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ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की कुत्ते-बिल्लियों को लेकर पॉलिसी ठंडे बस्ते में, कुत्तों के बढ़ते हमलों से लोग परेशान

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Published : Mar 26, 2023, 3:30 PM IST

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने दिसंबर 2022 में बोर्ड की 128वीं बैठक में कुत्ते और बिल्लियों के लिए कुछ नियम तय किए थे. इसके तहत 31 मार्च 2023 तक प्राधिकरण को एक ऐप तैयार करना था और उस पर सभी कुत्ते-बिल्लियों का पंजीकरण हो जाना था. लेकिन ऐप का काम अभी तक पूरा नहीं हुआ है. बता दें, इन दिनों ग्रेटर नोएडा में कुत्तों का आतंक लगातार बढ़ रहा है.

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नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में कुत्तों के द्वारा लोगों हर हमला करने के मामले लगातार आ रहे हैं. इसको लेकर यहां के स्थानीय निवासियों ने कुत्तों को रखने के लिए एक अलग पेट पॉलिसी बनाने की मांग की थी. उसी मांग को देखते हुए दिसंबर 2022 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 128वीं बोर्ड बैठक में पालतू कुत्ते और बिल्लियों के लिए अलग से पेट पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसको लेकर प्राधिकरण की पॉलिसी को मंजूर भी कर लिया गया, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका है. दरअसल, नई पेट पॉलिसी के अंतर्गत प्राधिकरण को एक ऐप तैयार करना था, जिस पर 31 मार्च 2023 तक पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था, लेकिन अभी तक प्राधिकरण की तरफ से ऐसा ऐप तैयार नहीं किया गया है.

प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देश में 31 मार्च तक पेट्स का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया था. ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी लगाने की भी बात कही गई थी. लेकिन मार्च खत्म होने वाला है और प्राधिकरण की तरफ से अभी तक ऐसा कोई ऐप तैयार नहीं हुआ है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर उत्सव कुमार ने बताया कि प्राधिकरण ने पेट पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया था, जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को ऐप बनाकर तैयार करना था. इस ऐप पर पालतू कुत्ते और बिल्लियों को रखने वाले लोगों को उनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था. यह ऐप बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन किसी वजह से अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है. प्राधिकरण के सिस्टम डिपार्टमेंट ने यूपी डेस्को से ऐप बनाने करार किया है. यह ऐप आगामी 20 से 25 दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद ग्रेटर नोएडा शहर में कुत्ते और बिल्लियों को रखने वाले लोगों को इसमें उनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.

ग्रेटर नोएडा में कुत्तों द्वारा लोगों को घायल करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा वन में एक कुत्ते ने डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची को अपना शिकार बनाया. गेट पर खेल रही बच्ची पर कुत्ते ने हमला किया और उसको खींच कर ले जाने लगा. तभी पास में बैठे उसके दादा ने बड़ी मुश्किल से बच्ची को छुड़ाया. इसमें बच्ची के हाथ पर गंभीर चोटें आई हैं, जिसका अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. वहीं लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में पेट पॉलिसी जल्द बनकर तैयार हो. ताकि कुत्ते और बिल्ली पालने वाले लोगों के लिए दिशा-निर्देश तय हो सके.

ये भी पढ़ेंः Amritpal Singh Case : फरार अलगाववादी अमृतपाल सिंह को शरण देने के आरोप में पाटियाला में महिला गिरफ्तार

प्राधिकरण की पेट पॉलिसी में यह होंगे दिशा-निर्देशः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा लागू की गई पॉलिसी में पालतू कुत्ते बिल्ली आदि रखने वाले व्यक्ति को 1 माह के भीतर प्राधिकरण के ऐप पंजीकरण कराना होगा. ऐसा न करने पर पेट मालिक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं प्राधिकरण ने लावारिस कुत्तों के लिए भी नीति निर्धारण की है.

इसके अनुसार 10 या 10 से अधिक देसी लावारिस कुत्तों को सड़क या पशु शरणालयों से गोद लेने वाले परिवार को इनके पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी. इसके साथ ही एनिमल बर्ड कंट्रोल कैंपस में इन की नसबंदी और टीकाकरण भी निशुल्क किया जाएगा. डॉग फीडर को आरडब्लूए और एओए की तरफ से पहचान पत्र भी दिए जाएंगे. इसके साथ ही स्ट्रीट डॉग्स के नसबंदी के समय प्राधिकरण की तरफ से नामित एजेंसी सीरियल नंबर भी अंकित करेगी.

ये भी पढ़ेंः Cash Limit at Home : आप घर में कितना रख सकते हैं कैश, क्या है इनकम टैक्स के नियम, जानें यहां

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में कुत्तों के द्वारा लोगों हर हमला करने के मामले लगातार आ रहे हैं. इसको लेकर यहां के स्थानीय निवासियों ने कुत्तों को रखने के लिए एक अलग पेट पॉलिसी बनाने की मांग की थी. उसी मांग को देखते हुए दिसंबर 2022 में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 128वीं बोर्ड बैठक में पालतू कुत्ते और बिल्लियों के लिए अलग से पेट पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसको लेकर प्राधिकरण की पॉलिसी को मंजूर भी कर लिया गया, लेकिन इसे अमल में नहीं लाया जा सका है. दरअसल, नई पेट पॉलिसी के अंतर्गत प्राधिकरण को एक ऐप तैयार करना था, जिस पर 31 मार्च 2023 तक पालतू जानवरों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य था, लेकिन अभी तक प्राधिकरण की तरफ से ऐसा ऐप तैयार नहीं किया गया है.

प्राधिकरण द्वारा जारी निर्देश में 31 मार्च तक पेट्स का रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य किया गया था. ऐसा नहीं करने पर पेनल्टी लगाने की भी बात कही गई थी. लेकिन मार्च खत्म होने वाला है और प्राधिकरण की तरफ से अभी तक ऐसा कोई ऐप तैयार नहीं हुआ है. ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीनियर मैनेजर उत्सव कुमार ने बताया कि प्राधिकरण ने पेट पॉलिसी बनाने का निर्णय लिया था, जिसमें ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को ऐप बनाकर तैयार करना था. इस ऐप पर पालतू कुत्ते और बिल्लियों को रखने वाले लोगों को उनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य था. यह ऐप बनकर तैयार हो जाना था, लेकिन किसी वजह से अभी तक बनकर तैयार नहीं हुआ है. प्राधिकरण के सिस्टम डिपार्टमेंट ने यूपी डेस्को से ऐप बनाने करार किया है. यह ऐप आगामी 20 से 25 दिनों में बनकर तैयार हो जाएगा, जिसके बाद ग्रेटर नोएडा शहर में कुत्ते और बिल्लियों को रखने वाले लोगों को इसमें उनका रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य होगा.

ग्रेटर नोएडा में कुत्तों द्वारा लोगों को घायल करने के मामले बढ़ते जा रहे हैं. बीते शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा वन में एक कुत्ते ने डेढ़ वर्ष की मासूम बच्ची को अपना शिकार बनाया. गेट पर खेल रही बच्ची पर कुत्ते ने हमला किया और उसको खींच कर ले जाने लगा. तभी पास में बैठे उसके दादा ने बड़ी मुश्किल से बच्ची को छुड़ाया. इसमें बच्ची के हाथ पर गंभीर चोटें आई हैं, जिसका अस्पताल में इलाज कराया जा रहा है. वहीं लोगों का कहना है कि ग्रेटर नोएडा में पेट पॉलिसी जल्द बनकर तैयार हो. ताकि कुत्ते और बिल्ली पालने वाले लोगों के लिए दिशा-निर्देश तय हो सके.

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प्राधिकरण की पेट पॉलिसी में यह होंगे दिशा-निर्देशः ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण द्वारा लागू की गई पॉलिसी में पालतू कुत्ते बिल्ली आदि रखने वाले व्यक्ति को 1 माह के भीतर प्राधिकरण के ऐप पंजीकरण कराना होगा. ऐसा न करने पर पेट मालिक के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं प्राधिकरण ने लावारिस कुत्तों के लिए भी नीति निर्धारण की है.

इसके अनुसार 10 या 10 से अधिक देसी लावारिस कुत्तों को सड़क या पशु शरणालयों से गोद लेने वाले परिवार को इनके पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी. इसके साथ ही एनिमल बर्ड कंट्रोल कैंपस में इन की नसबंदी और टीकाकरण भी निशुल्क किया जाएगा. डॉग फीडर को आरडब्लूए और एओए की तरफ से पहचान पत्र भी दिए जाएंगे. इसके साथ ही स्ट्रीट डॉग्स के नसबंदी के समय प्राधिकरण की तरफ से नामित एजेंसी सीरियल नंबर भी अंकित करेगी.

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