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DDA Flats 2023: 1675 फ्लैट जून तक बनकर तैयार हो जाएंगे, LG ने काम का लिया जायजा

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Published : Apr 4, 2023, 5:17 PM IST

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मंगलवार को उत्तरी दिल्ली में डीडीए द्वारा विकसित की जा रही जेलोरवाला बाग और विश्व स्तरीय नर्सरी वैष्णवी में महत्वाकांक्षी पुनर्वास परियोजना पर काम की प्रगति की समीक्षा की.

उपराज्यपाल वीके सक्सेना
उपराज्यपाल वीके सक्सेना

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने डीडीए द्वारा विकसित की जा रही इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना काम की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा "झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए बने कुल 1,675 फ्लैटों पर लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष काम 30 मई तक पूरा कर लिया जाएगा. उपराज्यपाल का कहना है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण की 'जहां झुग्गी वहीं मकान' योजना के तहत सभी फ्लैट आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं.

राज निवास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीडीए की 'जहां झुग्गी वहीं मकान' योजना के आधार पर कालकाजी इन सीटू पुनर्वास परियोजना के बाद ये फ्लैट गरीब से गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री के समावेशी दृष्टिकोण को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करगा.

10,000 निवासियों के रहने का अनुमान: राज निवास ने बयान में कहा कि निर्माणाधीन 1,675 फ्लैटों में से 1093 ऐसे हैं, जहां जेलरवाला बाग के झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया जाएगा. शेष 582 फ्लैटों को अन्य स्थानों के लोगों को लिए आवंटित किए जाएंगे. फ्लैटों में लगभग 10,000 निवासियों के रहने का अनुमान है. यह फ्लैट पूरी तरह से आरसीसी संरचना से बना हैं और भूकंप प्रतिरोधी हैं. 340 वर्ग फुट में फैले, इनमें से प्रत्येक फ्लैट में एक बेडरूम, लिविंग रूम, किचन, अलग शौचालय और बाथरूम और एक बालकनी है. जबकि परियोजना का कुल आवासीय निर्मित क्षेत्र लगभग 67,000 वर्ग मीटर है. इसमें 337 वाहनों की पार्किंग का भी प्रावधान होगा.

'वैष्णवी' नर्सरी-सह-पार्क की समीक्षा: उपराज्यपाल ने इन फ्लैटों के निकट स्थित 'वैष्णवी' नर्सरी-सह-पार्क की प्रगति की भी समीक्षा की. यह परियोजना लगभग 33 एकड़ में फैले एक बड़े पार्क को विकसित करने के लिए अशोक विहार फेज- II में सात खंडित हरित क्षेत्रों को समेकित करती है. सक्सेना द्वारा 29 दिसंबर, 2022 को इसकी आधारशिला रखी गई थी.

ये भी पढ़ें: Delhi Commission for Women ने भेजे सेक्सुअल असॉल्ट पर सुझाव, जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग की

परियोजना में सार्वजनिक पार्क के रूप में एक पर्यावरणीय संपत्ति विकसित करने का प्रस्ताव है. पार्क एक एकीकृत केंद्र की तरह काम करेगा, जहां शहरवासियों और पर्यटकों को हाथों-हाथ प्रदान किया जाएगा. हाइड्रोपोनिक खेती की जानकारी पर विशेष जोर देने के साथ पार्क में पौधों की नर्सरी, वर्मी-कम्पोस्टिंग, मधुमक्खी पालन और मिट्टी के बर्तनों की जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से प्रकृति के साथ बातचीत करने के रूप में डिजाइन किया गया है. इसमें एक स्टैंडिंग रेस्टोरेंट भी होगा, जो पार्क के बंद होने के समय के बाद भी खुला रहेगा.

ये भी पढ़ें: Emergency Landing In Telangana : वाराणसी जा रहे इंडिगो के विमान की तेलंगाना में आपात लैंडिंग

नई दिल्ली: दिल्ली के उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने डीडीए द्वारा विकसित की जा रही इन-सीटू स्लम पुनर्वास' परियोजना काम की प्रगति की समीक्षा की. उन्होंने कहा "झुग्गीवासियों के पुनर्वास के लिए बने कुल 1,675 फ्लैटों पर लगभग 95 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और शेष काम 30 मई तक पूरा कर लिया जाएगा. उपराज्यपाल का कहना है कि दिल्ली विकास प्राधिकरण की 'जहां झुग्गी वहीं मकान' योजना के तहत सभी फ्लैट आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं.

राज निवास के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि डीडीए की 'जहां झुग्गी वहीं मकान' योजना के आधार पर कालकाजी इन सीटू पुनर्वास परियोजना के बाद ये फ्लैट गरीब से गरीब लोगों के लिए प्रधानमंत्री के समावेशी दृष्टिकोण को पूरा करने में एक लंबा रास्ता तय करगा.

10,000 निवासियों के रहने का अनुमान: राज निवास ने बयान में कहा कि निर्माणाधीन 1,675 फ्लैटों में से 1093 ऐसे हैं, जहां जेलरवाला बाग के झुग्गीवासियों का पुनर्वास किया जाएगा. शेष 582 फ्लैटों को अन्य स्थानों के लोगों को लिए आवंटित किए जाएंगे. फ्लैटों में लगभग 10,000 निवासियों के रहने का अनुमान है. यह फ्लैट पूरी तरह से आरसीसी संरचना से बना हैं और भूकंप प्रतिरोधी हैं. 340 वर्ग फुट में फैले, इनमें से प्रत्येक फ्लैट में एक बेडरूम, लिविंग रूम, किचन, अलग शौचालय और बाथरूम और एक बालकनी है. जबकि परियोजना का कुल आवासीय निर्मित क्षेत्र लगभग 67,000 वर्ग मीटर है. इसमें 337 वाहनों की पार्किंग का भी प्रावधान होगा.

'वैष्णवी' नर्सरी-सह-पार्क की समीक्षा: उपराज्यपाल ने इन फ्लैटों के निकट स्थित 'वैष्णवी' नर्सरी-सह-पार्क की प्रगति की भी समीक्षा की. यह परियोजना लगभग 33 एकड़ में फैले एक बड़े पार्क को विकसित करने के लिए अशोक विहार फेज- II में सात खंडित हरित क्षेत्रों को समेकित करती है. सक्सेना द्वारा 29 दिसंबर, 2022 को इसकी आधारशिला रखी गई थी.

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परियोजना में सार्वजनिक पार्क के रूप में एक पर्यावरणीय संपत्ति विकसित करने का प्रस्ताव है. पार्क एक एकीकृत केंद्र की तरह काम करेगा, जहां शहरवासियों और पर्यटकों को हाथों-हाथ प्रदान किया जाएगा. हाइड्रोपोनिक खेती की जानकारी पर विशेष जोर देने के साथ पार्क में पौधों की नर्सरी, वर्मी-कम्पोस्टिंग, मधुमक्खी पालन और मिट्टी के बर्तनों की जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से प्रकृति के साथ बातचीत करने के रूप में डिजाइन किया गया है. इसमें एक स्टैंडिंग रेस्टोरेंट भी होगा, जो पार्क के बंद होने के समय के बाद भी खुला रहेगा.

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