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नोएडा: साइबर ठगों ने भारत सरकार के पूर्व महानिदेशक को ठगा - KK Saroj ASP of Cyber Police Station

साइबर थाना के ASP केके सरोज ने बताया कि मामले में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके पीछे नाइजीरिया या कोई अन्य गैंग हो सकता है. इस मामले की जांच की जा रही है.

साइबर ठगों ने भारत सरकार के पूर्व महानिदेशक को ठगा
साइबर ठगों ने भारत सरकार के पूर्व महानिदेशक को ठगा
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Published : Mar 25, 2023, 10:58 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: स्ट्रीट क्राइम के बाद साइबर अपराध पुलिस के चुनौती बन रहा है. जिसमें साइबर अपराध करने वाले खासतौर से सेवानिवृत्तकर्मियों को अपना निशाना बनाते हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा के साइबर क्राइम थाने पर आया. यहां भारत सरकार में पूर्व महानिदेशक के पद पर रहे एक अधिकारी के साथ करोड़ों की ठगी की गई. मामला CPWD के रिटायर्ड महानिदेशक (डीजी) से फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 2.54 करोड़ की ठगी का है. साइबर ठगो ने ब्रिटेन की ट्रेडिंग वेबसाइट में निवेश कराने और कई गुना मुनाफा देने का झांसा देकर उनसे ठगी कर ली. सेक्टर-30 के रहने वाले पीड़ित ने सेक्टर-36 स्थित साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी हुई है.

ये भी पढ़ेंः Cattle Smuggling Case: TMC नेता अनुब्रत मंडल ने दिल्ली की अदालत में दायर की याचिका, तिहाड़ से आसनसोल जेल में ट्रांसफर करने की मांग

अनिल शर्मा 2015 में रिटायर्ड हुए थे. जून 2022 में लंदन के एक नंबर से स्विप्नल नाम के एक शख्स ने उनसे संपर्क किया. उसने ब्रिटेन की एक ट्रेडिंग वेबसाइट लेक्सट्रेड डॉट कॉम के बारे में उन्हें बताया. उसने कम समय में कई गुना मुनाफा होने की बात बताई. बाद में स्काइप के जरिए बातचीत में उसने विदेशी फॉरेक्स कंपनी के बारे में जानकारी दी और निवेशकों के बारे में बताया. इसके बाद सेवानिवृति डीजी ने 250 यूएस डॉलर का निवेश किया. कुछ दिनों में इन्हें काफी मुनाफा हुआ. हर निवेश पर उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी करीब 2.54 करोड़ रुपये निवेश कर दिए. जिसके बाद साइबर जालसाज़ ने ये रकम नहीं लौटाई. ठगी का पता चलने पर उन्होंने साइबर पोर्टल पर शिकायत की.

साइबर थाना के ASP केके सरोज ने बताया कि मामले में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके पीछे नाइजीरिया या कोई अन्य गैंग हो सकता है. इस मामले की जांच की जा रही है. जालसाज़ ने निवेश पर 30-100% बोनस का झांसा देता था. कंपनी ने अपना हेड ऑफिस ब्रिटेन बताया था. इसी तरह के ऑफर देकर ये लोगों को फंसाते थे.

नई दिल्ली/नोएडा: स्ट्रीट क्राइम के बाद साइबर अपराध पुलिस के चुनौती बन रहा है. जिसमें साइबर अपराध करने वाले खासतौर से सेवानिवृत्तकर्मियों को अपना निशाना बनाते हैं. ऐसा ही एक मामला नोएडा के साइबर क्राइम थाने पर आया. यहां भारत सरकार में पूर्व महानिदेशक के पद पर रहे एक अधिकारी के साथ करोड़ों की ठगी की गई. मामला CPWD के रिटायर्ड महानिदेशक (डीजी) से फॉरेक्स ट्रेडिंग के नाम पर 2.54 करोड़ की ठगी का है. साइबर ठगो ने ब्रिटेन की ट्रेडिंग वेबसाइट में निवेश कराने और कई गुना मुनाफा देने का झांसा देकर उनसे ठगी कर ली. सेक्टर-30 के रहने वाले पीड़ित ने सेक्टर-36 स्थित साइबर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस मामला दर्ज कर जांच में जुटी हुई है.

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अनिल शर्मा 2015 में रिटायर्ड हुए थे. जून 2022 में लंदन के एक नंबर से स्विप्नल नाम के एक शख्स ने उनसे संपर्क किया. उसने ब्रिटेन की एक ट्रेडिंग वेबसाइट लेक्सट्रेड डॉट कॉम के बारे में उन्हें बताया. उसने कम समय में कई गुना मुनाफा होने की बात बताई. बाद में स्काइप के जरिए बातचीत में उसने विदेशी फॉरेक्स कंपनी के बारे में जानकारी दी और निवेशकों के बारे में बताया. इसके बाद सेवानिवृति डीजी ने 250 यूएस डॉलर का निवेश किया. कुछ दिनों में इन्हें काफी मुनाफा हुआ. हर निवेश पर उन्हें अच्छे पैसे मिल रहे थे. जिसके बाद उन्होंने अपनी सारी जमा पूंजी करीब 2.54 करोड़ रुपये निवेश कर दिए. जिसके बाद साइबर जालसाज़ ने ये रकम नहीं लौटाई. ठगी का पता चलने पर उन्होंने साइबर पोर्टल पर शिकायत की.

साइबर थाना के ASP केके सरोज ने बताया कि मामले में आईटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. इसके पीछे नाइजीरिया या कोई अन्य गैंग हो सकता है. इस मामले की जांच की जा रही है. जालसाज़ ने निवेश पर 30-100% बोनस का झांसा देता था. कंपनी ने अपना हेड ऑफिस ब्रिटेन बताया था. इसी तरह के ऑफर देकर ये लोगों को फंसाते थे.

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