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Central Ridge: वन्यजीवों को अब अपने घर पर मिलेगा भोजन-पानी, जीव प्रेमी फीडिंग प्वाइंट पर दे सकेंगे खाना

दिल्ली के 483 हेक्टेयर में फैले सेंट्रल रिज इलाके में रहने वाले वन्यजीवों के लिए फीडिंग प्वाइंट बनाए जाएंगे. इसका फायदा यह होगा कि लोगों को अब सड़कों पर कुछ भी जीवों को देने की जरूरत नहीं होगी बल्कि वह इन प्वाइंट पर खाने-पीने की चीजें दे पाएंगे. इससे वन्य जीव सड़कों पर नहीं आएंगे और उनकी मौत भी नहीं होगी.

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Published : Jul 21, 2023, 2:32 PM IST

Updated : Jul 21, 2023, 5:51 PM IST

नई दिल्ली: जंगल वन्यजीवों का है और हमेशा रहेगा और इसी जंगल में अब वन्यजीवों को खाना-पानी की भरपूर व्यवस्था होगी. उन्हें खाना और पानी की तलाश में शहरी इलाकों की ओर रुख नहीं करना होगा. वह अपने घर में रखकर खाना खा सकेंगे. वन्यजीवों के खाना पानी की व्यवस्था पर वन्य विभाग प्लान कर रहा है. दरअसल, दिल्ली के 483 हेक्टेयर में फैले सेंट्रल रिज में विभिन्न प्रजाति के वन्य जीव हैं. इनमें नील गाय, जैकाल, बंदर और कुछ अन्य प्रजाति के जीव हैं. इसके अलावा कई पक्षी भी हैं. अक्सर यहां देखने को मिलता है कि खाना-पानी की तलाश में वन्य जीव खासतौर पर बंदर सड़कों पर आ जाते हैं. इस दौरान वन्य जीव दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

वन्य विभाग के अनुसार, हर महीने 20 से 25 वन्य जीव घायल हो जाते हैं. गुरुवार को एक बंदर की सड़क दुर्घटना में मौत हुई, जिसके बाद उसे रिज इलाके में ही दफनाया गया. वहीं, दूसरी तरफ जो सड़क दुर्घटना में वन्य जीव घायल हो जाते हैं, उन्हें उपचार देकर जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें फिर सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है.

etv gfx
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10 जगहों पर फीडिंग प्वाइंट बनेंगेः 2014 के आईएफएस अधिकारी और दक्षिण-पश्चिम के उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि हर माह हमारे पर 25 मामले वन्य जीव के दुर्घटना के संबंध में आते हैं. उन्हें वन्य विभाग के कर्मचारी के द्वारा रेस्क्यू कर लाया जाता है, उपचार किया जाता है और जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें भी रिज में छोड़ दिया जाता है. उन्होंने बताया कि हम आगे सेंट्रल रिज में वन्य जीवों के लिए वाटर प्वाइंट तैयार कर रहे हैं. साथ ही फीडिंग प्वाइंट भी बना रहे हैं. इससे यह फायदा होगा कि खाना-पानी की तलाश में वन्य जीवों को बाहर नहीं आना होगा. इससे जहां वन्य जीवों को अपने घर में ही खाना मिलेगा. वहीं उनके बाहर नहीं आने से सड़क दुर्घटना के मामले भी नही होंगे. इससे वन्यजीव की संख्या भी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि करीब 10 जगहों पर फीडिंग प्वाइंट होंगे. यहां फल रखे जाएंगे, जिसमें केले, जामुन सहित अन्य फल होंगे.

उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव की प्रतिक्रिया
उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव की प्रतिक्रिया

ये भी पढे़ंः Delhi Flood: बाढ़ से बर्बाद हुए यमुना डूब क्षेत्र के रेस्टोरेशन प्रोजेक्ट, फिर से शुरू होगी टेंडर प्रक्रिया, लगेगा लंबा समय

खाना फीडिंग प्वाइंट पर दे सकेंगे
नवनीत श्रीवास्तव दिल्ली में पोस्टिंग से पहले अरुणाचल प्रदेश में पोस्टेड थे. साल 2020 में उन्हें दिल्ली वन विभाग में पोस्टिंग मिली है. वेस्ट जोन के वन्य विभाग में उप वन संरक्षक है. नवनीत बताते हैं कि अक्सर आपने देखा होगा कि वन्य जीव प्रेमी बंदरों को खाना डालने के लिए सड़कों पर होते हैं. वह सड़कों पर खाना डालकर चले जाते हैं. खाना देखकर काफी तादाद में बंदर इकठ्ठा हो जाते हैं. इस दौरान सड़क से गुजरने वाली गाड़ियों से दुर्घटना होने की संभावना रहती है. हालांकि, अब जो फीडिंग प्वाइंट हम तैयार करेंगे, इससे लोगों को सड़क पर खाना नहीं देना होगा. वह वन्य जीव को खाना फीडिंग प्वाइंट पर दे सकेंगे. इसके लिए उन्हें रिज एरिया में जाने की जरूरत नहीं होगी. वह केले, अमरूद, चीकू, जामुन अन्य फल वन्य विभाग के वेस्ट जोन ऑफिस में देंगे. इन फलों को फीडिंग प्वाइंट पर डाल दिया जाएगा. नवनीत बताते हैं कि रिज एरिया में फ्रूट ट्रीज भी लगाए जा रहे हैं.

ये भी पढे़ंः दिल्ली के द्वारका में पार्क की हरियाली और स्वच्छ वातावरण के लिए बुजुर्गों ने किया हवन

नई दिल्ली: जंगल वन्यजीवों का है और हमेशा रहेगा और इसी जंगल में अब वन्यजीवों को खाना-पानी की भरपूर व्यवस्था होगी. उन्हें खाना और पानी की तलाश में शहरी इलाकों की ओर रुख नहीं करना होगा. वह अपने घर में रखकर खाना खा सकेंगे. वन्यजीवों के खाना पानी की व्यवस्था पर वन्य विभाग प्लान कर रहा है. दरअसल, दिल्ली के 483 हेक्टेयर में फैले सेंट्रल रिज में विभिन्न प्रजाति के वन्य जीव हैं. इनमें नील गाय, जैकाल, बंदर और कुछ अन्य प्रजाति के जीव हैं. इसके अलावा कई पक्षी भी हैं. अक्सर यहां देखने को मिलता है कि खाना-पानी की तलाश में वन्य जीव खासतौर पर बंदर सड़कों पर आ जाते हैं. इस दौरान वन्य जीव दुर्घटना के शिकार हो जाते हैं.

वन्य विभाग के अनुसार, हर महीने 20 से 25 वन्य जीव घायल हो जाते हैं. गुरुवार को एक बंदर की सड़क दुर्घटना में मौत हुई, जिसके बाद उसे रिज इलाके में ही दफनाया गया. वहीं, दूसरी तरफ जो सड़क दुर्घटना में वन्य जीव घायल हो जाते हैं, उन्हें उपचार देकर जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें फिर सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाता है.

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10 जगहों पर फीडिंग प्वाइंट बनेंगेः 2014 के आईएफएस अधिकारी और दक्षिण-पश्चिम के उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव ने बताया कि हर माह हमारे पर 25 मामले वन्य जीव के दुर्घटना के संबंध में आते हैं. उन्हें वन्य विभाग के कर्मचारी के द्वारा रेस्क्यू कर लाया जाता है, उपचार किया जाता है और जब वह ठीक हो जाते हैं तो उन्हें भी रिज में छोड़ दिया जाता है. उन्होंने बताया कि हम आगे सेंट्रल रिज में वन्य जीवों के लिए वाटर प्वाइंट तैयार कर रहे हैं. साथ ही फीडिंग प्वाइंट भी बना रहे हैं. इससे यह फायदा होगा कि खाना-पानी की तलाश में वन्य जीवों को बाहर नहीं आना होगा. इससे जहां वन्य जीवों को अपने घर में ही खाना मिलेगा. वहीं उनके बाहर नहीं आने से सड़क दुर्घटना के मामले भी नही होंगे. इससे वन्यजीव की संख्या भी बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि करीब 10 जगहों पर फीडिंग प्वाइंट होंगे. यहां फल रखे जाएंगे, जिसमें केले, जामुन सहित अन्य फल होंगे.

उप वन संरक्षक नवनीत श्रीवास्तव की प्रतिक्रिया
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खाना फीडिंग प्वाइंट पर दे सकेंगे
नवनीत श्रीवास्तव दिल्ली में पोस्टिंग से पहले अरुणाचल प्रदेश में पोस्टेड थे. साल 2020 में उन्हें दिल्ली वन विभाग में पोस्टिंग मिली है. वेस्ट जोन के वन्य विभाग में उप वन संरक्षक है. नवनीत बताते हैं कि अक्सर आपने देखा होगा कि वन्य जीव प्रेमी बंदरों को खाना डालने के लिए सड़कों पर होते हैं. वह सड़कों पर खाना डालकर चले जाते हैं. खाना देखकर काफी तादाद में बंदर इकठ्ठा हो जाते हैं. इस दौरान सड़क से गुजरने वाली गाड़ियों से दुर्घटना होने की संभावना रहती है. हालांकि, अब जो फीडिंग प्वाइंट हम तैयार करेंगे, इससे लोगों को सड़क पर खाना नहीं देना होगा. वह वन्य जीव को खाना फीडिंग प्वाइंट पर दे सकेंगे. इसके लिए उन्हें रिज एरिया में जाने की जरूरत नहीं होगी. वह केले, अमरूद, चीकू, जामुन अन्य फल वन्य विभाग के वेस्ट जोन ऑफिस में देंगे. इन फलों को फीडिंग प्वाइंट पर डाल दिया जाएगा. नवनीत बताते हैं कि रिज एरिया में फ्रूट ट्रीज भी लगाए जा रहे हैं.

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Last Updated : Jul 21, 2023, 5:51 PM IST

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