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राजस्थान में नाबालिग लड़कियों की नीलामी की रिपोर्ट पर स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र - auction of girls on stamp paper in Rajasthan

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर नाबालिग लड़कियों की नीलामी की रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग की है. दरअसल उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया, जिसमें बताया गया है कि कैसे राजस्थान में लड़कियां खरीदी बेची जाती हैं. मालीवाल ने इन आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है.

स्वाति मालीवाल
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Published : Oct 28, 2022, 8:57 PM IST

Updated : Oct 28, 2022, 10:47 PM IST

नई दिल्ली: नाबालिग लड़कियों की नीलामी की रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसका शीर्षक था, 'राजस्थान: स्टाम्प पेपर पर बेची जाती हैं लड़कियां, नहीं बेंचने पर माँ से दुष्कर्म’ अखबार में खबर है कि प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में 8 साल से कम उम्र तक की लड़कियों की स्टांप पेपर पर खुलेआम नीलामी की जा रही है. (auction of girls on stamp paper in Rajasthan)

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी दो पक्षों के बीच विशेष रूप से वित्तीय लेनदेन और ऋण को लेकर कोई विवाद होता है, तो लोग मामले को निपटाने के लिए जाति आधारित पंचायतों से संपर्क करते हैं. ये पंचायतें वित्तीय विवादों का निपटारा करती हैं और ऋणदाता परिवारों से संबंधित युवा लड़कियों की नीलामी करके धन की वसूली करती हैं.

इसके बाद लड़कियों को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुंबई, दिल्ली और यहां तक ​​कि विदेशों में भेज दिया जाता है और उन्हें शारीरिक शोषण, प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है. अगर परिवार अपनी लड़कियों को बेचने से इनकार करते हैं, तो स्थानीय जाति पंचायतों के फरमान पर उनकी माताओं के साथ बलात्कार किया जाता है. (auction of girls in Rajasthan)

स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
रिपोर्ट में कुछ ऐसे मामलों का जिक्र किया गया है, जिनमें लड़कियों ने अपनी आपबीती सुनाई है. एक मामले में एक लड़की ने बताया कि उसके पिता ने 15 लाख रुपये का कर्ज लिया था. आखिरकार जब वह कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रहा, तो उसे अपनी बहन, फिर अपनी तीन बेटियों और बाद में परिवार की एक 12 वर्षीय लड़की को बेचने के लिए मजबूर किया गया, जिसे 8 लाख रुपये में बेचा गया था. लड़की ने बताया कि खरीदार उसे मध्य प्रदेश ले गया. उसने आगे बताया कि उसके पिता का कर्ज अभी भी पूरी तरह से नहीं चुकाया गया है.

इसे भी पढ़ें: स्टांप पेपर पर लड़कियों की नीलामी, एनएचआरसी ने जारी किया नोटिस

एक अन्य मामले में एक लड़की ने बताया कि पिता ने उसकी मां और दादी के इलाज के लिए कर्ज लिया था. जब वह कर्ज नहीं लौटा सका तो उसे 12 साल की उम्र में उसे बेचने के लिए मजबूर किया गया. उसने कहा कि उसे जयपुर और आगरा ले जाया गया और तीन बार उसे अन्य खरीदारों को बेच दिया गया. बताया कि वह चार बार गर्भवती हुई, लेकिन हर बार उसका गर्भपात करवा दिया गया. तीसरे मामले में एक लड़की ने कहा है कि 21 साल की उम्र में उसकी नीलामी की गई थी. उसने बताया कि उसने कई बार भागने की कोशिश की लेकिन हर बार उसे पकड़कर सामूहिक दुष्कर्म किया गया.

स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में इस मामले को भयावह बताया है और इन आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है. उन्होंने उन लोक सेवकों/अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की है, जिन्होंने ऐसे अपराधियों को समृद्ध होने दिया. इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि इस तरह की घटनाएं अब राज्य में न हों. बेची गई लड़कियों को तुरंत ढूंढ़ा जाना चाहिए और उनके बचाव और पुनर्वास के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं स्तब्ध हूं और मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं. राजस्थान में इस तरह की जघन्य और आपराधिक गतिविधि को खुलेआम कैसे होने दिया जा सकता है? आईएसआईएस की तरह महिलाओं को यौन दासता के लिए मजबूर किया जाता है और उन पर अत्यधिक क्रूरता की जाती है राजस्थान सरकार को इस प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही बेची गई लड़कियों का पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें बचाया जाना चाहिए, और सरकार को उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना चाहिए.”

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नई दिल्ली: नाबालिग लड़कियों की नीलामी की रिपोर्ट पर कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखा है. आयोग ने एक मीडिया रिपोर्ट का संज्ञान लिया, जिसका शीर्षक था, 'राजस्थान: स्टाम्प पेपर पर बेची जाती हैं लड़कियां, नहीं बेंचने पर माँ से दुष्कर्म’ अखबार में खबर है कि प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में 8 साल से कम उम्र तक की लड़कियों की स्टांप पेपर पर खुलेआम नीलामी की जा रही है. (auction of girls on stamp paper in Rajasthan)

रिपोर्ट में कहा गया है कि जब भी दो पक्षों के बीच विशेष रूप से वित्तीय लेनदेन और ऋण को लेकर कोई विवाद होता है, तो लोग मामले को निपटाने के लिए जाति आधारित पंचायतों से संपर्क करते हैं. ये पंचायतें वित्तीय विवादों का निपटारा करती हैं और ऋणदाता परिवारों से संबंधित युवा लड़कियों की नीलामी करके धन की वसूली करती हैं.

इसके बाद लड़कियों को उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, मुंबई, दिल्ली और यहां तक ​​कि विदेशों में भेज दिया जाता है और उन्हें शारीरिक शोषण, प्रताड़ना और यौन उत्पीड़न का शिकार बनाया जाता है. अगर परिवार अपनी लड़कियों को बेचने से इनकार करते हैं, तो स्थानीय जाति पंचायतों के फरमान पर उनकी माताओं के साथ बलात्कार किया जाता है. (auction of girls in Rajasthan)

स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
स्वाति मालीवाल ने राजस्थान के मुख्यमंत्री को लिखा पत्र
रिपोर्ट में कुछ ऐसे मामलों का जिक्र किया गया है, जिनमें लड़कियों ने अपनी आपबीती सुनाई है. एक मामले में एक लड़की ने बताया कि उसके पिता ने 15 लाख रुपये का कर्ज लिया था. आखिरकार जब वह कर्ज का भुगतान करने में असमर्थ रहा, तो उसे अपनी बहन, फिर अपनी तीन बेटियों और बाद में परिवार की एक 12 वर्षीय लड़की को बेचने के लिए मजबूर किया गया, जिसे 8 लाख रुपये में बेचा गया था. लड़की ने बताया कि खरीदार उसे मध्य प्रदेश ले गया. उसने आगे बताया कि उसके पिता का कर्ज अभी भी पूरी तरह से नहीं चुकाया गया है.

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एक अन्य मामले में एक लड़की ने बताया कि पिता ने उसकी मां और दादी के इलाज के लिए कर्ज लिया था. जब वह कर्ज नहीं लौटा सका तो उसे 12 साल की उम्र में उसे बेचने के लिए मजबूर किया गया. उसने कहा कि उसे जयपुर और आगरा ले जाया गया और तीन बार उसे अन्य खरीदारों को बेच दिया गया. बताया कि वह चार बार गर्भवती हुई, लेकिन हर बार उसका गर्भपात करवा दिया गया. तीसरे मामले में एक लड़की ने कहा है कि 21 साल की उम्र में उसकी नीलामी की गई थी. उसने बताया कि उसने कई बार भागने की कोशिश की लेकिन हर बार उसे पकड़कर सामूहिक दुष्कर्म किया गया.

स्वाति मालीवाल ने अपने पत्र में इस मामले को भयावह बताया है और इन आपराधिक गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की सिफारिश की है. उन्होंने उन लोक सेवकों/अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी सिफारिश की है, जिन्होंने ऐसे अपराधियों को समृद्ध होने दिया. इसके अलावा उन्होंने सुझाव दिया है कि यह सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए कि इस तरह की घटनाएं अब राज्य में न हों. बेची गई लड़कियों को तुरंत ढूंढ़ा जाना चाहिए और उनके बचाव और पुनर्वास के लिए सरकार को कदम उठाने चाहिए.

दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, “मैं स्तब्ध हूं और मेरे पास कहने को शब्द नहीं हैं. राजस्थान में इस तरह की जघन्य और आपराधिक गतिविधि को खुलेआम कैसे होने दिया जा सकता है? आईएसआईएस की तरह महिलाओं को यौन दासता के लिए मजबूर किया जाता है और उन पर अत्यधिक क्रूरता की जाती है राजस्थान सरकार को इस प्रथा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. साथ ही बेची गई लड़कियों का पता लगाया जाना चाहिए और उन्हें बचाया जाना चाहिए, और सरकार को उनका पुनर्वास सुनिश्चित करना चाहिए.”

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Last Updated : Oct 28, 2022, 10:47 PM IST
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