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Nithari killings case: निठारी कांड के दोषियों की फांसी रद्द होने से पीड़ित परिवार निराश, कहा- हर हाल में हो फांसी

चर्चित निठारी कांड मामले में सुरेन्द्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा को सोमवार को हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया. दोनों मुख्य अभियुक्तों के बरी होने से पीड़ित परिवार काफी दुखी हैं. वहीं सीबीआई इस सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सकती है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 16, 2023, 6:34 PM IST

Updated : Oct 16, 2023, 7:19 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: निठारी कांड मामले में सुरेन्द्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी. फांसी की सजा के खिलाफ कोर्ट में की गई अपील को कोर्ट ने मंजूर कर ली. कोठी D 5 का मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया . कोर्ट के इस फैसले से निठारी कांड के पीड़ित परिवार काफी दुखी हैं. एक पीड़िता की मां का कहना है कि योगी और मोदी सरकार से हमारी अपील है कि दोनों आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. किसी भी हाल में दोनों दोषी छूटने नहीं चाहिए.

फैसले के बाद एतिहात के तौर पर नोएडा पुलिस द्वारा भारी संख्या में सुरक्षा बल D5 कोठी पर तैनात किए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की खंडपीठ ने निठारी कांड के आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से मिली फांसी की सजा को रदद् कर दिया. दोषी सुरेंद्र कोहली की 12 मामलों में मिली फांसी और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द कर दोनों को निर्दोष करार दे दिया है . ऐसे में अब सीबीआई इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट का रुख अख्तियार कर सकती है.

नोएडा के सेक्टर 31 स्थित निठारी गाँव से सटे डी-5 कोठी में 2005 से 2006 के हुए खौफनाक और इस दिल दहला देने वाले नोएडा के निठारी कांड में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए थे. इसको लेकर एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सुरेंद्र कोहली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने का मुल्जिम बनाया था, जब कि आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर को मानव तस्करी का भी आरोपी बनाया गया था. निठारी कांड के दोनों मुख्य आरोपियों को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा बरकरार रखने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपीलें दायर की गई थी. और दलील ये दी गई कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है. उन्हें सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई गई है. तेरह साल पुराना यह मामला उस समय सुर्खियाँ बना था, सेक्टर-31 स्थित निठारी गाँव से वर्ष 2006 में एकाएक कर 17 बच्चों के लापता होने की जांच कर रही सेक्टर 20 थाने की पुलिस को जांच के दौरान निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से एक नरकंकाल मिला था. वहीं, कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए गए थे. चर्चाओं में आने के बाद यह पूरा मामला से देशभर में सनसनी फैल गयी थी.

नई दिल्ली/नोएडा: निठारी कांड मामले में सुरेन्द्र कोली और मनिंदर सिंह पंढेर की फांसी की सजा सोमवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने रद्द कर दी. फांसी की सजा के खिलाफ कोर्ट में की गई अपील को कोर्ट ने मंजूर कर ली. कोठी D 5 का मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर को भी कोर्ट ने बरी कर दिया . कोर्ट के इस फैसले से निठारी कांड के पीड़ित परिवार काफी दुखी हैं. एक पीड़िता की मां का कहना है कि योगी और मोदी सरकार से हमारी अपील है कि दोनों आरोपियों को फांसी की सजा होनी चाहिए. किसी भी हाल में दोनों दोषी छूटने नहीं चाहिए.

फैसले के बाद एतिहात के तौर पर नोएडा पुलिस द्वारा भारी संख्या में सुरक्षा बल D5 कोठी पर तैनात किए गए हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की खंडपीठ ने निठारी कांड के आरोपियों को ट्रायल कोर्ट से मिली फांसी की सजा को रदद् कर दिया. दोषी सुरेंद्र कोहली की 12 मामलों में मिली फांसी और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में मिली फांसी की सजा को रद्द कर दोनों को निर्दोष करार दे दिया है . ऐसे में अब सीबीआई इस सिलसिले में सुप्रीम कोर्ट का रुख अख्तियार कर सकती है.

नोएडा के सेक्टर 31 स्थित निठारी गाँव से सटे डी-5 कोठी में 2005 से 2006 के हुए खौफनाक और इस दिल दहला देने वाले नोएडा के निठारी कांड में सीबीआई ने 16 मामले दर्ज किए थे. इसको लेकर एजेंसी ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें सुरेंद्र कोहली को हत्या, अपहरण, बलात्कार और सबूत मिटाने का मुल्जिम बनाया था, जब कि आरोपी मनिंदर सिंह पंढेर को मानव तस्करी का भी आरोपी बनाया गया था. निठारी कांड के दोनों मुख्य आरोपियों को निचली अदालत से मिली फांसी की सजा बरकरार रखने को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच में अपीलें दायर की गई थी. और दलील ये दी गई कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है. उन्हें सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितिजन्य सबूतों के आधार पर ये सजा सुनाई गई है. तेरह साल पुराना यह मामला उस समय सुर्खियाँ बना था, सेक्टर-31 स्थित निठारी गाँव से वर्ष 2006 में एकाएक कर 17 बच्चों के लापता होने की जांच कर रही सेक्टर 20 थाने की पुलिस को जांच के दौरान निठारी गांव की कोठी नंबर डी-5 से एक नरकंकाल मिला था. वहीं, कोठी के पास नाले से बच्चों के अवशेष बरामद किए गए थे. चर्चाओं में आने के बाद यह पूरा मामला से देशभर में सनसनी फैल गयी थी.

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Last Updated : Oct 16, 2023, 7:19 PM IST
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