हैं.

Intro:नई दिल्ली:
नई दिल्ली स्टेशन तक आने वाली गाड़ियों को अब आउटर पर अटकना नहीं पड़ेगा. नई दिल्ली और तिलक ब्रिज स्टेशन के बीच बन रही दो अतिरिक्त लाइनों पर इन दिनों नॉन-इंटरलॉकिंग का काम चल रहा है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो जुलाई में ही इन्हें चालू भी कर दिया जाएगा.


Body:दरअसल, दिल्ली मंडल का ये बहुत पुराना प्रोजेक्ट है. नई दिल्ली स्टेशन पर कुल 16 प्लेटफार्म हैं लेकिन जब तिलक ब्रिज साइड से यहां गाड़ियां आती है तब उनके लिए बस चार लाइनें. ऐसे में सालों पहले यह योजना बनी थी कि यहां दो लाइनें बनाई जा सकती है. अधिकारियों के मुताबिक, अतिक्रमण और जमीनी विवाद के चलते कई सालों तक यह प्रोजेक्ट लटका रहा. इसमें रेलवे की लेटलतीफी को भी जिम्मेदार माना जाता है.

नई लाइनों को पुरानी लाइनों से कनेक्ट करने बहुत महत्वपूर्ण होता है. ऐसे में इस काम के लिए 19 जुलाई से 21 जुलाई तक का समय तय किया गया है. इस दौरान रेलवे की 300 से ज्यादा गाड़ियां प्रभावित भी हैं. हालांकि उसके बाद ये लाइन इस्तेमाल करने के लायक हो जाएंगी और सीआरएस इंस्पेक्शन के बाद इनका इस्तेमाल शुरू भी हो जाएगा.

उत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी दीपक कुमार कहते हैं कि दिल्ली मंडल के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट है. वह बताते हैं कि लाइनों को दोनों दिशाओं में इस्तेमाल किया जा सकेगा. ऐसे में ये नई दिल्ली स्टेशन के लिए और भी अधिक जरूरी हो जाती हैं क्योंकि यहां पर गाड़ियों का बहुत बोझ है.


Conclusion:दावा किया जा रहा है कि लाइनों के शुरू हो जाने के बाद यहां रेल यात्रियों को इसका सीधा फायदा मिलेगा. अभी के समय में प्लेटफॉर्म पर जगह होने के बाद भी लाइन खाली नहीं होंने के चलते गाड़ियों को आउटर पर रोकना पड़ता था. इसी के चलते गाड़ियां लेट हो जाती हैं.
Last Updated : Jul 19, 2019, 11:24 PM IST
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