नई दिल्ली/गाजियाबादः 11 जुलाई से 18 जुलाई के बीच गाजियाबाद में हुए 4 सड़क हादसों में 9 लोगों को जान चली गई. चार में से तीन हादसे गाजियाबाद के एनएच-9 पर हुए थे. हादसों पर लगाम लगाने के लिए गाजियाबाद यातायात पुलिस ने खूब कवायद की. एनफोर्समेंट और पब्लिक अवेयरनेस के माध्यम से हादसों पर लगाम लगाने की ट्रैफिक पुलिस कोशिश कर रही है.
एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा के मुताबिक सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एनफोर्समेंट और जागरूकता पर जोर दिया जा रहा है. 17 जुलाई से 31 जुलाई तक सड़क सुरक्षा पखवाड़ा के तहत यातायात पुलिस की टीमें द्वारा ट्रांसपोर्टर, ऑटो यूनियन, रिक्शा यूनियन आदि के साथ बैठक कर यातायात नियमों का पालन करने के लिए जागरूक किया जा रहा है. स्कूल और कॉलेज में भी यातायात पुलिस द्वारा अवेयरनेस ड्राइव चलाई जा रही है. सड़क सुरक्षा की तमाम जानकारियां छात्रों को दी जा रही है.
प्रतिदिन रॉन्ग साइड के हजार चालान: लगातार बढ़ रही सड़क दुर्घटनाओं के बाद भी लोग बेपरवाह होकर अपनी जान को जोखिम में डाल रहे हैं. बड़ी संख्या में लोग रॉन्ग साइड वाहन चलाकर हादसों को दावत दे रहे हैं. एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा के मुताबिक जिले में हर दिन 900 से 1000 के बीच रॉन्ग साइड वाहन चलाने पर चालान किए जा रहे हैं. जनवरी से मई के बीच तकरीबन 50,000 रॉन्ग साइड के चालान किए जा चुके हैं. बता दें कि हाल ही में गाजियाबाद के नेशनल हाईवे 9 पर रॉन्ग साइड आ रही बस ने कार में टक्कर मार दी थी, जिसमें मौके पर ही 6 लोगों की मौत हो गई थी. कहीं ना कहीं शहर में लोग इन हादसों के बाद भी सबक लेते हुए नजर नहीं आ रहे हैं. रॉन्ग साइड जाने पर दो हजार का चालान देना पड़ता है.
20 जुलाई को चालानः
- रॉन्ग साइड: 847 चालान
- रेडलाइट जंप: 253 चालान
- ट्रिपलिंग: 223 चालान
- एनएच 9 पर नो एंट्री: 164 चालान
एंट्री एग्जिट पर पुलिसकर्मी तैनात: एडीसीपी ट्रैफिक रामानंद कुशवाहा के मुताबिक नेशनल हाईवे 9 यानी कि दिल्ली मेरठ एक्सप्रेसवे सबवे पर हादसों को रोकने के लिए सभी एंट्री एग्जिट प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस की तैनाती है. सुबह 7:00 बजे से रात्रि 10:00 बजे तक सभी एंट्री एग्जिट प्वाइंट पर ट्रैफिक पुलिस दो शिफ्ट में तैनात रहते है. जो लोग नेशनल हाईवे 9 पर यातायात नियमों का उल्लंघन करते हैं, उनका चालान किया जाता है. अवैध रूप से जो एनएच 9 पर ऑटो, टू व्हीलर आदि वाहन एंट्री कर रहे होते हैं उन्हें रोककर वापस लौटाया जाता है. चालान किया जाता है.
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