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10वीं की छात्रा 17 दिन तक अलग-अलग राज्यों में घूमती रही, वजह मोबाइल गेम

दसवीं कक्षा की छात्रा ने अपनी मम्मी के मोबाइल में कोरियाई 3डी ड्राइविंग गेम टैक्सी 2 डाउनलोड कर खेलना शुरु किया था. गेम से प्रभावित होकर किशोरी ने इसे असल जिंदगी में जीने की ठानी और घर से निकल पड़ी.

मोबाइल गेम ETV BHARAT
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Published : Jul 22, 2019, 10:07 PM IST

Updated : Jul 23, 2019, 3:11 AM IST

नई दिल्ली: अगर आपके बच्चे भी मोबाइल में गेम खेलते हैं. तो आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है. उत्तराखंड की रहने वाली 10वीं कक्षा की एक छात्रा ने अपनी मम्मी के मोबाइल में जो गेम खेला उसे वास्तविक जीवन में जीने के लिए घर छोड़कर निकल गई.
गेम को खेलते हुए वह 17 दिनों तक अलग-अलग राज्यों में घूमती रही. 18वें दिन वह दिल्ली पुलिस को कमला मार्किट इलाके में मिली. पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है.

ड्राइविंग गेम को जीने निकल पड़ी 10वीं की छात्रा.

भाई से मिलने आने का बनाया बहाना
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि बीते 18 जुलाई की रात कमला मार्किट थाने के पुलिसकर्मी गश्त कर रहे थे. इस दौरान अजमेरी गेट के पास उन्होंने एक किशोरी को अकेले घूमते हुए देखा.

पुलिसवालों ने बच्ची से अकेले खड़े होने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह अपने भाई से मिलने आई है. उसका भाई मेडिकल की पढ़ाई करता है.

पुलिस को उसकी बात पर शक हुआ तो उन्होंने बच्ची से उसके परिजनों का मोबाइल नंबर मांगा. उन्होंने जब परिजनों से बात कि तो पता चला कि वह 18 दिन पहले चुपचाप घर छोड़कर निकल गई है.


गेम को जीने के लिए निकल पड़ी किशोरी
किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह दसवीं कक्षा की छात्रा है. कुछ दिनों पहले उसने अपनी मम्मी के मोबाइल में कोरियाई 3डी ड्राइविंग गेम टैक्सी 2 डाउनलोड कर खेलना शुरु किया था. इस गेम में टैक्सी किसी भी शहर में ज्यादा देर नहीं रुकती और वह लगातार अपना ठिकाना बदलती रहती है.

इस गेम से प्रभावित होकर किशोरी ने इसे असल जिंदगी में जीने की ठानी. वह कुछ हजार रुपये लेकर घर से निकल पड़ी. छात्रा 17 दिनों तक लगातार एक से दूसरे शहर में घूमती रही.

स्लीपर बस में बिताती थी रात
रात बिताने के लिए वह स्लीपर बस में टिकट लेकर सो जाती थी और अगली सुबह नए शहर में होती. इस तरह से छात्रा जयपुर, लखनऊ, हरिद्वार, ऋषिकेश, दिल्ली आदि जगहों पर घूमती हुई 18 जुलाई को एक बार फिर दिल्ली पहुंची थी.


परिजनों को सौंपी गई बच्ची
पुलिस से मिली जानकारी पर 19 जुलाई को बच्ची के परिजन दिल्ली आ पहुंचे. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने बच्ची परिवार को सौंप दी.

परिवार के सदस्य इस बच्ची को लेकर अपने घर चले गए हैं. पुलिस का कहना है कि बच्ची जिस जगह थी, वहां से चंद कदमों पर कोठे हैं. ऐसे में बच्ची को अगर समय रहते पुलिस नहीं मिलती तो वह गलत हाथों में पड़कर फंस सकती थी.


17 दिनों तक बच्ची ने नहीं खाया खाना
गेम खेलने के लिए निकली यह बच्ची 17 दिनों से बिना नहाए रह रही थी. बच्ची ने परिवार को बताया कि बीते 17 दिनों से वह केवल चिप्स-बिस्किट खा रही थी.

दरअसल उसके पास रुपये कम थे और वह ज्यादा दिनों तक यह गेम खेलना चाहती थी. इसलिए वह खाना नहीं खरीद रही थी.

नई दिल्ली: अगर आपके बच्चे भी मोबाइल में गेम खेलते हैं. तो आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है. उत्तराखंड की रहने वाली 10वीं कक्षा की एक छात्रा ने अपनी मम्मी के मोबाइल में जो गेम खेला उसे वास्तविक जीवन में जीने के लिए घर छोड़कर निकल गई.
गेम को खेलते हुए वह 17 दिनों तक अलग-अलग राज्यों में घूमती रही. 18वें दिन वह दिल्ली पुलिस को कमला मार्किट इलाके में मिली. पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है.

ड्राइविंग गेम को जीने निकल पड़ी 10वीं की छात्रा.

भाई से मिलने आने का बनाया बहाना
डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि बीते 18 जुलाई की रात कमला मार्किट थाने के पुलिसकर्मी गश्त कर रहे थे. इस दौरान अजमेरी गेट के पास उन्होंने एक किशोरी को अकेले घूमते हुए देखा.

पुलिसवालों ने बच्ची से अकेले खड़े होने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह अपने भाई से मिलने आई है. उसका भाई मेडिकल की पढ़ाई करता है.

पुलिस को उसकी बात पर शक हुआ तो उन्होंने बच्ची से उसके परिजनों का मोबाइल नंबर मांगा. उन्होंने जब परिजनों से बात कि तो पता चला कि वह 18 दिन पहले चुपचाप घर छोड़कर निकल गई है.


गेम को जीने के लिए निकल पड़ी किशोरी
किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह दसवीं कक्षा की छात्रा है. कुछ दिनों पहले उसने अपनी मम्मी के मोबाइल में कोरियाई 3डी ड्राइविंग गेम टैक्सी 2 डाउनलोड कर खेलना शुरु किया था. इस गेम में टैक्सी किसी भी शहर में ज्यादा देर नहीं रुकती और वह लगातार अपना ठिकाना बदलती रहती है.

इस गेम से प्रभावित होकर किशोरी ने इसे असल जिंदगी में जीने की ठानी. वह कुछ हजार रुपये लेकर घर से निकल पड़ी. छात्रा 17 दिनों तक लगातार एक से दूसरे शहर में घूमती रही.

स्लीपर बस में बिताती थी रात
रात बिताने के लिए वह स्लीपर बस में टिकट लेकर सो जाती थी और अगली सुबह नए शहर में होती. इस तरह से छात्रा जयपुर, लखनऊ, हरिद्वार, ऋषिकेश, दिल्ली आदि जगहों पर घूमती हुई 18 जुलाई को एक बार फिर दिल्ली पहुंची थी.


परिजनों को सौंपी गई बच्ची
पुलिस से मिली जानकारी पर 19 जुलाई को बच्ची के परिजन दिल्ली आ पहुंचे. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने बच्ची परिवार को सौंप दी.

परिवार के सदस्य इस बच्ची को लेकर अपने घर चले गए हैं. पुलिस का कहना है कि बच्ची जिस जगह थी, वहां से चंद कदमों पर कोठे हैं. ऐसे में बच्ची को अगर समय रहते पुलिस नहीं मिलती तो वह गलत हाथों में पड़कर फंस सकती थी.


17 दिनों तक बच्ची ने नहीं खाया खाना
गेम खेलने के लिए निकली यह बच्ची 17 दिनों से बिना नहाए रह रही थी. बच्ची ने परिवार को बताया कि बीते 17 दिनों से वह केवल चिप्स-बिस्किट खा रही थी.

दरअसल उसके पास रुपये कम थे और वह ज्यादा दिनों तक यह गेम खेलना चाहती थी. इसलिए वह खाना नहीं खरीद रही थी.

Intro:नई दिल्ली
अगर आपके बच्चे भी मोबाइल में गेम खेलते हैं तो आपको चौकन्ना रहने की जरूरत है. उत्तराखंड की रहने वाली 10वीं कक्षा की एक छात्रा ने अपनी मम्मी के मोबाइल में जो गेम खेला उसे वास्तविक जीवन में जीने के लिए वह घर छोड़कर निकल गई. इस गेम को खेलते हुए वह 17 दिनों तक अलग-अलग राज्यों में घूमती रही. 18वें दिन वह दिल्ली पुलिस को कमला मार्किट इलाके में मिली. पुलिस ने उसे परिजनों को सौंप दिया है.



Body:डीसीपी मनदीप सिंह रंधावा ने बताया कि बीते 18 जुलाई की रात कमला मार्किट थाने के पुलिसकर्मी गश्त कर रहे थे. इस दौरान अजमेरी गेट के पास उन्होंने एक किशोरी को अकेले घूमते हुए देखा. उन्होंने बच्ची से अकेले खड़े होने के बारे में पूछा तो उसने बताया कि वह अपने भाई से मिलने आई है. उसका भाई मेडिकल की पढ़ाई करता है. पुलिस को उसकी बात पर शक हुआ तो उन्होंने बच्ची से उसके परिजनों का मोबाइल नंबर मांगा. उन्होंने जब परिजनों से बात की तो पता चला कि वह 18 दिन पहले चुपचाप घर छोड़कर निकल गई है.


गेम को जीने के लिए निकल पड़ी किशोरी
किशोरी ने पुलिस को बताया कि वह दसवीं कक्षा की छात्रा है. कुछ दिनों पहले उसने अपनी मम्मी के मोबाइल में कोरियाई 3डी ड्राइविंग गेम टैक्सी 2 डाउनलोड कर खेलना शुरु किया था. इस गेम में टैक्सी किसी भी शहर मस ज्यादा देर नहीं रुकती और वह लगातार अपना ठिकाना बदलती रहती है. इस गेम से प्रभावित होकर किशोरी ने इसे असल जिंदगी में जीने की ठानी. वह कुछ हजार रुपये लेकर घर से निकल पड़ी. वह 17 दिनों तक लगातार एक से दूसरे शहर में घूमती रही. रात बिताने के लिए वह स्लीपर बस में टिकट लेकर सो जाती थी और अगली सुबह नए शहर में होती. इस तरह से वह जयपुर, लखनऊ, हरिद्वार, ऋषिकेश, दिल्ली आदि जगहों पर घूमती हुई 18 जुलाई को एक बार फिर दिल्ली पहुंची थी.


परिजनों को सौंपी गई बच्ची
पुलिस से मिली जानकारी पर 19 जुलाई को बच्ची के परिजन दिल्ली आ पहुंचे. कानूनी प्रक्रिया पूरी करने के बाद पुलिस ने बच्ची परिवार को सौंप दी. परिवार के सदस्य इस बच्ची को लेकर अपने घर चले गए हैं. पुलिस का कहना है कि बच्ची जिस जगह थी, वहां से चंद कदमों पर कोठे हैं. ऐसे में बच्ची को अगर समय रहते पुलिस नही मिलती तो वह गलत हाथों में पड़कर फंस सकती थी.


Conclusion:17 दिनों तक बच्ची ने नहीं खाया खाना
गेम खेलने के लिए निकली यह बच्ची 17 दिनों से बिना स्नान के थी. बच्ची ने परिवार को बताया कि बीते 17 दिनों से वह केवल चिप्स-बिस्किट खा रही थी. दरअसल उसके पास रुपये कम थे और वह ज्यादा दिनों तक यह गेम खेलना चाहती थी. इसलिए वह खाना नहीं खरीद रही थी.
Last Updated : Jul 23, 2019, 3:11 AM IST
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