नई दिल्ली/नोएडाः 'सब्जियों के दाम बिचौलिए और रेहड़ी पटरी लगाने वालों के चलते आसमान पर पहुंच रहे हैं. वहीं ऑनलाइन सब्जियों की खरीद करने वाले भी सब्जियों के दाम आसमान पर ले जा रहे हैं.' यह बातें नोएडा के सेक्टर 82 स्थित सब्जी मंडी के व्यापारियों का कहना है. उनका कहना है कि थोक रेट पर फुटकर विक्रेता सब्जियां खरीदते हैं और उसे दोगुने रेट पर ले जाकर बाजार में बेच रहे हैं. इसके चलते सब्जियों के दाम आसमान पर पहुंच रहे हैं.
सब्जियों के थोक विक्रेताओं का यह भी कहना है कि लोग अपने घरों से दूर जाकर सब्जी लेने की जहमत नहीं उठाते हैं और घर के पास ही सब्जी खरीदते हैं, जिसके चलते फुटकर सब्जी बेचने वाला मनमाने रेट लगाता है. टमाटर और मिर्ची की रेट को लेकर व्यापारियों का कहना है कि सब्जियों के दाम बढ़े जरूर हैं, पर जिस स्तर पर फुटकर में सब्जियों के दाम चल रहे हैं, उस स्तर पर सब्जियां महंगी नहीं है.
थोक विक्रेताओं का कहना है कि फुटकर विक्रेताओं के सब्जियों के दाम थोक विक्रेताओं के दाम से काफी ऊंचे होते हैं. टमाटर, मिर्ची, अदरक, लौकी, तोरी सहित अन्य सब्जियों के दाम फुटकर विक्रेता अधिक बताते हैं. इनके दाम उस स्तर पर ऊंचे नहीं है, जिस स्तर पर बाजार में बेची जा रही है. व्यापारियों ने बताया कि सब्जियों के दाम अन्य वर्षों की तुलना में इस वर्ष बढ़े हैं, जिसके पीछे अत्यधिक गर्मी और बाढ़ एक कारण है. व्यापारियों ने बताया कि पब्लिक सोसाइटी से निकलकर सब्जी लेने की जहमत नहीं उठाते हैं, जिसके चलते सोसाइटी के बाहर सब्जी बेचने वाला मनमाने रेट में सब्जियां बेचता है.
फुटकर सब्जी और थोक सब्जी की दरों में दोगुने रेट का फर्क है. थोक मार्केट में आलू 12 रुपये किलो चल रहा है, जबकि फुटकर में 30 रुपये किलो है. वहीं टमाटर 70 से 80 रुपए किलो चल रहा है और बाजार में डेढ़ से 160 रुपये किलो है. 50 से 60 रुपये किलो बिकने वाली मिर्ची बाजार में डेढ़ से 200 रुपये किलो बिक रही है. इसी तरह अदरक, तोरी, लौकी, भिंडी सहित अन्य सब्जियों के भी रेट थोक मंडी से फुटकर मंडी आते-आते दोगुने रेट में पहुंच रहे हैं. व्यापारियों ने यह भी बताया कि इस समस्या को सरकार और प्रशासन दोनों को गंभीरता से लेने की जरूरत है.
नोएडा के फेस 2 सब्जी मंडी के थोक व्यापारी ने बताया कि जब भी सब्जियों के दाम बढ़ते हैं, तब लोगों को मंडियों में जाकर सब्जी खरीदनी चाहिए, जिससे उनको उचित रेट पर सब्जियां मिल सके और कम मात्रा की जगह अधिक मात्रा में भी वह सब्जी खरीदकर रख सके. खासकर उन सब्जियों को जो प्रतिदिन प्रयोग में आने वाली हैं. लोगों को अपनी जेब अधिक सब्जियों के लिए ढीली करने से बेहतर है कि वह समय निकालें और थोक मंडियों से सब्जी खरीदें. व्यापारियों ने यह भी कहा कि ऑनलाइन और मॉल में बिकने वाली सब्जियां भी रेट को प्रभावित करती है, जिसके चलते फुटकर बाजार भी उस रेट के चलते प्रभावित होता है.
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