नई दिल्ली: मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने शुक्रवार को एनसीआरटीसी के प्रबंध निदेशक विनय कुमार सिंह के साथ आरआरटीएस कॉरिडोर का निरीक्षण किया और निर्माण गतिविधियों का जायजा लिया. इस दौरान उत्तर प्रदेश सरकार एवं एनसीआरटीसी के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उनके साथ मौजूद रहे.
मुख्य सचिव ने आरआरटीएस कॉरिडोर के साहिबाबाद से दुहाई के बीच स्थित 17 किमी लंबे प्राथमिकता खंड में किए जा रहे विभिन्न निर्माण कार्यों का जायज़ा लिया. इस खंड में पांच स्टेशन हैं, साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो. एनसीआरटीसी निर्धारित समयावधि से पहले ही इस खंड पर परिचालन आरंभ करने जा रही है, जिसके लिए तैयारियां की जा रही हैं. सभी स्टेशनों का निर्माण अंतिम चरण में है तथा सेफ्टी क्लीयरेंस मिलने के साथ ही इस पर जल्द परिचालन आरंभ कर दिया जाएगा.
रैपिड रेल कॉरिडोर पर कई अत्याधुनिक तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है. इनमें से कई तकनीक ऐसी हैं जिनका न सिर्फ भारत में बल्कि विश्व में भी पहली बार प्रयोग किया जा रहा है. जैसे एलटीई कम्युनिकेशन बैकबोन पर स्टैंडर्ड ईटीसीएस सिग्नलिंग प्रणाली, जिसका प्रयोग विश्व में पहली बार किसी परियोजना के लिए किया जा रहा है.
मुख्य सचिव ने अधिकारियों के साथ देश की प्रथम रीजनल रेल में बैठकर दुहाई डिपो स्टेशन से साहिबाबाद स्टेशन के बीच की यात्रा भी की. 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार में इतनी उच्च आवृत्ति पर चलने वाली यह देश की पहली रेल सुविधा है. जल्द यह रेल सुविधा प्राथमिकता खंड के यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी. एनसीआरटीसी का लक्ष्य है कि 82 किमी लंबे सम्पूर्ण दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ आरआरटीएस कॉरिडोर पर वर्ष 2025 तक ट्रेनों का संचालन आरंभ कर दिया जाए.